सहारनपुर: पूरे देश में कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ता ही जा रहा है. इससे लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इसके चलते कुछ गंभीर मरीजों के ऑपरेशन में भी समस्या उत्पन्न हो गई है. बड़े ऑपरेशन कराने वाले मरीजों को भी खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में ऑपरेशन थिएटर बंद कर दिए गए थे.
लॉकडाउन खत्म होने के तीन महीने बाद सरकारी अस्पतालों के ऑपरेशन खोले गए हैं, जहां ऑपरेशन करने से पहले न सिर्फ आम जांचें की जा रही हैं, बल्कि सुरक्षा के लिहाज से मरीज का कोरोना टेस्ट भी किया जा रहा है. इसके लिए बकायदा हर जिले के सरकारी अस्पताल में ट्रूनॉट मशीन लगाई गई है. इससे 2 घन्टे में 2 मरीजों की जांच रिपोर्ट तैयार की जा रही है. जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ एस. के. वार्ष्णेय ने बताया कि कई महीनों के लॉकडाउन होने के कारण इमरजेंसी मरीजों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा.
शासन के आदेश के बाद शुरू इलाज
इस दौरान केवल कोरोना पॉजिटिव मरीजों का ही इलाज किया जा रहा था. हालांकि जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में गंभीर मरीजों को भी देखा गया, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते सामान्य मरीजों को इलाज से वंचित रहना पड़ा. मरीजों की समस्या को देखते हुए करीब तीन महीने बाद प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री ने कोरोना के साथ नॉर्मल मरीजों का इलाज करने के निर्देश दिए हैं. शासनादेश अनुसार जिला अस्पताल में सभी तरह के ऑपरेशन करने शुरू कर दिए गए हैं
शुरू किये गए इलाज
ऑपरेशन थिएटर में सर्जिकल, आर्थोपेडिक्स ऑपरेशन, नाक, कान और आंखों के ऑपरेशन प्रारंभ कर दिए गए हैं. लॉकडाउन की स्तिथि में जो मरीज ऑपरेशन के लिए अस्पतालों के चक्कर काट रहे थे, आज उनका ऑपरेशन किया जा रहा है.
सभी मरीजों की होगी कोरोना जांच
उन्होंने बताया कि ऑपरेशन से पहले जिस तरह आम जांच कराई जाती है, ठीक उसी तरह अब कोरोना वायरस की जांच करना अनिवार्य हो गया है. ताकि डॉक्टरों एवं अन्य स्टाफ को संक्रमण से बचाया जा सके. इसके लिए सीएम योगी के निर्देश पर बाकायदा ट्रूनॉट मशीन लगाई गई है, जिससे हर डेढ़ से दो घन्टे में 2 मरीजों का कोरोना टेस्ट किया जा सकता है. इसलिए ऑपरेशन वाले मरीजों को एक दिन पहले ही भर्ती कर लिया जाता है.
भर्ती किये गए मरीजों की सामान्य जांच के साथ कोरोना जांच भी की जाती है. जांच में नेगेटिव पाए गए मरीजों का ही ऑपरेशन किया जा रहा है. कोरोना जांच के बाद मरीजों के साथ अस्पताल स्टाफ में संक्रमण फैलने की संभावना कम हो गई है. यदि कोरोना पॉजिटिव मरीज का ऑपरेशन कर दिया जाए तो ऐसे में कोरोना वायरस की चैन बन सकती है, जिससे वायरस का संक्रमण फैल सकता है.
कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही होगा ऑपरेशन
डॉ. वार्ष्णेय ने बताया कि कर्मचारियों का भी टेस्ट कराया जा रहा है. टेस्ट में जिनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आती है, पहले उनके नमूने मेरठ मेडिकल भेजे जाते थे, लेकिन अब जल्द ही टेस्ट किट सहारनपुर अस्पताल में आ रही है. इससे पॉजिटिव मामलों की जांच भी सहारनपुर जिला अस्पताल में ही की जाएगी. इसके बाद पॉजिटिव मरीजों को कोविड स्पेशल अस्पताल में भर्ती कर इलाज किया जाएगा. इसके बाद ही ऑपरेशन की कार्रवाई की जा सकेगी.