बस्ती: कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने अपने ही के नेता के साथ अभद्रता करते हुए मारने के लिए उन्हें दौड़ा दिया. किसी तरह से राष्ट्रीय सचिव ने खुद को कांग्रेस दफ्तर में कैद कर लिया और अपनी जान बचाई. काफी देर तक नाराज कार्यकर्ताओं ने कमरा खोलने को लेकर हंगामा किया लेकिन जिलाध्यक्ष वीरेंद्र पांडेय की सूझबूझ की वजह से राष्ट्रीय सचिव को वहां से सही सलामत बाहर निकाला गया.
दरअसल, बस्ती के कांग्रेस कार्यालय पर टिकट को लेकर कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने के लिए कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय सचिव सचिन नायक बस्ती पहुंचे थे. यहां वो कार्यकर्ताओं से बात कर ही रहे थे कि एक कांग्रेसी को सचिन ने कह दिया कि अगर उम्मीदवार नहीं पसंद तो यहां से जाओ, जिसे सुनते ही अन्य कार्यकर्ता अपना आपा खो बैठे और राष्ट्रीय सचिव पर टूट पड़े.
कांग्रेसी नेताओं का विरोध इस कदर बढ़ गया कि वो मारपीट पर उतारू हो गए. जिलाध्यक्ष ने किसी तरह से सचिव को वहां से बचाया और सचिन ने भागकर दफ्तर के एक कमरे में खुद को बंद कर लिया. इसके बाद भी कांग्रेसियों का गुस्सा शांत नहीं हुआ और वो कमरे के बाहर हंगामा और नारेबाजी करते रहे.
वहीं कर्यकर्ताओं ने सचिन को कांग्रेस का दलाल और गद्दार कहकर वापस जाने को कहा. सचिन ने घंटो तक खुद को अपनी ही पार्टी के कार्यकर्ताओं के गुस्से से बचाकर कमरे में कैद करके रखा. किसी तरह से जिलाध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए कहा कि उन्हें जाने दें. पार्टी कंडीडेट पर विचार करेगी. तब जाकर कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रीय सचिव को जाने दिया.