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बस्ती: टिकट को लेकर कांग्रेसियों का हंगामा, अपने ही नेता पर हुए उग्र

कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय सचिव सचिन नायक कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने के लिए बस्ती पहुंचे थे. इस दौरान किसी बात को लेकर कार्यकर्ता सचिव पर उग्र हो गए. हंगामा इतना बढ़ गया कि राष्ट्रीय सचिव ने अपने आपको कमरे में बंद कर लिया.

कांग्रेसी कार्यकर्ता
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Published : Mar 31, 2019, 11:21 PM IST

बस्ती: कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने अपने ही के नेता के साथ अभद्रता करते हुए मारने के लिए उन्हें दौड़ा दिया. किसी तरह से राष्ट्रीय सचिव ने खुद को कांग्रेस दफ्तर में कैद कर लिया और अपनी जान बचाई. काफी देर तक नाराज कार्यकर्ताओं ने कमरा खोलने को लेकर हंगामा किया लेकिन जिलाध्यक्ष वीरेंद्र पांडेय की सूझबूझ की वजह से राष्ट्रीय सचिव को वहां से सही सलामत बाहर निकाला गया.

टिकट को लेकर कांग्रेसियों को फूटा गुस्सा.


दरअसल, बस्ती के कांग्रेस कार्यालय पर टिकट को लेकर कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने के लिए कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय सचिव सचिन नायक बस्ती पहुंचे थे. यहां वो कार्यकर्ताओं से बात कर ही रहे थे कि एक कांग्रेसी को सचिन ने कह दिया कि अगर उम्मीदवार नहीं पसंद तो यहां से जाओ, जिसे सुनते ही अन्य कार्यकर्ता अपना आपा खो बैठे और राष्ट्रीय सचिव पर टूट पड़े.


कांग्रेसी नेताओं का विरोध इस कदर बढ़ गया कि वो मारपीट पर उतारू हो गए. जिलाध्यक्ष ने किसी तरह से सचिव को वहां से बचाया और सचिन ने भागकर दफ्तर के एक कमरे में खुद को बंद कर लिया. इसके बाद भी कांग्रेसियों का गुस्सा शांत नहीं हुआ और वो कमरे के बाहर हंगामा और नारेबाजी करते रहे.


वहीं कर्यकर्ताओं ने सचिन को कांग्रेस का दलाल और गद्दार कहकर वापस जाने को कहा. सचिन ने घंटो तक खुद को अपनी ही पार्टी के कार्यकर्ताओं के गुस्से से बचाकर कमरे में कैद करके रखा. किसी तरह से जिलाध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए कहा कि उन्हें जाने दें. पार्टी कंडीडेट पर विचार करेगी. तब जाकर कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रीय सचिव को जाने दिया.

बस्ती: कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने अपने ही के नेता के साथ अभद्रता करते हुए मारने के लिए उन्हें दौड़ा दिया. किसी तरह से राष्ट्रीय सचिव ने खुद को कांग्रेस दफ्तर में कैद कर लिया और अपनी जान बचाई. काफी देर तक नाराज कार्यकर्ताओं ने कमरा खोलने को लेकर हंगामा किया लेकिन जिलाध्यक्ष वीरेंद्र पांडेय की सूझबूझ की वजह से राष्ट्रीय सचिव को वहां से सही सलामत बाहर निकाला गया.

टिकट को लेकर कांग्रेसियों को फूटा गुस्सा.


दरअसल, बस्ती के कांग्रेस कार्यालय पर टिकट को लेकर कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने के लिए कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय सचिव सचिन नायक बस्ती पहुंचे थे. यहां वो कार्यकर्ताओं से बात कर ही रहे थे कि एक कांग्रेसी को सचिन ने कह दिया कि अगर उम्मीदवार नहीं पसंद तो यहां से जाओ, जिसे सुनते ही अन्य कार्यकर्ता अपना आपा खो बैठे और राष्ट्रीय सचिव पर टूट पड़े.


कांग्रेसी नेताओं का विरोध इस कदर बढ़ गया कि वो मारपीट पर उतारू हो गए. जिलाध्यक्ष ने किसी तरह से सचिव को वहां से बचाया और सचिन ने भागकर दफ्तर के एक कमरे में खुद को बंद कर लिया. इसके बाद भी कांग्रेसियों का गुस्सा शांत नहीं हुआ और वो कमरे के बाहर हंगामा और नारेबाजी करते रहे.


वहीं कर्यकर्ताओं ने सचिन को कांग्रेस का दलाल और गद्दार कहकर वापस जाने को कहा. सचिन ने घंटो तक खुद को अपनी ही पार्टी के कार्यकर्ताओं के गुस्से से बचाकर कमरे में कैद करके रखा. किसी तरह से जिलाध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए कहा कि उन्हें जाने दें. पार्टी कंडीडेट पर विचार करेगी. तब जाकर कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रीय सचिव को जाने दिया.

Intro:रिपोर्ट- सतीश श्रीवास्तव
बस्ती यूपी
मो- 9889557333

टिकट को लेकर काँग्रेशियो का हंगामा

बस्ती में कांग्रेसी कार्यकर्ता आज उग्र हो गए और अपने ही राष्ट्रीय स्तर के नेता के साथ अभद्रता करते हुए उन्हें मारने के लिए दौड़ा लिया, किसी तरह से राष्ट्रीय सचिव खुद को कांग्रेस दफ्तर में कैद कर लिया, काफी देर तक नाराज को कार्यकर्ता कमरा खोलने को लेकर हंगामा करते रहे मगर जिला अध्यक्छ वीरेंद्र पांडेय की सूझबूझ की वजह से राष्ट्रीय सचिव बच गए, दरअसल बस्ती के कांग्रेस कार्यालय पर टिकट को लेकर कार्यकर्ताओ की नाराजगी कल दूर करने के लिए कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय सचिव सचिन नायक शाम को पहुचे, जहा वे कार्यकर्ताओ ने बात कर ही रहे थे कि एक कांग्रेसी को सचिन ने कहा दिया की अगर उम्मीदवार नही पसंद तो यहां से जाओ, जिसे सुनते ही अन्य वर्कर अपना आपा खो बैठे और राष्ट्रीय सचिव पर टूट पड़े, कांग्रेसी नेताओं और कार्यकर्ताओं का विरोध इस कदर बढ़ गया कि वो मारपीट पर आमादा हो गए, जिला अध्यक्ष ने किसी तरह से सचिव को वहां से बचाया और सचिन भागकर दफ्तर के एक कमरे में खुद को कल बन्द कर लिया, इसके बाद भी कांग्रेसियो का गुस्सा शांत नही हुआ और वो कमरे के बाहर हंगामा और नारेबाजी करते रहे, राष्ट्रीय सचिव सचिन के खिलाफ खूब नारेबाजी हुई, वर्करो ने सचिन को कांग्रेस का दलाल और गद्दा कह कर वापस जाने को कहा, घंटो तक खुद को अपनी ही पार्टी के कार्यकर्ताओं के गुससे से बचाकर कमरे में कैद रहे, किसी तरह से जिला अध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं से अपील किया कि उन्हें जाने दे पार्टी कंडीडेट पर विचार करेगी, किसी तरह से राष्ट्रीय सचिव सचिन को काँग्रेसी नेता कांग्रेसी कर्ताओ से बचाकर उनकी कार तक पहुचाया, और तब सचिन की जान में जान आई और वो बस्ती से रवाना हो गए,



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अब यहां सबसे बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि आखिर जब कांग्रेस के उम्मीदवार को लेकर जब इतना विरोध हो रहा तो शीर्ष नेतृत्व की क्या मजबूरी है कि वह बदलाव नही कर पा रहा , इतना ही नही क्या बस्ती में कांग्रेस के पास ऐसा कोई वर्कर नही जो चुनाव लड़ सके, आरोप है कि कांग्रेस अपने गठबंधन साथी जन अधिकार पार्टी के नए नेता चंद्र शेखर सिंह को टिकट तो दे दिया है मगर उन्हें न तो जनता जानती है और न ही कांग्रेस नेता, फिर ऐसे कंडीडेट पर कांग्रेस क्यों दाव लगा रही है , सुगबुगाहट है कि जन अधिकार पार्टी के अध्यक्छ और एनएचआरएम घोटाले के आरोपी बाबू सिंह कुशवाहा से बड़े लेवल पर डील हुए है जिस आभास बस्ती के काँग्रेशियो को हो चुका है, कंडीडेट को डमी मानकर कांग्रेस कमिटी की तरफ से महासचिव प्रियंका गांधी कल बदलने के लिए पत्र भी भेजा जा चुका है मगर अब तक सभी आला नेता चुप्पी साधे हुए है।


बस्ती यूपी


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