वाराणसी : बनारस के मुंशी प्रेमचंद्र की जन्मभूमि लमही से नन्हे-मुन्ने बच्चे मानवता का एक अद्भुत संदेश दे रहे हैं. महान उपन्यासकार और हिंदी साहित्य जगत के सुविख्यात लेखक मुंशी प्रेमचंद के गांव लमही में छोटे-छोटे बच्चे दूसरों की मदद के लिए पीपीई किट पहनकर लोगों के बीच जा रहे हैं.
वो ना सिर्फ उनकी मदद कर रहे हैं बल्कि उनका हौसला भी बढ़ा रहे हैं. विशाल भारत संस्थान की तरफ से लोगों की मदद की यह जिम्मेदारी उठाने के बाद मानवता की एक अद्भुत और अनूठी मिसाल बनारस में देखने को मिल रही है.
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पीपीई किट पहनकर पहुंचा रहे मदद
जीवन बचाने की मुहिम में विशाल भारत संस्थान के नन्हे-मुन्ने बच्चे आगे आ रहे हैं. विशाल भारत संस्थान का 24 घंटे का वॉर रूम हो या फिर दूसरों की मदद के लिए दवा, अनाज और भोजन के वितरण की जिम्मेदारी, ये नन्हे सेवादूत हर काम को बखूबी निभा रहे हैं. इस संस्थान के छोटे-छोटे बच्चों ने अब तक सैकड़ों परिवारों तक कच्चा राशन पहुंचाकर इनकी मदद करने की कोशिश की है.
सबसे बड़ी बात यह है कि पीपीई किट पहनकर निकल रहे सेवादूत खुद को सुरक्षित रखने के लिए भी प्रयासरत दिखाई दे रहे हैं. इन सभी के प्रयास से जरूरतमंदों तक इंद्रेश राशन की पोटली पहुंचाई जा रही है. इसके अंदर एक माह का अनाज है. पोटली में 15 किलो आटा, 10 किग्रा चावल, 2.5 किग्रा दाल, 2 किग्रा चीनी, 2 किग्रा चना, 2 किग्रा नमक, 2 लीटर तेल, 250 ग्राम हल्दी, 100 ग्राम मसाला और 10 किग्रा आलू उपलब्ध हैं.
24 घंटे सातों दिन एक्टिव है वॉर रूम
संकट की इस घड़ी में बाकायदा मुंशी प्रेमचंद के गांव लमही में स्थित सुभाष भवन में बनाए गए वॉर रूम के हेल्पलाइन नं 8546065991 पर फोन आने के साथ ही मदद की प्रक्रिया शुरू हो जाती है. अनाज बैंक की प्रबंध निदेशक अर्चना भारतवंशी ने बताया कि अब तक वॉर रूम के सेवादूतों ने कोविड पीड़ित 100 परिवारों तक दवा, 52 परिवारों को अनाज और 15 परिवारों को नियमित भोजन पहुंचाया है.
पीड़ित परिवार के एक कॉल पर सेवादूत उनके घर तक पहुंचने का प्रयास करते हैं. अकेले रहने वाले बीमार बुजुर्गों को भोजन पहुंचाया जा रहा है. लोग दवा के लिए ताजीम भारतवंशी को 7068246896 और मो. अजहरूद्दीन को 7068246897, अनाज के लिए अर्चना भारतवंशी को 9473745414 एवं भोजन के लिए 7068246896 पर संपर्क कर सकते हैं.