कानपुर: जिले में बढ़ती कोरोना मरीजों की संख्या को देखते हुए सरकारी कवायद अब तेज हो चुकी है, जिसके चलते सरकार के नजदीक अधिकारियों की नजर उन प्राइवेट अस्पतालों की तरफ मुड़ चुकी है जिनको कोविड 19 के इलाज की अनुमति दी गई है. इसके चलते कानपुर पहुंचे मुख्य सचिव आलोक कुमार का काफिला चलकर अचानक गुरु तेग बहादुर चैरिटेबल अस्पताल गेट पर जा रुका. अस्पताल में उन्हें देखते ही हॉस्पिटल मैनेजमेंट में अफरा तफरी मच गई. आनन-फानन में छोटी-छोटी कमियों को सुधारने का प्रयास किया जाने लगा.
हालांकि मुख्य सचिव ने इन्हें छोड़कर डॉक्टरों से बातचीत की और कोविड 19 क इलाज से संबंधित जानकारियां ली. साथ ही यह भी जांचा परखा गया कि कोरोना से संक्रमित मरीजों को कौन सी दवाइयां दी जा रही हैं. इस दौरान मुख्य सचिव के साथ में मौजूद कानपुर जिलाधिकारी से भी बातचीत के दौरान सरकारी अस्पतालों की जानकारी ली. बता दें कि जिले में इस समय 15 हजार से भी ऊपर मरीज हैं जो कोरोना से संक्रमित हो चुके है. वहीं अभी भी 4 हजार के करीब एक्टिव केस हैं. वहीं मौतों का आंकड़ा भी 400 से पार हो चुका है. इसको लेकर सरकार की चिंता बढ़ती जा रही है. वहीं लगातार प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना के इलाज के लिए अत्यधिक पैसे लेने की बात भी सामने आ रही, जिसको लेकर डीएम ने कहा कि ऐसा कोई भी मामला सामने आएगा तो तुरन्त कार्रवाई की जाएगी.