सोनभद्र : भगवान श्री विष्णु के छठे अवतार श्री परशुराम का जन्म अक्षय तृतीया को हुआ था, जिसके चलते मंगलवार को जिले के विभिन्न संगठनों परशुराम की जयंती बड़े धूमधाम से मनाई गई. सोनभद्र बार एसोसिएशन के सभागार में केंद्रीय ब्राह्मण महासभा द्वारा विधि-विधान से पूजा पाठ करके भगवान परशुराम की जयंती मनाई गई.
अक्षय तृतीया और परशुराम जयंती
- अक्षय तृतीया के ही दिन जन्म से ब्राह्मण और कर्म से क्षत्रिय भृगुवंशी परशुराम का जन्म हुआ था.
- सीता स्वयंवर के समय परशुराम जी अपना धनुष श्री राम को समर्पित कर सन्यासी का जीवन बिताने अन्यत्र चले गए.
- वह अपने साथ एक फरसा रखते थे तभी उनका नाम परशुराम पड़ा.
- अक्षय तृतीया के दिन को ग्रीष्म ऋतु का प्रारंभ का दिन भी माना जाता है. इस दिन जल से भरे घड़े, कुल्हड़,सकोरे, पंखे, सत्तू आदि गर्मी में लाभकारी वस्तुओं का दान पूण्यकारी है.
मनाई गई परशुराम जयंती
- सोनभद्र बार एसोसिएशन कक्ष राबर्ट्सगंज में सैकड़ों की संख्या में इकट्ठा होकर परशुराम जयंती मनाई गई.
- केंद्रीय ब्राह्मण महासभा के जिलाध्यक्ष संजय मिश्रा ने भगवान परशुराम का विधि पूर्वक पूजन अर्चन किया.
- इस मौके पर भगवान परशुराम की अवतरण और अक्षय तृतीया के महत्व पर चर्चा की गई.
- वक्ताओं ने कहा कि अक्षय तृतीया पर भगवान परशुराम के जन्म उत्सव में परशुराम जी की पूजा करके उन्हें अर्घ्य देने का बड़ा महात्मय है.
इस दौरान केंद्रीय ब्राह्मण सभा के जिला महामंत्री अमित शुक्ला ने कहा कि आज भगवान परशुराम की जयंती पूजा पाठ करके बड़े धूमधाम से मनाया गया और ब्राह्मण समाज को एकत्रित करके उनके उत्थान व विकास पर चर्चा की गई.