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Assam mizoram dispute: असम-मिजोरम सीमा पर फायरिंग, 6 जवानों की मौत, 80 लोग जख्मी

असम-मिजोरम के बीच विवादित सीमावर्ती क्षेत्र में एक ​बार फिर ​हिंसा भड़क गई. इसको लेकर दोनों राज्यों के मुख्यमत्रियों के बीच ट्विटर पर विवाद हो गया. गोलीबारी में 6 जवानों की मौत हो गई और लगभग 80 लोग घायल हो गए. घटना के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात कर स्थिति की जानकारी ली.

North-East News, Assam-Mizoram border dispute
असम-मिजोरम सीमा
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Published : Jul 26, 2021, 5:37 PM IST

Updated : Jul 27, 2021, 12:51 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) के शिलांग में पूर्वोत्तर के सभी मुख्यमंत्रियों की बैठक के दो दिन बाद सोमवार को विवादित असम-मिजोरम सीमा पर ​हिंसा फिर भड़क गई. सूचना है कि असम के कछार जिले और मिजोरम कोलासिब जिले के सीमावर्ती इलाके में फायरिंग हुई और इसमें 6 जवानों की मौत हो गई. घटना में कछार जिले के एसपी निंबालकर वैभव चंद्रकांत व धलाई थाने के ओसी समेत लगभग 80 लोग घायल हो गए. घायल पुलिसकर्मियों को तत्काल जिले के एसएमसीएच अस्पताल में रेफर किया गया. उग्रवादियों ने कछार डीसी की गाड़ी को भी क्षतिग्रस्त कर दिया. घटना के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात कर स्थिति की जानकारी ली.

वहीं, इस मामले पर असम के मंत्री परिमल शुक्लाबैद्य ने बयान देते हुए कहा कि मिजोरम के साथ सीमा पर हुई गोलीबारी में असम पुलिस के 6 जवानों की मौत हो गई और करीब 80 लोग घायल हो गए हैं. हमारी तरफ से कोई फायरिंग नहीं हुई है. उन्होंने इस घटना को मिजोरम की ओर से जलियांवाला बाग में अंग्रेजों द्वारा की गई फायरिंग के समान बताया.

असम के कछार जिले के स्थानीय पुलिस थाने के अनुसार, घटना सोमवार सुबह करीब 11.30 बजे की है, जब जिले के डीसी और एसपी के साथ आईजीपी के नेतृत्व में 200 सशस्त्र पुलिस की एक टीम लैलापुर के विवादित क्षेत्र में पहुंची. मिजो उग्रवादी समूहों के कार्यकर्ता असम पुलिस कर्मियों पर हमला करने के लिए तैयार थे और उन्होंने पुलिस दल पर फायरिंग शुरू कर दी. बताया कि अपराधी लाठी, डंडे, लोहे की छड़ और राइफल लिए हुए थे और उन्होंने ललितपुर में असम पुलिस के कर्मियों पर हमला किया और कई वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया, जिसमें उपायुक्त कार्यालय के वाहन भी शामिल थे.

असम पुलिस की ओर से बचाव में जवाबी कार्रवाई की गई. असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने घटना में जवानों की मौत पर ट्वीट करके दुख व्यक्त किया और श्रद्धांजलि दी. असम के सीएम सरमा ने बताया कि उन्होंने मिजोरम के मुख्यमंत्री से बात की है और कहा कि असम पुलिस सीमा पर यथास्थिति तथा शांति बनाए रखेगी. मैंने तुरंत मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा से बात की. मैंने कहा है कि असम सीमा पर यथास्थिति तथा शांति बनाए रखेगा. मैंने आइजोल का दौरा करने और जरूरत पड़ने पर इन मुद्दों पर चर्चा करने की इच्छा जताई है.

असम और मिजोरम के मुख्यमंत्रियों में हुआ ट्विटर वॉर

इसके पहले दिन के में घटना को लेकर दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री ट्विटर (Twitter) पर आपस में भिड़ गए. दिलचस्प बात ये है कि दोनों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भी अपने-अपने पोस्ट में टैग किया है. लाठियों से लैस लोगों के हिंसा के एक वीडियो को ट्वीट करके मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथंगा ने गृह मंत्री शाह से हस्तक्षेप की मांग करते हुए ट्वीट किया, 'इसे अभी रोकने की जरूरत है. घटना में असम के कछार के रास्ते मिजोरम लौट रहे एक दंपती के साथ स्थानीय ठगों और गुंडों ने मारपीट की गई है. आप इन हिंसक कृत्यों को कैसे सही ठहराने जा रहे हैं.'

पढ़ें: असम-मिजोरम सीमा पर फायरिंग, गृह मंत्री अमित शाह ने दोनों राज्यों के CM से की बात

इस पर पलटवार करते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने ट्वीट किया, 'माननीय @ZoramthangaCM जी, कोलासिब (मिजोरम) के एसपी हमें अपने पद से हटने के लिए कह रहे हैं, तब तक उनके नागरिक न सुनेंगे और न ही हिंसा रोकेंगे. हम ऐसी परिस्थितियों में सरकार कैसे चला सकते हैं ? आशा है कि आप जल्द से जल्द हस्तक्षेप करेंगे.'

दोनों राज्यों के बीच क्या है विवाद की असली वजह

  • काफी समय से चले आ रहे सीमा विवाद को खत्म करने के लिए सन 1995 के बाद से कई वार्ताएं हुई, लेकिन इनका कोई फायदा नहीं हुआ. मिजोरम के तीन जिले आइजोल, कोलासिब और ममित और असम के तीन जिले कछार, करीमगंज और हैलाकांडी एक दूसरे से सटे हुए हैं. दोनों ही राज्‍यों के बीच लगभग 164.6 किलोमीटर लंबी सीमा है.
  • वर्षों से सीमाई विवाद वाले इस क्षेत्र में झड़पें होती आई हैं. दोनों ही राज्‍यों के नागरिक एक-दूसरे पर घुसपैठ का आरोप लगाते रहे हैं. इससे पहले जून महीने में दोनों राज्‍यों के अधिकारियों ने एक-दूसरे पर घुसपैठ का आरोप लगाया था.
  • असम के अधिकारियों और विधायकों ने मिजोरम पर राज्‍य में हैलाकांडी में दस किलोमीटर भीतर संरचनाओं का निर्माण करने और सुपारी एवं केले की फसल लगाने का आरोप लगाया था. बता दें कि मिजोरम के अलावा असम का मेघालय और अरुणाचल प्रदेश के साथ भी सीमा विवाद है.
  • असम और मिजोरम के बीच विवादित सीमा पर पिछले 30 जून से तनाव जारी है. पड़ोसी राज्य के उग्रवादी संगठन से धमकियां मिलने के बाद पिछले सप्ताह कुछ भयभीत ग्रामीणों ने गांवों को छोड़ दिया है. आज का दिन दोनों राज्य के सीमावर्ती लोगों के लिए रक्तपात का दिन बन गया.
  • बीते 10 जुलाई को असम सरकार का एक प्रतिनिधिमंडल सीमावर्ती इलाके के दौरे पर गया था और उस समय प्रतिनिधिमंडल पर जानलेवा हमला हुआ था.
  • असम में फिलहाल भाजपा की सरकार है जबकि मिजोरम में भाजपा नीत पूर्वोत्तर लोकतांत्रिक गठबंधन (नेडा) में शामिल मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) की सरकार है.

असम पुलिस ने दागे आंसू गैसे के गोले : मिजोरम गृह मंत्री

मिजोरम गृह मंत्री मिन लालचमलियाना ने असम पुलिस पर बड़ा आरोप लगाया कि मिजोरम पुलिस पर आंसू गैस के गोले दागे गए और उसके बाद असम की ओर से गोलीबारी की गई. ज​बकि मिजोरम के कोलासिब जिले में स्थित सीआरपीएफ ड्यूटी कैंप के अंदर असम पुलिस के साथ कोलासिब के एसपी की वार्ता हो रही थी. बाद में मिजोरम पुलिस ने असम पुलिस पर वापस फायरिंग करके जवाब दिया.

गृह मंत्री ने आगे कहा कि असम पुलिस आईजीपी के नेतृत्व में लगभग 200 असम सशस्त्र पुलिस के जवान सोमवार को वैरेंगटे ऑटो-रिक्शा स्टैंड पर आए. उन्होंने वहां तैनात सीआरपीएफ कर्मियों तैनात द्वारा रोके जाने के बावजूद ड्यूटी पोस्ट को जबरन पार किया और मिजोरम पुलिस के एक ड्यूटी पोस्ट को ढहा दिया. आगजनी की सूचना पर असम पुलिस, वैरेंगटे शहर के निवासी, पूछताछ के लिए साइट पर रवाना हुए.

कांग्रेस ने हिंसा को लेकर भाजपा पर साधा निशाना

कांग्रेस ने एक बयान में कहा कि यह बहुत चिंता का विषय है कि एक ओर दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री ट्विटर पर खुलेआम बहस कर रहे थे, दूसरी ओर तनाव बढ़ रहा था. पार्टी ने पूछा कि कल यानी रविवार को गृह मंत्री ने अंतरराज्यीय सीमा विवाद के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों और मुख्य सचिवों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की थी. उनके बीच क्या हुआ? सीमा विवादों को कम करने के लिए क्या नीतियां अपनाई गईं?

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) के शिलांग में पूर्वोत्तर के सभी मुख्यमंत्रियों की बैठक के दो दिन बाद सोमवार को विवादित असम-मिजोरम सीमा पर ​हिंसा फिर भड़क गई. सूचना है कि असम के कछार जिले और मिजोरम कोलासिब जिले के सीमावर्ती इलाके में फायरिंग हुई और इसमें 6 जवानों की मौत हो गई. घटना में कछार जिले के एसपी निंबालकर वैभव चंद्रकांत व धलाई थाने के ओसी समेत लगभग 80 लोग घायल हो गए. घायल पुलिसकर्मियों को तत्काल जिले के एसएमसीएच अस्पताल में रेफर किया गया. उग्रवादियों ने कछार डीसी की गाड़ी को भी क्षतिग्रस्त कर दिया. घटना के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात कर स्थिति की जानकारी ली.

वहीं, इस मामले पर असम के मंत्री परिमल शुक्लाबैद्य ने बयान देते हुए कहा कि मिजोरम के साथ सीमा पर हुई गोलीबारी में असम पुलिस के 6 जवानों की मौत हो गई और करीब 80 लोग घायल हो गए हैं. हमारी तरफ से कोई फायरिंग नहीं हुई है. उन्होंने इस घटना को मिजोरम की ओर से जलियांवाला बाग में अंग्रेजों द्वारा की गई फायरिंग के समान बताया.

असम के कछार जिले के स्थानीय पुलिस थाने के अनुसार, घटना सोमवार सुबह करीब 11.30 बजे की है, जब जिले के डीसी और एसपी के साथ आईजीपी के नेतृत्व में 200 सशस्त्र पुलिस की एक टीम लैलापुर के विवादित क्षेत्र में पहुंची. मिजो उग्रवादी समूहों के कार्यकर्ता असम पुलिस कर्मियों पर हमला करने के लिए तैयार थे और उन्होंने पुलिस दल पर फायरिंग शुरू कर दी. बताया कि अपराधी लाठी, डंडे, लोहे की छड़ और राइफल लिए हुए थे और उन्होंने ललितपुर में असम पुलिस के कर्मियों पर हमला किया और कई वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया, जिसमें उपायुक्त कार्यालय के वाहन भी शामिल थे.

असम पुलिस की ओर से बचाव में जवाबी कार्रवाई की गई. असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने घटना में जवानों की मौत पर ट्वीट करके दुख व्यक्त किया और श्रद्धांजलि दी. असम के सीएम सरमा ने बताया कि उन्होंने मिजोरम के मुख्यमंत्री से बात की है और कहा कि असम पुलिस सीमा पर यथास्थिति तथा शांति बनाए रखेगी. मैंने तुरंत मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा से बात की. मैंने कहा है कि असम सीमा पर यथास्थिति तथा शांति बनाए रखेगा. मैंने आइजोल का दौरा करने और जरूरत पड़ने पर इन मुद्दों पर चर्चा करने की इच्छा जताई है.

असम और मिजोरम के मुख्यमंत्रियों में हुआ ट्विटर वॉर

इसके पहले दिन के में घटना को लेकर दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री ट्विटर (Twitter) पर आपस में भिड़ गए. दिलचस्प बात ये है कि दोनों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भी अपने-अपने पोस्ट में टैग किया है. लाठियों से लैस लोगों के हिंसा के एक वीडियो को ट्वीट करके मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथंगा ने गृह मंत्री शाह से हस्तक्षेप की मांग करते हुए ट्वीट किया, 'इसे अभी रोकने की जरूरत है. घटना में असम के कछार के रास्ते मिजोरम लौट रहे एक दंपती के साथ स्थानीय ठगों और गुंडों ने मारपीट की गई है. आप इन हिंसक कृत्यों को कैसे सही ठहराने जा रहे हैं.'

पढ़ें: असम-मिजोरम सीमा पर फायरिंग, गृह मंत्री अमित शाह ने दोनों राज्यों के CM से की बात

इस पर पलटवार करते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने ट्वीट किया, 'माननीय @ZoramthangaCM जी, कोलासिब (मिजोरम) के एसपी हमें अपने पद से हटने के लिए कह रहे हैं, तब तक उनके नागरिक न सुनेंगे और न ही हिंसा रोकेंगे. हम ऐसी परिस्थितियों में सरकार कैसे चला सकते हैं ? आशा है कि आप जल्द से जल्द हस्तक्षेप करेंगे.'

दोनों राज्यों के बीच क्या है विवाद की असली वजह

  • काफी समय से चले आ रहे सीमा विवाद को खत्म करने के लिए सन 1995 के बाद से कई वार्ताएं हुई, लेकिन इनका कोई फायदा नहीं हुआ. मिजोरम के तीन जिले आइजोल, कोलासिब और ममित और असम के तीन जिले कछार, करीमगंज और हैलाकांडी एक दूसरे से सटे हुए हैं. दोनों ही राज्‍यों के बीच लगभग 164.6 किलोमीटर लंबी सीमा है.
  • वर्षों से सीमाई विवाद वाले इस क्षेत्र में झड़पें होती आई हैं. दोनों ही राज्‍यों के नागरिक एक-दूसरे पर घुसपैठ का आरोप लगाते रहे हैं. इससे पहले जून महीने में दोनों राज्‍यों के अधिकारियों ने एक-दूसरे पर घुसपैठ का आरोप लगाया था.
  • असम के अधिकारियों और विधायकों ने मिजोरम पर राज्‍य में हैलाकांडी में दस किलोमीटर भीतर संरचनाओं का निर्माण करने और सुपारी एवं केले की फसल लगाने का आरोप लगाया था. बता दें कि मिजोरम के अलावा असम का मेघालय और अरुणाचल प्रदेश के साथ भी सीमा विवाद है.
  • असम और मिजोरम के बीच विवादित सीमा पर पिछले 30 जून से तनाव जारी है. पड़ोसी राज्य के उग्रवादी संगठन से धमकियां मिलने के बाद पिछले सप्ताह कुछ भयभीत ग्रामीणों ने गांवों को छोड़ दिया है. आज का दिन दोनों राज्य के सीमावर्ती लोगों के लिए रक्तपात का दिन बन गया.
  • बीते 10 जुलाई को असम सरकार का एक प्रतिनिधिमंडल सीमावर्ती इलाके के दौरे पर गया था और उस समय प्रतिनिधिमंडल पर जानलेवा हमला हुआ था.
  • असम में फिलहाल भाजपा की सरकार है जबकि मिजोरम में भाजपा नीत पूर्वोत्तर लोकतांत्रिक गठबंधन (नेडा) में शामिल मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) की सरकार है.

असम पुलिस ने दागे आंसू गैसे के गोले : मिजोरम गृह मंत्री

मिजोरम गृह मंत्री मिन लालचमलियाना ने असम पुलिस पर बड़ा आरोप लगाया कि मिजोरम पुलिस पर आंसू गैस के गोले दागे गए और उसके बाद असम की ओर से गोलीबारी की गई. ज​बकि मिजोरम के कोलासिब जिले में स्थित सीआरपीएफ ड्यूटी कैंप के अंदर असम पुलिस के साथ कोलासिब के एसपी की वार्ता हो रही थी. बाद में मिजोरम पुलिस ने असम पुलिस पर वापस फायरिंग करके जवाब दिया.

गृह मंत्री ने आगे कहा कि असम पुलिस आईजीपी के नेतृत्व में लगभग 200 असम सशस्त्र पुलिस के जवान सोमवार को वैरेंगटे ऑटो-रिक्शा स्टैंड पर आए. उन्होंने वहां तैनात सीआरपीएफ कर्मियों तैनात द्वारा रोके जाने के बावजूद ड्यूटी पोस्ट को जबरन पार किया और मिजोरम पुलिस के एक ड्यूटी पोस्ट को ढहा दिया. आगजनी की सूचना पर असम पुलिस, वैरेंगटे शहर के निवासी, पूछताछ के लिए साइट पर रवाना हुए.

कांग्रेस ने हिंसा को लेकर भाजपा पर साधा निशाना

कांग्रेस ने एक बयान में कहा कि यह बहुत चिंता का विषय है कि एक ओर दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री ट्विटर पर खुलेआम बहस कर रहे थे, दूसरी ओर तनाव बढ़ रहा था. पार्टी ने पूछा कि कल यानी रविवार को गृह मंत्री ने अंतरराज्यीय सीमा विवाद के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों और मुख्य सचिवों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की थी. उनके बीच क्या हुआ? सीमा विवादों को कम करने के लिए क्या नीतियां अपनाई गईं?

Last Updated : Jul 27, 2021, 12:51 PM IST
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