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वाराणसी: लोकसभा चुनाव से पहले बीएलओ को मिलेगी 'पहचान'

वाराणसी में लोकसभा चुनाव से पहले बीएलओ को 'पहचान' देने की कवायद शुरू कर दी गई है. प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने इलेक्शन को लेकर तैयारियों की समीक्षा की थी. जिसमें यह बात सामने आई थी कि पहचान पत्र नहीं होने के कारण बीएलओ को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है.

blo को मिलेगी पहचान
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Published : Feb 25, 2019, 11:44 AM IST

वाराणसी: लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही राजनैतिक पार्टियों के साथ अब प्रशासन ने भी कमर कस लिया है. इसी के तहत मतदाता सूची पुनरीक्षण के कार्य में लगे बीएलओ को भी नई पहचान देने की तैयारी शुरू कर दी गई है. बीएलओ के पास पहचान नहीं होने के कारण कई समस्याओं का सामना करना पड़ता था.

लोकसभा चुनाव से पहले बीएलओ को मिलेगी पहचान


वाराणसी में हाल ही में प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी वेंकटेश्वर एल ने इलेक्शन को लेकर की जा रही तैयारियों की समीक्षा की थी. इस दौरान यह बात सामने आई थी कि बीएलओ के पास आई कार्ड नहीं होने के कारण उन्हें शहरी क्षेत्र में कई परेशानी का सामना करना पड़ता है. जिसके कारण बीएलओ को बार-बार लोगों के सामने अपनी पहचान बतानी पड़ती है. साथ ही कुछ लोग उनपर विश्वास भी नहीं करते हैं. इन सभी समस्याओं को देखते हुए बीएलओ को आई कार्ड जारी करने के निर्देश दिए गए हैं.


जिला निर्वाचन अधिकारी सुरेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि जिला प्रशासन की तरफ से शहरी क्षेत्र में बीएलओ को आई कार्ड जारी किए जा रहे हैं. जिससे उन्हें किसी भी तरह की समस्या का सामना ना करना पड़े. फिलहाल लगभग 8000 से ज्यादा कर्मचारियों को इस बार चुनाव में लगाया जाना है. जिनमें से अभी तक लगभग 1500 शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में मतदाता सूची पुनरीक्षण का कार्य कर रहे हैं.

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वाराणसी: लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही राजनैतिक पार्टियों के साथ अब प्रशासन ने भी कमर कस लिया है. इसी के तहत मतदाता सूची पुनरीक्षण के कार्य में लगे बीएलओ को भी नई पहचान देने की तैयारी शुरू कर दी गई है. बीएलओ के पास पहचान नहीं होने के कारण कई समस्याओं का सामना करना पड़ता था.

लोकसभा चुनाव से पहले बीएलओ को मिलेगी पहचान


वाराणसी में हाल ही में प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी वेंकटेश्वर एल ने इलेक्शन को लेकर की जा रही तैयारियों की समीक्षा की थी. इस दौरान यह बात सामने आई थी कि बीएलओ के पास आई कार्ड नहीं होने के कारण उन्हें शहरी क्षेत्र में कई परेशानी का सामना करना पड़ता है. जिसके कारण बीएलओ को बार-बार लोगों के सामने अपनी पहचान बतानी पड़ती है. साथ ही कुछ लोग उनपर विश्वास भी नहीं करते हैं. इन सभी समस्याओं को देखते हुए बीएलओ को आई कार्ड जारी करने के निर्देश दिए गए हैं.


जिला निर्वाचन अधिकारी सुरेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि जिला प्रशासन की तरफ से शहरी क्षेत्र में बीएलओ को आई कार्ड जारी किए जा रहे हैं. जिससे उन्हें किसी भी तरह की समस्या का सामना ना करना पड़े. फिलहाल लगभग 8000 से ज्यादा कर्मचारियों को इस बार चुनाव में लगाया जाना है. जिनमें से अभी तक लगभग 1500 शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में मतदाता सूची पुनरीक्षण का कार्य कर रहे हैं.

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Intro:वाराणसी: 2019 लोकसभा चुनाव को अब कुछ दिन ही बचे हैं और इसे लेकर तैयारियां जोर पकड़ने लगी हैं एक तरफ जहां राजनैतिक पार्टियां अपना पूरा दमखम लगा रही हैं वही प्रशासनिक स्तर पर भी अब तैयारियों की शुरुआत की जा रही है एक तरफ जहां निर्वाचन से जुड़े उच्चाधिकारी जिलों का निरीक्षण कर तैयारियों का जायजा ले रहे हैं वही मतदाता सूची पुनरीक्षण के कार्य में लगे बीएलओ को भी इस बार वाराणसी प्रशासन ने नई पहचान देने की तैयारी कर ली है यह सिर्फ इसलिए क्योंकि हर बार चुनाव से पहले बीएलओ उसको अपनी पहचान का संकट खड़ा हो जाता था जो उन्हें जानते थे उनके लिए तो नहीं लेकिन जो नहीं जानते थे उनको अपने बारे में बताने में बीएलओ उसको काफी परेशानी होती थी खासतौर पर शहरी क्षेत्र में इसलिए वाराणसी जिला प्रशासन ने इस बार भी हेलो स्कोर पहचान देने की नवीन कवायद शुरू की है.


Body:वीओ-01 वाराणसी में हाल ही में प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी वेंकटेश्वर एल ने इलेक्शन को लेकर की जा रही तैयारियों की समीक्षा की थी इस दौरान यह बात सामने आई थी कि बीएलओ को काफी परेशानी का सामना शहरी क्षेत्र में करना पड़ता है क्योंकि उनके पास आई कार्ड मौजूद नहीं रहता है इस दृष्टि से बीएलओ उसको बार-बार लोगों के सामने अपनी पहचान बनानी पड़ती है बहुत से लोग विश्वास भी नहीं करते इन चीजों को दृष्टिगत रखते हुए बीएलओ उसको आई कार्ड जारी करने के निर्देश दिए गए हैं वाराणसी के जिला अधिकारी और जिला निर्वाचन अधिकारी सुरेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि जिला प्रशासन की तरफ से शहरी क्षेत्र में बीएलओ को आई कार्ड जारी किए जा रहे हैं ताकि उनको किसी भी तरह की समस्या का सामना ना करना पड़े फिलहाल लगभग 8000 से ज्यादा कर्मचारियों को इस बार चुनाव में लगाया जाना है जिनमें से अभी तक लगभग 1500 शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में मतदाता सूची पुनरीक्षण का कार्य कर रहे हैं.

बाईट- सुरेन्द्र कुमार सिंह, जिलानिर्वाचन अधिकारी, जिलाधिकारी, वाराणसी


Conclusion:वीओ-02 निश्चित तौर पर प्रशासनिक स्तर पर बीएलओ को पहली बार आई कार्ड जारी किए जाने से एक तरफ जहां पुनरीक्षण के कार्य में तेजी आएगी वही बीएलओ को भी परेशानी का सामना कम करना पड़ेगा इस तरह की नवीन पहल से जहां चुनाव की तैयारियां भी स्पीड पकड़ेंगे वहीं लोगों को भी इस बात का भरोसा होगा कि उनके पास जिस भी व्यक्ति को भेजा जा रहा है या पहुंच रहा है वह सही है ना कि कोई फ्रॉड.

बाईट- सुरेन्द्र कुमार सिंह, जिलानिर्वाचन अधिकारी, जिलाधिकारी, वाराणसी

गोपाल मिश्र

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