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सीतापुर: सूखे पड़े तालाब, प्यास से जानवर तक बेहाल

इस भीषण गर्मी में लोग ही नहीं जानवर भी बेहाल है. सब एक-एक बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं. वहीं सरकार के गांवों में लाखों रुपये खर्च करके बनाए गए तालाब भी सूखे पड़े है. जिसके चलते इन बेजुबानों के लिए गंभीर समस्या खड़ी हो गई है.

सूखे पड़े तालाब, प्यास से जानवर तक बेहाल
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Published : May 15, 2019, 9:45 AM IST

सीतापुर: भीषण गर्मी के चलते इंसान ही नहीं पशु-पक्षी और बेजुबान जानवर सभी परेशान हैं. वहीं गांवों में लाखों रुपए की लागत लगाकर बनाए गए तालाब भी पूरी तरह से सूखे पड़े हैं. जिससे इन बेजुबान जानवरों और पशु-पक्षियों की प्यास नहीं बुझ पा रही है. ईटीवी भारत की पहल पर सीडीओ ने इन तालाबों को जल्द ही भरवाने का भरोसा दिलाया है.

सूखे पड़े तालाब, प्यास से जानवर तक बेहाल.
  • राजस्व विभाग के अभिलेखों के अनुसार पूरे जिले में करीब साढ़े छह हजार तालाब हैं.
  • इनमें बहुत सारे तालाब मनरेगा योजना के तहत खुदवाए गए हैं, लेकिन विडम्बना यह है कि ये तालाब इस भीषण गर्मी में भी सूखे पड़े हैं.
  • इनमें पानी नहीं है. साथ ही वर्षों से इनकी साफ सफाई भी नहीं हुई है, जिसके चलते उनमें घास-फूस आदि जमा हो गई है.
  • कुछ तालाबों का तो अस्तित्व ही खत्म होता दिखाई दे रहा है.


ग्रामीणों ने बताया कि

  • इस भीषण गर्मी में जानवरों के लिए पानी की कोई व्यवस्था नहीं है.
  • वैसे ये जानवर तालाबों और पोखरों के पानी से अपनी प्यास बुझा लिया करते थे, लेकिन इस बार उनके सूखे पड़े होने से यह एक बड़ी समस्या है.


वहीं सीडीओ संदीप कुमार का कहना है
इन तालाबों को शारदा सहायक नहर, राजकीय नलकूप और ग्राम पंचायत के जरिए भरवाने के निर्देश दिए गए हैं, जल्द ही इन्हें भरवा दिया जाएगा.

सीतापुर: भीषण गर्मी के चलते इंसान ही नहीं पशु-पक्षी और बेजुबान जानवर सभी परेशान हैं. वहीं गांवों में लाखों रुपए की लागत लगाकर बनाए गए तालाब भी पूरी तरह से सूखे पड़े हैं. जिससे इन बेजुबान जानवरों और पशु-पक्षियों की प्यास नहीं बुझ पा रही है. ईटीवी भारत की पहल पर सीडीओ ने इन तालाबों को जल्द ही भरवाने का भरोसा दिलाया है.

सूखे पड़े तालाब, प्यास से जानवर तक बेहाल.
  • राजस्व विभाग के अभिलेखों के अनुसार पूरे जिले में करीब साढ़े छह हजार तालाब हैं.
  • इनमें बहुत सारे तालाब मनरेगा योजना के तहत खुदवाए गए हैं, लेकिन विडम्बना यह है कि ये तालाब इस भीषण गर्मी में भी सूखे पड़े हैं.
  • इनमें पानी नहीं है. साथ ही वर्षों से इनकी साफ सफाई भी नहीं हुई है, जिसके चलते उनमें घास-फूस आदि जमा हो गई है.
  • कुछ तालाबों का तो अस्तित्व ही खत्म होता दिखाई दे रहा है.


ग्रामीणों ने बताया कि

  • इस भीषण गर्मी में जानवरों के लिए पानी की कोई व्यवस्था नहीं है.
  • वैसे ये जानवर तालाबों और पोखरों के पानी से अपनी प्यास बुझा लिया करते थे, लेकिन इस बार उनके सूखे पड़े होने से यह एक बड़ी समस्या है.


वहीं सीडीओ संदीप कुमार का कहना है
इन तालाबों को शारदा सहायक नहर, राजकीय नलकूप और ग्राम पंचायत के जरिए भरवाने के निर्देश दिए गए हैं, जल्द ही इन्हें भरवा दिया जाएगा.

Intro:सीतापुर: इस समय भीषण गर्मी का दौर चल रहा है. जिससे इंसान ही नही पशु-पक्षी और बेजुबान जानवर सभी व्याकुल है बावजूद इसके गांवो में लाखों रुपए की लागत लगाकर खोदे गए तालाब पूरी तरह से सूखे पड़े हैं जिससे इन बेजुबान जानवरों और पशु-पक्षियों की प्यास नही बुझ पा रही है.हालांकि ईटीवी की पहल पर सीडीओ ने इन तालाबों को जल्द ही भरवाने का भरोसा दिलाया है.

राजस्व विभाग के अभिलेखों के अनुसार पूरे जिले में करीब साढ़े छह हजार तालाब हैं. इनमें बहुत सारे तालाब मनरेगा योजना के तहत खुदवाए गए हैं लेकिन विडम्बना यह है कि यह तालाब इस भीषण गर्मी में भी सूखे पड़े हैं इनमें पानी नही है साथ ही वर्षो से इनकी साफ सफाई भी नही हुई है लिहाज़ा उनमें घास-फूस आदि जमा हो गई है.

तालाबो की हालत जानने के लिए जब हमने गांवो का भृमण किया तो उनकी स्थिति काफी बदहाल दिखी.कुछ तालाबो का तो अस्तित्व ही खत्म होता दिखाई दिया.जिन तालाबों का स्थिति ठीक थी उनमें भी पानी नही था. ग्रामीणों ने बताया कि इस भीषण गर्मी में जानवरों के लिए पानी की कोई व्यवस्था नही है. वैसे ये जानवर तालाबो और पोखरों के पानी से अपनी प्यास बुझा लिया करते थे लेकिन इस बार उनके सूखे पड़े होने से यह एक बड़ी समस्या है.

इस बाबत जब हमने सीडीओ संदीप कुमार से बात की तो उन्होंने बताया कि इन तालाबों को शारदा सहायक नहर,राजकीय नलकूप और ग्राम पंचायत के जरिये भरवाने के निर्देश दिए गए हैं जल्द ही इन्हें भरवा दिया जाएगा.

बाइट-रामभुवन (स्थानीय निवासी)
बाइट-राजेश तिवारी (स्थानीय निवासी)
बाइट-संदीप कुमार (सीडीओ)

सीतापुर से नीरज श्रीवास्तव की रिपोर्ट,9415084887


Body:पूरे जिले में है साढ़े छह हजार तालाब


Conclusion:
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