बुलंदशहरः लॉकडाउन के दौरान सेवायोजकों को उनके यहां कार्यरत श्रमिकों या कामगारों को शासन की गाइडलाइन के मुताबिक निर्धारित न्यूनतम वेतन का भुगतान करना होगा. ऐसा न करने पर फर्म व कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इसी के मद्देनजर जिले में श्रम विभाग ने सभी छोटी बड़ी इकाइयों को सूचना जारी कर दी है.
भुगतान न करने पर होगी कार्रवाई
सहायक श्रमायुक्त मुकेश कुमार दीक्षित ने बताया कि शासन की मंशा के अनुसार सेवायोजक से जुड़ी कंपनियां या फर्म समय से अपने यहां कार्यरत श्रमिकों को उचित मानदेय का भुगतान करें. अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है.
मेहनताना में 10 से 20 फीसदी की कटौती
सहायक श्रमायुक्त ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से श्रमिकों पर कम भुगतान स्वीकार करने के लिए सेवायोजकों के द्वारा दबाव बनाए जाने की शिकायतें मिल रही हैं. वहीं कार्यरत श्रमिकों को प्रदेश शासन द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन का भुगतान करने में भी आनाकानी की बातें सामने आ रही हैं. साथ ही पूर्व निर्धारित मेहनताना में 10 से 20 फीसदी की कटौती की जानकारी भी सुनने में आ रही है.
विभाग की तरफ से उठाए जाएंगे कठोर कदम
मुकेश कुमार दीक्षित ने कहा कि विभाग काफी सजग है और ऐसे लोगों को चिन्हित कर उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा. उन्होंने इस बारे में आवश्यक दिशा निर्देश भी जारी किए हैं. साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि कर्मचारी को उचित धनराशि न मिलने पर या कंपनी की तरफ से कम धनराशि दिए जाने पर ऐसे लोगों व संस्थाओं को चिन्हित करके कठोर कदम विभाग की तरफ से उठाए जाएंगे.
कार्य करने पर ही किया जाएगा भुगतान
सहायक श्रमायुक्त मुकेश दीक्षित ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर कामगारों ने किसी फर्म, कंपनी या इकाई में इस दौरान कार्य नहीं किया है तो उन्हें संस्थाएं भुगतान करेंगी, ऐसा कोई भी दिशा निर्देश शासन से नहीं मिला है. यह नियम सिर्फ और सिर्फ उस दिशा में काम करेगा जब कर्मचारी ने कार्य किया हो. बिना कार्य किए अगर श्रमिक या कामगार भुगतान चाहता है तो इस बारे में ऐसी कोई गाइडलाइन नहीं है. फिलहाल उन्होंने कहा कि महकमे के जिम्मेदार मॉनिटरिंग कर रहे हैं और अगर कहीं कोई परेशानी आती है तो श्रमिकों को न्याय दिलाया जाएगा.