मिर्जापुर: दो दशक से स्वास्थ्य विभाग में चतुर्थ श्रेणी के पद पर कार्य कर रहे 64 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया है. सीबीसीआईडी की जांच में फर्जीवाड़े की पोल खुलने पर यह कार्रवाई की गई है. 1996 और 1998 में नियुक्ति में गड़बड़ी मिलने के मामले में शासन ने कर्मचारियों को बर्खास्त किया है. मुख्य चिकित्सा अधिकारी के निर्देश पर शुक्रवार से सभी कर्मचारियों से काम लेना बंद कर दिया गया है. सभी से अटेंडेंस लगाने को मना कर दिया गया है.
दरअसल, 1996 और 98 में स्वास्थ्य विभाग में चतुर्थ श्रेणी पद पर 64 लोगों की नियुक्ति की गई थी. इसमें सीएमओ कार्यालय में अनियमितताएं, भ्रष्टाचार और राजकीय धन के अपव्यय के आरोप लगाते हुए मामले की सीबीसीआईडी से जांच कराने की मांग की गई थी. इसको देखते हुए जून 2010 में सीबीसीआईडी के निदेशक को जांच की जिम्मेदारी दी गई. इसके बाद पुलिस अधीक्षक सीबीसीआईडी वाराणसी से जांच कराई गई. कई सालों तक चली पुलिस अधीक्षक की जांच आख्या पर निदेशक ने 14 अक्टूबर 2019 को तत्कालीन सीएमओ डॉक्टर पीसी श्रीवास्तव समेत 64 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराकर जांच शुरू करने का आदेश दिए थे.
महानिदेशालय को अवगत कराने के निर्देश
जांच के बाद सीबीसीआईडी के निदेशक ने 10 दिसंबर 2019 को 64 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्ति निरस्त करने की संस्तुति कर दी. इसके बाद निदेशक चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. पूजा पांडे ने इन नियुक्तियों को निरस्त करने का आदेश दे दिया. उन्होंने सीएमओ को तत्काल अपने स्तर से कार्रवाई कर महानिदेशालय को अवगत कराने का निर्देश दिया. इसमे मिर्जापुर सीएमओ ने शासन के आदेश पर साल 1996-98 में हुई नियुक्तियों को निरस्त कर दिया. बर्खास्त किए चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को पत्र भेजकर अवगत कराने को कहा गया है.