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सहारनपुर : शराब कांड पर जिला प्रशासन जिम्मेदार, ग्रामीणों ने लगाए आरोप - शराब कांड

सहारनपुर में गुरुवार शाम से जहरीली शराब का कहर लगातार जारी है. जनपद के उमाहि, सरबतपुर, खेड़ा मुगल, ताजपुर, कोलकी समेत एक दर्जन से ज्यादा गांवों में मातम पसरा हुआ है.

सहारनपुर शराब कांड
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Published : Feb 9, 2019, 3:06 PM IST

सहारनपुर: प्रशासन रुड़की के बालुपुरा में लोगों द्वारा जहरीली शराब का सेवन करने का दावा कर रही है. वहीं पीड़ितों के परिजन जिला प्रशासन के दावों की पोल खोल रहे हैं. सहारनपुर में पिछले 24 घंटे में जहरीली शराब पीने से 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. इसके चलते न सिर्फ दर्जनों गांव में मातम का माहौल बना हुआ है, बल्कि जिला अस्पताल में भी परिजनों और मिलने वालों का तांता लगा हुआ है.

जिले भर में एम्बुलेंस और अधिकारियों की गाड़ियों के सायरन गुंज रहे हैं. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हुआ है. डॉक्टरों की टीमें अब तक 46 शवों का पोस्टमार्टम कर चुकी हैं. बावजूद इसके जिला प्रशासन इसी बात पर अड़ा है कि मरने वालों को बालुपुरा में कच्ची शराब पिलाई गई है, जिससे उनकी मौत हुई है. लेकिन, ग्रामीण न सिर्फ पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रहे हैं, बल्कि सहारनपुर में ही मौत के झाम पीने की बात कहकर जिला प्रशासन की स्क्रिप्ट को खारिज कर रहे हैं.

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सहारनपुर शराब कांड मामला.
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ग्रामीणों ने ईटीवी को बताया कि शराब माफिया बाहर से गांव में कच्ची शराब लाकर बेच रहे थे. सहारनपुर में गुरुवार शाम से जहरीली शराब का कहर लगातार जारी है. जनपद के उमाहि, सरबतपुर, खेड़ा मुगल, ताजपुर, कोलकी समेत एक दर्जन से ज्यादा गांवों में मातम पसरा हुआ है. जिले में अब तक मौत का यह आंकड़ा 50 को पार कर चुका है. 50 से ज्यादा लोग शहर के मेडिकल कॉलेज, निजी अस्पतालों हायर सेंटर में जिंदगी मौत की जंग लड़ रहे हैं. बावजूद इसके जिला प्रशासन एक ही बात पर अड़ा हुआ है. जिलाधिकारी कच्ची एवं जहरीली शराब की खरीददारी उत्तराखण्ड के बालुपुरा को बता रहे हैं.

जिलाधिकारी का कहना है कि मरने वाले लोग बालुपुरा में एक रस्म तेहरामी कार्यक्रम में शराब पीकर आए थे, जिसके बाद इनकी हालत बिगड़ी ओर मौत हो गई. बड़े पैमाने पर जहरीली शराब पीने से हुई मौतों के बाद यह बात किसी के गले नहीं उतर रही है. हालांकि शराब कांड में आबकारी अधिकारी समेत 16 लोगों पर निलंबन की गाज गिर चुकी है.

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ईटीवी की टीम ने ग्रामीणों के बीच पहुंचकर शराब बिक्री की सच्चाई जानने की कोशिश की तो ग्रामीणों ने जिला प्रशासन पर ही सवाल खड़े कर दिए. ग्रामीणों ने ईटीवी को बताया कि इलाके में सरदारों के कई डेरे है. जहां से गांव के शराब माफिया कच्ची शराब लाकर बेचते हैं. गरीब तबके के लोग सस्ती और तेज नशा करने वाली इस शराब को खरीद कर पीते हैं.

सहारनपुर: प्रशासन रुड़की के बालुपुरा में लोगों द्वारा जहरीली शराब का सेवन करने का दावा कर रही है. वहीं पीड़ितों के परिजन जिला प्रशासन के दावों की पोल खोल रहे हैं. सहारनपुर में पिछले 24 घंटे में जहरीली शराब पीने से 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. इसके चलते न सिर्फ दर्जनों गांव में मातम का माहौल बना हुआ है, बल्कि जिला अस्पताल में भी परिजनों और मिलने वालों का तांता लगा हुआ है.

जिले भर में एम्बुलेंस और अधिकारियों की गाड़ियों के सायरन गुंज रहे हैं. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हुआ है. डॉक्टरों की टीमें अब तक 46 शवों का पोस्टमार्टम कर चुकी हैं. बावजूद इसके जिला प्रशासन इसी बात पर अड़ा है कि मरने वालों को बालुपुरा में कच्ची शराब पिलाई गई है, जिससे उनकी मौत हुई है. लेकिन, ग्रामीण न सिर्फ पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रहे हैं, बल्कि सहारनपुर में ही मौत के झाम पीने की बात कहकर जिला प्रशासन की स्क्रिप्ट को खारिज कर रहे हैं.

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सहारनपुर शराब कांड मामला.
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ग्रामीणों ने ईटीवी को बताया कि शराब माफिया बाहर से गांव में कच्ची शराब लाकर बेच रहे थे. सहारनपुर में गुरुवार शाम से जहरीली शराब का कहर लगातार जारी है. जनपद के उमाहि, सरबतपुर, खेड़ा मुगल, ताजपुर, कोलकी समेत एक दर्जन से ज्यादा गांवों में मातम पसरा हुआ है. जिले में अब तक मौत का यह आंकड़ा 50 को पार कर चुका है. 50 से ज्यादा लोग शहर के मेडिकल कॉलेज, निजी अस्पतालों हायर सेंटर में जिंदगी मौत की जंग लड़ रहे हैं. बावजूद इसके जिला प्रशासन एक ही बात पर अड़ा हुआ है. जिलाधिकारी कच्ची एवं जहरीली शराब की खरीददारी उत्तराखण्ड के बालुपुरा को बता रहे हैं.

जिलाधिकारी का कहना है कि मरने वाले लोग बालुपुरा में एक रस्म तेहरामी कार्यक्रम में शराब पीकर आए थे, जिसके बाद इनकी हालत बिगड़ी ओर मौत हो गई. बड़े पैमाने पर जहरीली शराब पीने से हुई मौतों के बाद यह बात किसी के गले नहीं उतर रही है. हालांकि शराब कांड में आबकारी अधिकारी समेत 16 लोगों पर निलंबन की गाज गिर चुकी है.

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ईटीवी की टीम ने ग्रामीणों के बीच पहुंचकर शराब बिक्री की सच्चाई जानने की कोशिश की तो ग्रामीणों ने जिला प्रशासन पर ही सवाल खड़े कर दिए. ग्रामीणों ने ईटीवी को बताया कि इलाके में सरदारों के कई डेरे है. जहां से गांव के शराब माफिया कच्ची शराब लाकर बेचते हैं. गरीब तबके के लोग सस्ती और तेज नशा करने वाली इस शराब को खरीद कर पीते हैं.

Intro:सहारनपुर : एक ओर जहां सहारनपुर प्रशासन रुड़की के बालुपुरा में शराब का सेवन करने का दावा कर रहे हैं वही पीड़ितों के परिजन जिला प्रशासन के दावो की पोल खोल रहे हैं। पिछले 24 घन्टे में जहरीली शराब 50 से ज्यादा लोगो को पी गई। जिसके चलते न सिर्फ दर्जनों गांव में मातम का माहौल बना हुआ है बल्कि जिला अस्पताल में भी परिजनो ओर मिलने वालों तांता लगा हुआ है। जिले भर में एम्बुलेंस और अधिकारियो की गाड़ियों के सायरन गुंज रहे हैं। परिजनों का रो रोकर बुरा हाल हुआ है। डॉक्टरों की टीमें अब तक 46 शवो का पोस्ट मार्टम कर चुकी हैं। बावजूद इसके जिला प्रशासन इसी बात पर अड़ा है कि मरने वालों को बालुपुरा में कच्ची शराब पिलाई गई है जिससे उनकी मौत हुई है। लेकिन ग्रामीण न सिर्फ पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रहे हैं बल्कि सहारनपुर में ही मौत के झाम पीने की बात कहकर जिला प्रशासन की स्क्रिप्ट को खारिज कर रहे हैं। ग्रामीणों ने ईटीवी को बताया कि शराब माफिया बाहर से गांव में कच्ची शराब लाकर बेच रहे थे।


Body:VO1 - आपको बता दें कि युपी के सहारनपुर में बृहस्पतिवार की शाम से जहरीली शराब का कहर लगातार जारी है। जनपद के उमाहि, सरबतपुर, खेड़ा मुगल, ताजपुर, कोलकी समेत एक दर्जन से ज्यादा गांवो में मातम पसरा हुआ है। चारो ओर कोहराम मचा हुआ है। जिले में अब तक मौत का यह आंकड़ा 50 को पार कर चुका है। शहर की सडको पर एम्बुलेंस और अधिकारियों की गाड़ियों के सायरन गूंज रहे हैं। जिसको भी पता चल रहा है जिला अस्पताल और पोस्टमार्टम हाउस की दौड़ रहा है। 50 से ज्यादा लोग शहर के मेडिकल कॉलेज , निजी अस्पतालों हायर सेंटर में जिंदगी मौत की जंग लड़ रहे हैं। बावजूद इसके जिला प्रशासन एक ही बात पर अड़ा हुआ है। जिलाधिकारी कच्ची एवं जहरीली शराब की खरीददारी उत्तराखण्ड के बालुपुरा को बता रहे है। जिला अधिकारी का कहना है कि मरने वाले लोग बालुपुरा में एक रस्म तेहरामी कार्यक्रम में शराब पीकर आये थे। जिसके बाद इनकी हालत बिगड़ी ओर मौत हो गई। लेकिन बड़े पैमाने पर जहरीली शराब पीने से हुई मौतों के बाद यह बात किसी के गले नही उतर रही है। हालांकि शराब कांड में आबकारी अधिकारी समेत 16 लोगो पर निलंबन की गाज गिर चुकी है। ईटीवी की टीम ने ग्रामीणों के बीच पहुंच कर शराब बिक्री की सच्चाई जानने की कोशिश की तो ग्रामीणों ने जिला प्रशासन पर ही सवाल खड़े कर दिए। ग्रामीणों ने ईटीवी को बताया कि इलाके में सरदारों के कई डेरे है। जहां से गांव के शराब माफिया कच्ची शराब लाकर बेचते है। गरीब तबके ले लोग सस्ती और तेज नशा करने वाली इस शराब खरीद कर पीते हैं। शराब माफ़िया के खिलाफ शिकायत की तो पुलिस सांठगाठ कर उससे हफ्ता तय कर लेती थी। अगर पुलिस समय रहते इन शराब माफियाओ पर कार्यवाई कर देती तो आज जिले में शराब से इतनी मौते नही होती।

बाइट - इंद्रपाल ( मृतक के रिश्तेदार )
बाइट - धर्मपाल ( ग्रामीण )
बाइट - इंतजार ( ग्रामीण )


Conclusion:रोशन लाल सैनी
सहारनपुर
9121293042
9759945153
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