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शराब कांड में अब तक 47 की मौत, खुद को बचाने में जुटा जिला प्रशासन

उत्तर प्रदेश से लेकर देवभूमि उत्तराखंड तक हड़कंप मचा देने वाले शराब कांड में मौतों का सिलसिला लगातार जारी है. मरने वालों की संख्या 47 के पास पहुंच गई है. वहीं जिला प्रशासन इस मामले पर अपनी अलग ही राग अलाप रहा है.

ग्रामिणों से बात करते ईटीवी संवाददाता.
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Published : Feb 9, 2019, 3:34 AM IST

सहारनपुर : उत्तर प्रदेश से लेकर देवभूमी उत्तराखंड तक हड़कंप मचा देने वाले शराब कांड में मौतों का सिलसिला लगातार जारी है. पुलिस की मिली भगत और शराब माफियाओं की मनमानी के चलते अब तक डेढ़ दर्जन से ज्यादा लोग मौत के मुंह में शमा चुके हैं. जहरीली शराब की वजह से जिले में जहां एक साथ कई गांव में मातम पसरा हुआ है तो वहीं जिला प्रशासन इस मामले पर अपनी अलग ही राग अलाप रहा है.

ग्रामिणों से बात करते ईटीवी संवाददाता.
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दरअसल, जिलाधिकारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि लोगों की मौत बालुपुरा गांव में जाकर शराब पीने से हुई है. वहीं इस मामले पर खुलासे के लिए ईटीवी भारत की टीम ने ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर तफ्तीश कि तो हकिकत कुछ और ही निकलकर सामने आई. ग्रामीणों ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि क्षेत्र में अवैध शराब का ये खतरनाक खेल गांव के ही एक युवक द्वारा कई सालों से चलाया जा रहा था और पुलिस इन शराब माफियाओं की लगातार मदद भी करती रही है.

क्या है पूरा मामला
बता दें बृहस्पतिवार को देर शाम उमाही कोटा गांव में उस वक्त अफरा-तफरी मच गई थी. जब न सिर्फ एक साथ कई लोगों की तबियत बिगड़ गई बल्कि रात में ही 3 लोगों की मौत हो गई थी. साथ ही गंभीर हालत के चलते कई मरीजों को आसपास के कई अस्पतालों में भर्ती कराया गया था. जहां से डॉक्टरों ने कई लोगों को जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया था. बावजूद सुबह होते ही मौत का सिलसिला शुरू हो गया. और जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया वैसे-वैसे मौत का आकंड़ा बढ़ता गया. और देखते ही देखते मरने वाला की संख्या 20 के पास पहुंच गई.

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सहारनपुर : उत्तर प्रदेश से लेकर देवभूमी उत्तराखंड तक हड़कंप मचा देने वाले शराब कांड में मौतों का सिलसिला लगातार जारी है. पुलिस की मिली भगत और शराब माफियाओं की मनमानी के चलते अब तक डेढ़ दर्जन से ज्यादा लोग मौत के मुंह में शमा चुके हैं. जहरीली शराब की वजह से जिले में जहां एक साथ कई गांव में मातम पसरा हुआ है तो वहीं जिला प्रशासन इस मामले पर अपनी अलग ही राग अलाप रहा है.

ग्रामिणों से बात करते ईटीवी संवाददाता.
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दरअसल, जिलाधिकारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि लोगों की मौत बालुपुरा गांव में जाकर शराब पीने से हुई है. वहीं इस मामले पर खुलासे के लिए ईटीवी भारत की टीम ने ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर तफ्तीश कि तो हकिकत कुछ और ही निकलकर सामने आई. ग्रामीणों ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि क्षेत्र में अवैध शराब का ये खतरनाक खेल गांव के ही एक युवक द्वारा कई सालों से चलाया जा रहा था और पुलिस इन शराब माफियाओं की लगातार मदद भी करती रही है.

क्या है पूरा मामला
बता दें बृहस्पतिवार को देर शाम उमाही कोटा गांव में उस वक्त अफरा-तफरी मच गई थी. जब न सिर्फ एक साथ कई लोगों की तबियत बिगड़ गई बल्कि रात में ही 3 लोगों की मौत हो गई थी. साथ ही गंभीर हालत के चलते कई मरीजों को आसपास के कई अस्पतालों में भर्ती कराया गया था. जहां से डॉक्टरों ने कई लोगों को जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया था. बावजूद सुबह होते ही मौत का सिलसिला शुरू हो गया. और जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया वैसे-वैसे मौत का आकंड़ा बढ़ता गया. और देखते ही देखते मरने वाला की संख्या 20 के पास पहुंच गई.

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Intro:सहारनपुर : सहारनपुर से लखनऊ तक हड़कम्प मचा देने वाले शराब कांड में मौतों का सिलसिला लगातार जारी है। पुलिस की मिली भगत और शराब माफिया की मनमानी के चलते अब तक डेढ़ दर्जन से ज्यादा लोग अकाल ही मौत के मुँह में शमा चुके है। जहरीली शराब के कारण जहां एक साथ कई गांव में मातम पसरा हुआ है वही गांव के लोग पुलिस पर शराब माफियाओ के साथ मिली भगत का आरोप लगा रहे हैं वही जिला प्रशासन उत्तराखण्ड के बालुपुरा गांव में शराब पीना मौत की वजह बता रहा है। जिलाधिकारी ने प्रेस वार्ता कर कहा कि मरने वाले लोग बृहस्पतिवार को उत्तराखण्ड गांव में एक रस्म तेहरामी में गए थे जहां आयोजको ने उन्हें शराब पिलाई थी। लेकिन ईटीवी की टीम ने ग्राउंड जीरो पर जाकर इस बात की तफ्तीश की तो हकीकत सामने आ गई। ग्रामीणों ने ईटीवी को बताया कि पिछले कई सालों से शराब माफिया पिंटू गांव में शराब बेचता था।


Body:VO 1 - आपको बता दें बृहस्पतिवार की देर शाम उमाही कोटा गांव में उस वक्त अफरा तफरी मच गई जब न सिर्फ एक साथ कई लोगो की तबियत बिगड़ गई बल्कि रात में ही तीन लोगों की मौत हो गई। आनन फानन में गंभीर हालत के चलते आसपास के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया जहां से डॉक्टरों ने जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। जहां सुबह होते ही मौत का सिलसिला शुरू हो गया। जैसे जैसे दिन चढ़ता गया वैसे वैसे मौत का आकंड़ा बढ़ता गया। धीरे धीरे मारने वाला की संख्या 20 के पास पहुंच गई। लेकिन जिकाधिकारी आलोक कुमार पांडे और एसएसपी दिनेश कुमार ने संयुक्त प्रेस वार्ता कर बताया कि ये लोग उत्तराखण्ड के थाना भगवानपुर इलाके के बालुपुरा गांव में एक तेहरामी मे शामिल हुए थे। जहां आयोजको ने मेहमानो को शराब पिलाई थी। जिससे 8 लोगो की मौत हो गई जबकि 4-5 लोग विभिन्न अस्पतालों में इलाज के लिए भर्ती कराए गए हैं। लेकिन ईटीवी की टीम ने ग्राउंड जीरो पर जाकर रिपोर्टिंग की तो पूरी सच्चाई सामने आ गई। ईटीवी की टीम ने उमाही गांव में जाकर ग्रामीणों से बात की तो ग्रामीणों ने ईटीवी को बताया कि इस गांव में 2 मुस्लिम और तीन हिदू लोगो की मौत हुई है। जबकि रस्म तेहरामी में दोनों समुदाय के लोगो का एक साथ जाना और शराब पीना पूरी तरह झूठ है। इन लोगो ने गांव में ही पिंटू के यहाँ से खरीद कर कच्ची शराब पी थी। क्योंकि गाँव मे पिंटू पिछले कई सालों से कच्ची शराब लाकर बेचता था। हालांकि इस शराब कांड में पिंटू की भी मौत हुई है। ग्रामीणों ने बताया कि पिंटू कैंसर की बीमारी से पीड़ित था और पुलिस के साथ सांठगाठ कर कच्ची एवं जहरीली शराब का कारोबार करता था। ग्रामीणों की शिकायत पर पुलिस उसे गिरफ्तार तो कर लेती लेकिन कुछ घंटों बाद फिर छोड़ देती थी। ग्रामीणों ने ईटीवी को बताया कि गांव में पुलिस की मिली भगत से शराब बिकती रही है। यही हाल शरबतपुर, सलेमपुर, ताजपुर का है। इन सभी गांवों में अभी तक कुल मिलाकर 19 लोगो की मौत हो चुकी है। जबकि एक दर्जन से ज्यादा लोग विभिन्न अस्पतालों में जिंदगी मौत की जंग लड़ रहे हैं। ग्रामीणों के मुताबिक इन गांव में भी शराब माफिया शराब लेकर आये थे। लेकिन जिला प्रशासन उत्तराखण्ड में शराब पीकर आना झूठ बोल रहा है। ग्रामीणों ने ईटीवी पर जिला प्रशासन पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। बड़ा सवाल तो ये भी है कि पुलिस अभी तक न तो शराब माफिया को गिरफ्तार कर पाई है और ना शराब मेकर तक पहुंची है।
ग्राउंड जीरो से देखिए ईटीवी की एक्ससीलुसिव रिपोर्ट ।


Conclusion:रोशन लाल सैनी
सहारनपुर
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