लखनऊ : प्रदेश में सरकार और कर्मचारी आमने-सामने आ गए हैं. दरअसल प्रदेश सरकार ने एस्मा लगाकर अगले छह माह तक हड़ताल पर रोक लगाये जाने के बावजूद कर्मचारी संगठन कल से हड़ताल पर जाने को अडिग है. कर्मचारी संगठनों का कहना है कि सरकार का काम सरकार कर रही है, हम उसका स्वागत करते हैं. हड़ताल करना हमारा अधिकार है और अपने हक की लड़ाई के लिए हम हर हाल में बुधवार से हड़ताल पर जाएंगे.
कर्मचारी नेता हरि किशोर तिवारी ने कहा कि एस्मा लगाना सरकार का काम है. हम लोग हड़ताल पर जा रहे हैं, जो कि लोकतांत्रिक व्यवस्था है. हम लोग अपनी बात रखने के लिए पहले छोटे कार्यक्रम करते हैं. फिर बड़े कार्यक्रम करते हैं और जब कोई चारा नहीं बचता है, तो हड़ताल पर जाते हैं.
उन्होंने कहा कि हड़ताल पर जाकर रोने का काम करेंगे, ताकि सरकार हमारी बात सुने. तिवारी ने कहा कि सरकार को कार्रवाई करनी होगी तो वह कार्रवाई करेगी. हम उसकी कार्रवाई का भी स्वागत करेंगे, अगर जेल भजेगी तो हम जेल भी जाने के लिए तैयार हैं.
उन्होंने कहा कि हमारी मांगे जायज हैं. हम अपना पैसा शेयर मार्केट में कतई लगने नहीं देंगे. यह हमारे बुढ़ापे की लाठी है. उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन व्यवस्था के रूप में हमें सारी चीजें चाहिए.13 साल में सरकार ने मकड़जाल फैलाकर हमारे साथ उल्टा सीधा काम किया. कर्मचारियों का पैसा सरकार ने अन्य जगह में खर्च कर दिया है. अब सरकार चाहती है कि हम चुप बैठे तो यह संभव नहीं है.
दरअसल उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कर्मचारियों की हड़ताल पर रोक लगाने के लिए एस्मा लगा दिया है. अब प्रदेश के कर्मचारी अगले छह माह तक हड़ताल नहीं कर सकेंगे. छह फरवरी से हड़ताल पर जा रहे कर्मचारियों और शिक्षकों को रोकने के लिए सरकार ने यूपी एस्मा (उत्तर प्रदेश आवश्यक सेवाओं का अनुरक्षण अधिनियम 1966) का अंकुश लगा दिया है. कर्मचारी संगठनों की इस घोषणा के बाद सरकार और कर्मचारी आमने सामने आ गए हैं.