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17 मई से मंडल मुख्यालयों पर 18-44 आयु वर्ग के लोगों को लगेगा टीका - लखनऊ मंडल मुख्यालयों पर वैक्सीन का कार्यक्रम

लखनऊ में 17 मई से 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों के लिए सभी मंडल मुख्यालयों पर टीकाकरण शुरू किया जाएगा. सीएम ने वैक्सीन लगाने के आदेश दिए हैं.

cm yogi adityanath
सीएम योगी आदित्यनाथ.
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Published : May 14, 2021, 11:01 PM IST

लखनऊ: प्रदेश में 17 मई से 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों के लिए सभी मंडल मुख्यालयों पर टीकाकरण शुरू किया जाएगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को वर्चुअल माध्यम से उच्च स्तरीय बैठक के दौरान इस संबंध में निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही सभी जिलों में कोविड प्रबंधन के लिए सचिव या इससे उच्च स्तर के अधिकारी को तैनात किए जाने के निर्देश दिए हैं.

सीएम ने प्रोटोकॉल का पूर्ण पालन करने का दिया निर्देश
मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रदेश में कोविड वैक्सीनशन अभियान सुचारु ढंग से संचालित किया जा रहा है. मौजूदा समय में 18 जिलों में 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग का टीकाकरण किया जा रहा है. इसके अगले चरण में आगामी सोमवार से प्रदेश के सभी मंडल मुख्यालयों पर भी इस आयु वर्ग का टीकाकरण शुरू किया जाए. उन्होंने टीकाकरण के दौरान कोविड प्रोटोकॉल का पूर्ण पालन करने का निर्देश दिया.

पिछले 14 दिन में 1.17 लाख कम हुए कोरोना के एक्टिव केस

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दर में लगातार आ रही कमी और निरन्तर बेहतर हो रही रिकवरी दर आशाजनक संकेत है. ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट के लक्ष्य के अनुरूप कोविड-19 के खिलाफ जंग को प्रभावी ढंग से जारी रखा जाए. मौजूदा समय में प्रदेश में एक्टिव केस की संख्या दो लाख से कम होकर एक लाख 93 हजार 815 रह गई है. विगत 30 अप्रैल को प्रदेश में सर्वाधिक तीन लाख 10 हजार 783 एक्टिव केस थे. इसके सापेक्ष बीते 14 दिनों में एक्टिव केस की संख्या में लगभग एक लाख 17 हजार की गिरावट दर्ज हुई है.

प्रत्येक जिले में सचिव स्तर के अधिकारी होंगे तैनात

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड प्रबंधन में निगरानी समितियों की महत्वपूर्ण भूमिका है. इस व्यवस्था को और प्रभावी बनाया जाए. उन्होंने कहा कि इसके लिए बेहतर मॉनिटरिंग की आवश्यकता है. इस कार्य के लिए प्रत्येक जिले में सचिव अथवा उससे उच्च स्तर के एक अधिकारी को नामित किया जाए. इसी प्रकार न्याय पंचायत स्तर पर जिला स्तरीय अधिकारियों को सेक्टर प्रभारी के रूप में तैनात किया जाए. प्रदेश के गांवों में निगरानी समितियों के माध्यम से कोरोना को परास्त करने के लिए सरकार अभियान चला रही है.

अस्पतालों में बेड बढ़ाये जाएं

मुख्यमंत्री ने सभी जिलों में कोविड बेड की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने चिकित्सा शिक्षा मंत्री से इस कार्य की दैनिक समीक्षा करने की अपेक्षा की. बैठक में अवगत कराया गया कि इस वर्ष मार्च से अब तक स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में 18 हजार और चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा 11 हजार 226 बेड बढ़ाए गए हैं.

ऑक्सीजन आपूर्ति जारी रखी जाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में लागू की गई ऑनलाइन ऑक्सीजन ट्रैकिंग प्रणाली की सराहना नीति आयोग ने भी की है. सभी जिलों में ऑक्सीजन की अनवरत उपलब्धता बनाए रखने के प्रभावी प्रयास जारी रखे जाए. होम आइसोलेशन के मरीजों को ऑक्सीजन आपूर्ति की व्यवस्था को और बेहतर किया जाए. चिकित्सकीय परामर्श के अनुसार जिस भी मरीज को ऑक्सीजन की जरूरत हो, उसे ऑक्सीजन जरूर उपलब्ध होनी चाहिए.

नदियों में शव प्रवाहित करने से रोका जाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छता एवं स्वच्छ पर्यावरण के महत्व के संबंध में लोगों को सतत जागरूक किया जाए. नदियों को स्वच्छ और निर्मल रखना सभी का दायित्व है. केंद्र व राज्य सरकार नदियों को स्वच्छ रखने के लिए विशेष योजनाएं चला रही है. किसी भी मृतक के अंतिम संस्कार के लिए शव को जल में प्रवाहित करना पर्यावरण के अनुकूल नहीं है. इस संबंध में धर्मगुरुओं से संवाद करते हुए लोगों को जागरूक करने में उनका सहयोग प्राप्त किया जाए.

लखनऊ: प्रदेश में 17 मई से 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों के लिए सभी मंडल मुख्यालयों पर टीकाकरण शुरू किया जाएगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को वर्चुअल माध्यम से उच्च स्तरीय बैठक के दौरान इस संबंध में निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही सभी जिलों में कोविड प्रबंधन के लिए सचिव या इससे उच्च स्तर के अधिकारी को तैनात किए जाने के निर्देश दिए हैं.

सीएम ने प्रोटोकॉल का पूर्ण पालन करने का दिया निर्देश
मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रदेश में कोविड वैक्सीनशन अभियान सुचारु ढंग से संचालित किया जा रहा है. मौजूदा समय में 18 जिलों में 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग का टीकाकरण किया जा रहा है. इसके अगले चरण में आगामी सोमवार से प्रदेश के सभी मंडल मुख्यालयों पर भी इस आयु वर्ग का टीकाकरण शुरू किया जाए. उन्होंने टीकाकरण के दौरान कोविड प्रोटोकॉल का पूर्ण पालन करने का निर्देश दिया.

पिछले 14 दिन में 1.17 लाख कम हुए कोरोना के एक्टिव केस

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दर में लगातार आ रही कमी और निरन्तर बेहतर हो रही रिकवरी दर आशाजनक संकेत है. ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट के लक्ष्य के अनुरूप कोविड-19 के खिलाफ जंग को प्रभावी ढंग से जारी रखा जाए. मौजूदा समय में प्रदेश में एक्टिव केस की संख्या दो लाख से कम होकर एक लाख 93 हजार 815 रह गई है. विगत 30 अप्रैल को प्रदेश में सर्वाधिक तीन लाख 10 हजार 783 एक्टिव केस थे. इसके सापेक्ष बीते 14 दिनों में एक्टिव केस की संख्या में लगभग एक लाख 17 हजार की गिरावट दर्ज हुई है.

प्रत्येक जिले में सचिव स्तर के अधिकारी होंगे तैनात

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड प्रबंधन में निगरानी समितियों की महत्वपूर्ण भूमिका है. इस व्यवस्था को और प्रभावी बनाया जाए. उन्होंने कहा कि इसके लिए बेहतर मॉनिटरिंग की आवश्यकता है. इस कार्य के लिए प्रत्येक जिले में सचिव अथवा उससे उच्च स्तर के एक अधिकारी को नामित किया जाए. इसी प्रकार न्याय पंचायत स्तर पर जिला स्तरीय अधिकारियों को सेक्टर प्रभारी के रूप में तैनात किया जाए. प्रदेश के गांवों में निगरानी समितियों के माध्यम से कोरोना को परास्त करने के लिए सरकार अभियान चला रही है.

अस्पतालों में बेड बढ़ाये जाएं

मुख्यमंत्री ने सभी जिलों में कोविड बेड की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने चिकित्सा शिक्षा मंत्री से इस कार्य की दैनिक समीक्षा करने की अपेक्षा की. बैठक में अवगत कराया गया कि इस वर्ष मार्च से अब तक स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में 18 हजार और चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा 11 हजार 226 बेड बढ़ाए गए हैं.

ऑक्सीजन आपूर्ति जारी रखी जाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में लागू की गई ऑनलाइन ऑक्सीजन ट्रैकिंग प्रणाली की सराहना नीति आयोग ने भी की है. सभी जिलों में ऑक्सीजन की अनवरत उपलब्धता बनाए रखने के प्रभावी प्रयास जारी रखे जाए. होम आइसोलेशन के मरीजों को ऑक्सीजन आपूर्ति की व्यवस्था को और बेहतर किया जाए. चिकित्सकीय परामर्श के अनुसार जिस भी मरीज को ऑक्सीजन की जरूरत हो, उसे ऑक्सीजन जरूर उपलब्ध होनी चाहिए.

नदियों में शव प्रवाहित करने से रोका जाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छता एवं स्वच्छ पर्यावरण के महत्व के संबंध में लोगों को सतत जागरूक किया जाए. नदियों को स्वच्छ और निर्मल रखना सभी का दायित्व है. केंद्र व राज्य सरकार नदियों को स्वच्छ रखने के लिए विशेष योजनाएं चला रही है. किसी भी मृतक के अंतिम संस्कार के लिए शव को जल में प्रवाहित करना पर्यावरण के अनुकूल नहीं है. इस संबंध में धर्मगुरुओं से संवाद करते हुए लोगों को जागरूक करने में उनका सहयोग प्राप्त किया जाए.

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