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Cancer Cases In India : यूपी, महाराष्ट्र और बंगाल में कैंसर के सबसे ज्यादा मामले : केंद्र

देश में कैंसर के सबसे ज्यादा मामले उत्तर प्रदेश में हैं, जिसके बाद महाराष्ट्र और बंगाल का नंबर है. सरकार की ओर से ये जानकारी लोकसभा में दी गई है. ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय की रिपोर्ट.

Cancer Cases In India
कैंसर के सबसे ज्यादा मामले
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Published : Jul 28, 2023, 6:04 PM IST

नई दिल्ली: स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को लोकसभा में बताया कि 2022 में उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक कैंसर के मामले दर्ज किए गए हैं, इसके बाद महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल का स्थान है (cancer cases in India).

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह बघेल ने कैंसर के मामलों की संख्या के आंकड़े देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में पिछले एक साल में 210958 मामले दर्ज किए गए जबकि इसी अवधि में महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में क्रमशः 121717 और 113581 मामले दर्ज किए गए.

पिछले तीन वर्षों में पूरे भारत में कैंसर के मामलों में भी तेजी से वृद्धि हुई है. बघेल ने आंकड़े देते हुए कहा कि 2020 में भारत में कैंसर के 1392179 मामले दर्ज किए गए, जो 2021 में 1426447 और 2022 में 1461427 हो गए. अन्य तीन प्रमुख राज्यों बिहार में 2022 में 109274 मामले दर्ज किए गए, इसके बाद क्रमशः तमिलनाडु में 93536 और कर्नाटक में 90349 मामले दर्ज किए गए.

बघेल ने कहा कि 'कैंसर गैर-संचारी रोगों की रोकथाम और नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम (एनपी-एनसीडी) का एक अभिन्न अंग है. यह कार्यक्रम कैंसर की रोकथाम, शीघ्र निदान, प्रबंधन और कैंसर सहित गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) के उपचार के लिए उचित स्तर की स्वास्थ्य सुविधा रेफरल के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, मानव संसाधन विकास, स्वास्थ्य संवर्धन और जागरूकता पैदा करने पर केंद्रित है.'

उन्होंने बताया कि एनपी-एनसीडी के तहत 724 जिला एनसीडी क्लीनिक, 326 जिला डे केयर सेंटर और 6110 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एनसीडी क्लीनिक स्थापित किए गए हैं. राजस्थान में 48 जिला एनसीडी क्लीनिक, 33 जिला डे केयर सेंटर और 728 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एनसीडी क्लीनिक स्थापित किए गए हैं.

मंत्री ने कहा कि 'देश में एनएचएम के तहत और व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल के एक हिस्से के रूप में डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और सामान्य कैंसर सहित सामान्य एनसीडी की रोकथाम, नियंत्रण और जांच के लिए जनसंख्या आधारित पहल शुरू की गई है. इसके तहत 30 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों को मुंह का कैंसर, गले का कैंसर, स्तन कैंसर और गर्भाशय कैंसर सहित तीन सामान्य कैंसर की जांच के लिए लक्षित किया जाता है. इन सामान्य कैंसरों की जांच आयुष्मान भारत - स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों के तहत सेवा वितरण का एक अभिन्न अंग है.'

उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत हेल्थ वेलनेस सेंटर योजना के माध्यम से व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल के तहत सामुदायिक स्तर पर कल्याण गतिविधियों और लक्षित संचार को बढ़ावा देकर कैंसर के निवारक पहलू को मजबूत किया गया है.

कैंसर की देखभाल के लिए सुविधाएं बढ़ा रही सरकार : उन्होंने कहा कि 'केंद्र सरकार कैंसर की देखभाल के लिए सुविधाओं को बढ़ाने के लिए योजना लागू कर रही है. योजना के तहत 19 राज्य कैंसर संस्थान (एससीआई) और 20 तृतीयक कैंसर देखभाल केंद्र (टीसीसीसी) को मंजूरी दी गई है. अब तक सत्रह सुविधाएं लागू हैं. एसपी मेडिकल कॉलेज, बीकानेर, एसएमएस मेडिकल कॉलेज, जयपुर और झालावाड़ मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, झालावाड़ को योजना के तहत मंजूरी दी गई है.

मंत्री ने बताया कि झज्जर (हरियाणा) में राष्ट्रीय कैंसर संस्थान की स्थापना और चित्तरंजन राष्ट्रीय कैंसर संस्थान, कोलकाता का दूसरा परिसर भी इसी दिशा में उठाए गए कदम हैं. ये सभी देश में कैंसर के इलाज की क्षमता को बढ़ाते हैं.

आंकड़ों के अनुसार पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक तीन तृतीयक कैंसर देखभाल केंद्र (ertiary Cancer Care Centres) हैं, महाराष्ट्र में दो तृतीयक कैंसर देखभाल केंद्र और एक राज्य कैंसर संस्थान हैं जबकि राजस्थान में दो टीसीसीसी और एक एससीआई हैं.

बघेल ने कहा कि सरकार ने उत्तर प्रदेश में चार, राजस्थान में दो और झारखंड, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, बिहार और केरल में एक-एक सहित 13 सरकारी चिकित्सा संस्थानों में कैंसर के इलाज के लिए पहल की है.

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स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह बघेल ने कैंसर के मामलों की संख्या के आंकड़े देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में पिछले एक साल में 210958 मामले दर्ज किए गए जबकि इसी अवधि में महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में क्रमशः 121717 और 113581 मामले दर्ज किए गए.

पिछले तीन वर्षों में पूरे भारत में कैंसर के मामलों में भी तेजी से वृद्धि हुई है. बघेल ने आंकड़े देते हुए कहा कि 2020 में भारत में कैंसर के 1392179 मामले दर्ज किए गए, जो 2021 में 1426447 और 2022 में 1461427 हो गए. अन्य तीन प्रमुख राज्यों बिहार में 2022 में 109274 मामले दर्ज किए गए, इसके बाद क्रमशः तमिलनाडु में 93536 और कर्नाटक में 90349 मामले दर्ज किए गए.

बघेल ने कहा कि 'कैंसर गैर-संचारी रोगों की रोकथाम और नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम (एनपी-एनसीडी) का एक अभिन्न अंग है. यह कार्यक्रम कैंसर की रोकथाम, शीघ्र निदान, प्रबंधन और कैंसर सहित गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) के उपचार के लिए उचित स्तर की स्वास्थ्य सुविधा रेफरल के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, मानव संसाधन विकास, स्वास्थ्य संवर्धन और जागरूकता पैदा करने पर केंद्रित है.'

उन्होंने बताया कि एनपी-एनसीडी के तहत 724 जिला एनसीडी क्लीनिक, 326 जिला डे केयर सेंटर और 6110 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एनसीडी क्लीनिक स्थापित किए गए हैं. राजस्थान में 48 जिला एनसीडी क्लीनिक, 33 जिला डे केयर सेंटर और 728 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एनसीडी क्लीनिक स्थापित किए गए हैं.

मंत्री ने कहा कि 'देश में एनएचएम के तहत और व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल के एक हिस्से के रूप में डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और सामान्य कैंसर सहित सामान्य एनसीडी की रोकथाम, नियंत्रण और जांच के लिए जनसंख्या आधारित पहल शुरू की गई है. इसके तहत 30 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों को मुंह का कैंसर, गले का कैंसर, स्तन कैंसर और गर्भाशय कैंसर सहित तीन सामान्य कैंसर की जांच के लिए लक्षित किया जाता है. इन सामान्य कैंसरों की जांच आयुष्मान भारत - स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों के तहत सेवा वितरण का एक अभिन्न अंग है.'

उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत हेल्थ वेलनेस सेंटर योजना के माध्यम से व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल के तहत सामुदायिक स्तर पर कल्याण गतिविधियों और लक्षित संचार को बढ़ावा देकर कैंसर के निवारक पहलू को मजबूत किया गया है.

कैंसर की देखभाल के लिए सुविधाएं बढ़ा रही सरकार : उन्होंने कहा कि 'केंद्र सरकार कैंसर की देखभाल के लिए सुविधाओं को बढ़ाने के लिए योजना लागू कर रही है. योजना के तहत 19 राज्य कैंसर संस्थान (एससीआई) और 20 तृतीयक कैंसर देखभाल केंद्र (टीसीसीसी) को मंजूरी दी गई है. अब तक सत्रह सुविधाएं लागू हैं. एसपी मेडिकल कॉलेज, बीकानेर, एसएमएस मेडिकल कॉलेज, जयपुर और झालावाड़ मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, झालावाड़ को योजना के तहत मंजूरी दी गई है.

मंत्री ने बताया कि झज्जर (हरियाणा) में राष्ट्रीय कैंसर संस्थान की स्थापना और चित्तरंजन राष्ट्रीय कैंसर संस्थान, कोलकाता का दूसरा परिसर भी इसी दिशा में उठाए गए कदम हैं. ये सभी देश में कैंसर के इलाज की क्षमता को बढ़ाते हैं.

आंकड़ों के अनुसार पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक तीन तृतीयक कैंसर देखभाल केंद्र (ertiary Cancer Care Centres) हैं, महाराष्ट्र में दो तृतीयक कैंसर देखभाल केंद्र और एक राज्य कैंसर संस्थान हैं जबकि राजस्थान में दो टीसीसीसी और एक एससीआई हैं.

बघेल ने कहा कि सरकार ने उत्तर प्रदेश में चार, राजस्थान में दो और झारखंड, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, बिहार और केरल में एक-एक सहित 13 सरकारी चिकित्सा संस्थानों में कैंसर के इलाज के लिए पहल की है.

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