आगराः आगरा के शाही परिवार से ताल्लुक रखने वाली भाजपा उम्मीदवार रानी पक्षालिका सिंह उत्तर प्रदेश की सबसे अमीर महिला उम्मीदवारों में (One Of The Richest Women Candidate In UP) शामिल हैं. वह आगरा की बाह विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रही हैं.रानी पक्षालिका सिंह ने अपने हलफनामे में कहा है कि उनके और उनके पति राजा अरिदमन सिंह के पास कुल 132 हथियार हैं. पक्षालिका सिंह (Rani Pakshalika Singh) के पास 22 बोर की एनपीबी राइफल (22 Bore NPB Rifle), पिस्टल (Pistol) और डीबीबीएल गन (DBBL Gun) है.
वहीं, 12 बोर की डीबीबीएल गन (12 Bore DBBL gun), एक पिस्टल (Pistol), एक कार्बाइन (Carbine), 34 तलवारें (Swords), 31 खंजर (Daggers) और 61 चाकू (knives) उनके पति के नाम हैं. इस तरह उनके घर में कुल 132 घोषित हथियार हैं, जिनकी कीमत करीब 50 लाख रुपए है. पक्षालिका ने अपने हलफनामे में आगे कहा है कि उनके पास कुल 50,000 रुपए नकद हैं और उनके नाम और पति के नाम पर 21 बैंक खाते हैं, जिसमें नौ खाते उनके हैं, जबकि आठ राजा अरिदामन के पास हैं और चार बैंक खाते परिवार के हैं. पक्षालिका के नौ बैंक खातों में 1.39 करोड़ रुपए और राजा अरिदामन के आठ खातों में 68.51 लाख रुपए जमा हैं. परिवार के खातों में करीब 30 लाख रुपए है.
5 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति
61 वर्षीय रानी पक्षालिका ने व्यापार, कृषि और निवेश से होने वाले लाभ को आय का साधन बताया है. उनके और उनके पति के पास 90 लाख रुपए के जेवर हैं. पक्षालिका की कुल चल संपत्ति 2.23 करोड़ रुपए है, जबकि पति के पास 1.30 करोड़ रुपए की चल संपत्ति है. पक्षालिका के पास 5 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति है और उनके पति के पास 31.17 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति है. परिवार के पास 18.27 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति है.
दंपति के पास कुल 54.44 करोड़ रुपए की जमीन है. पक्षालिका आगरा के भदावर राजपरिवार से ताल्लुक रखती हैं जो आजादी के बाद से राजनीति में हैं और परिवार के सदस्य 11 बार इस सीट से जीत चुके हैं. भदावर शाही परिवार के राजा महेंद्र रिपुदमन सिंह ने 1952 में पहली बार चुनाव लड़ा और विधायक बने. उस समय वे निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जीते थे. बाद में, वह जनता पार्टी में शामिल हो गए और 1980 तक बाह विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व किया.
पति सपा से लड़ चुके हैं चुनाव
दूसरी पीढ़ी ने 1989 में चुनावी मैदान में प्रवेश किया, जब उनके बेटे, राजा अरिदमन सिंह ने एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. उन्होंने 1991 का चुनाव जनता दल के टिकट पर लड़ा था. 1996 और 2002 में भाजपा के टिकट पर जीतकर विधानसभा पहुंचे. 2007 में, राजा अरिदमन सिंह को बसपा उम्मीदवार से हार का सामना करना पड़ा था. उसके बाद वह समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए और 2012 का चुनाव जीता.