नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पीएम-डिवाइन योजना को मंजूरी दे दी है. साथ ही रेल कर्मचारियों को दीवाली से पहले 78 दिनों का बोनस दिए जाने को मंजूरी दी गई है. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि रेलवे के 11.27 लाख कर्मचारियों को 1,832 करोड़ रुपये का प्रोडक्टिविटी लिंक्ड बोनस दिया जाएगा. यह 78 दिनों का बोनस होगा और इसकी अधिकतम सीमा 17,951 रुपये होगी.
कैबिनेट की बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों द्वारा पिछले दो साल के दौरान रसोई गैस एलपीजी की लागत से कम मूल्य पर बिक्री करने से हुए नुकसान की भरपाई के लिए 22,000 करोड़ रुपये के अनुदान को मंजूरी दी. उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल ने गुजरात में दीनदयाल बंदरगाह पर 4,539.84 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से कंटेनर टर्मिनल के विकास को मंजूरी दी है. सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बहु-राज्य सहकारी समिति कानून में संशोधन को मंजूरी दी, इससे यह कानून अधिक पारदर्शी बनेगा.
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Productivity linked bonus of Rs 1,832 crores will be given to 11.27 lakh employees of railways. It will be a bonus of 78 days and Rs 17,951 will be its maximum limit: Union Minister Anurag Thakur pic.twitter.com/lBu3GJj7w1
— ANI (@ANI) October 12, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) October 12, 2022
सरकार पेट्रोलियम कंपनियों को एलपीजी घाटे की भरपाई के लिए 22,000 करोड़ रुपये का अनुदान देगी - केंद्र सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों को रसोई गैस एलपीजी के घाटे की भरपाई के लिए 22,000 करोड़ रुपये का एकमुश्त अनुदान देगी. यह अनुदान इन कंपनियों द्वारा पिछले दो साल के दौरान रसोई गैस की रूप में इस्तेमाल होने वाली एलपीजी को लागत से कम मूल्य पर बेचने से हुए नुकसान की भरपाई के लिए दिया जाएगा.
ठाकुर ने कहा कि पिछले दो साल से घरेलू रसोई गैस को लागत से कम मूल्य पर बेचा जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को एक बैठक में तीन पेट्रोलियम विपणन कंपनियों - इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) को एकमुश्त अनुदान देने की मंजूरी दी.
अनुदान जून, 2020 से जून, 2022 तक उपभोक्ताओं को लागत से कम मूल्य पर एलपीजी बिक्री पर हुए नुकसान की भरपाई के लिए होगा. तीनों कंपनियां उपभोक्ताओं को सरकार द्वारा नियंत्रित कीमतों पर घरेलू एलपीजी बेचती हैं. जून, 2020 से जून, 2022 के बीच रसोई गैस की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में लगभग 300 प्रतिशत की वृद्धि हुई. एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि उपभोक्ताओं को अंतरराष्ट्रीय एलपीजी कीमतों में उतार-चढ़ाव से बचाने के लिए उनपर लागत वृद्धि का पूरा भार नहीं डाला गया.
बयान में कहा गया कि इस दौरान घरेलू एलपीजी की कीमतों में केवल 72 प्रतिशत की वृद्धि हुई और ऐसे में इन तीनों कंपनियों को उल्लेखनीय नुकसान हुआ. बयान में आगे कहा गया, 'इस घाटे के बावजूद, सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम विपणन कंपनियों ने देश में रसोई ईंधन की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित की है. इसलिए सरकार ने इस नुकसान की भरपाई के लिए तीन सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को एकमुश्त अनुदान देने का निर्णय लिया है.' सरकार ने कहा कि इस फैसले से पेट्रोलियम क्षेत्र की पीएसयू को आत्मनिर्भर भारत अभियान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को जारी रखने में मदद मिलेगी और बिना किसी बाधा के घरेलू एलपीजी आपूर्ति सुनिश्चित होगी.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उत्तर पूर्व क्षेत्र के लिए प्रधानमंत्री विकास पहल नाम से एक नई योजना को बुधवार को मंजूरी प्रदान कर दी जिस पर चार वर्ष की अवधि में 6,600 करोड़ रूपये खर्च किये जायेंगे. बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने उत्तर पूर्व क्षेत्र के लिए प्रधानमंत्री विकास पहल (पीएम-डिवाइन) योजना को मंजूरी दी. यह वित्त वर्ष 2022-23 से 2025-26 तक के लिये होगी. उन्होंने कहा कि यह केंद्रीय क्षेत्र योजना है जिसका शत प्रतिशत वित्त पोषण केंद्र करेगा. इसे पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (डोनर) द्वारा लागू किया जायेगा. ठाकुर ने बताया कि इसका उद्देश्य उचित ढंग से आधारभूत ढांचे के लिये वित्त पोषण करना है और इस पर पीएम गति शक्ति की भावना के अनुरूप अमल किया जायेगा. इसके माध्यम से सामाजिक क्षेत्र की परियोजनाओं को समर्थन दिया जायेगा. उन्होंने बताया कि यह युवाओं एवं महिलाओं के लिए आजीविका गतिविधियों में सहायक होगा. यह विकास में अंतर को पाटने में मददगार होगा.