मुंबई : आज के दौर में साइबर क्राइम की घटनाएं बढ़ रही हैं. मोबाइल के जरिए ऐसे कई मैसेज आते हैं जो एटीएम, बैंक अकाउंट के बारे में जानकारी हासिल करने की कोशिश करते हैं. साइबर अपराधी तरह-तरह के हथकंडे अपनाकर ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं. वहीं महाराष्ट्र के मुंबई की साइबर सेल ने दो विदेशी शातिर नागरिक को जालसाजी के आरोप में गिरफ्तार किया है. पकड़े गए आरोपी एटीएम क्लोनिंग के जरिए दूसरे के अकाउंट से रकम निकालते थे. बता दें, शातिर डेबिट कार्ड की क्लोनिंग कर डाटा चोरी करते थे.
ये दोनों डाटा चुराकर मुंबई के अलग-अलग एटीएम से पैसे निकालते थे. कार्ड की क्लोनिंग के लिए शातिर माइक्रो कैमरा, चुंबकीय चिप का इस्तामल करते थे.
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मुंबई पुलिस के साइबर सेल ने दोनों के पास से आठ लाख रुपये और क्लोनिंग के लिए इस्तेमाल होने वाला सामान बरामद किया है. कांदिवली साइबर सेल पुलिस इंस्पेक्टर मंगेश देसाई ने लोगों से अपील की है कि एटीएम का इस्तेमाल करते समय सावधानी बरतें.
आपकी सावधानी साइबर अपराधियों के लिए परेशानी
एटीएम कार्ड क्लोनिंग के मामले में आपकी सावधानी ही आपका सबसे बड़ा हथियार है. जब भी आप एटीएम के कैबिन मैं पैसा निकालने के लिए प्रवेश करते हैं तब कुछ बातों को ध्यान में रखना चाहिए.
- सबसे पहले इस बात का ध्यान रखें कि आपके अलावा एटीएम कक्ष में कोई और दूसरा शख्स ना हो.
- अगर कोई व्यक्ति आपको एटीएम से पैसे निकालने में मदद की पेशकश करता है तो उसके बहकावे में ना आएं.
- अगर कोई व्यक्ति जबरदस्ती आपकी पैसा निकालने की प्रक्रिया में हस्तक्षेप करता है या मार्गदर्शन करने की कोशिश करता है, तो ऐसे व्यक्ति के प्रति कड़ा विरोध दर्ज करें.
कैसे होती है कार्ड क्लोनिंग ?
साइबर अपराधी आपके साथ एटीएम मशीन के केबिन में प्रवेश करते हैं और आपके पीछे खड़ा होकर पिन देख सकते हैं. इसके अलावा एटीएम कार्ड स्कैन कर लिया जाता है. इस पूरी प्रक्रिया को कार्ड क्लोनिंग कहते हैं. आपका एटीएम कार्ड क्लोन होने के बाद यह अपराधी किसी दूसरे एटीएम में जाकर आपके खाते से मेहनत की कमाई चुटकियों में उड़ा कर ले जाते हैं. इस प्रकार के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं.