हैदराबाद : कोरोना का नया वैरिएंट ओमीक्रोन करीब 30 देशों में फैल गया है. कोरोना के इस नए स्वरूप का पता साउथ अफ्रीका में करीब 9 दिन पहले लगा, मगर इसका पहला सैंपल 9 नवंबर को लिया गया था. तीन हफ्तों में ओमीक्रोन से कोई मौत नहीं हुई हैं और न ही उन देशों के अस्पतालों में भीड़ लगी है, जहां इसके प्रसार की पुष्टि हो चुकी है. मगर इसके प्रसार में तेजी के कारण कई देशों ने साउथ अफ्रीका से यात्रा को प्रतिबंधित कर दिया है.
साउथ अफ्रीका के विदेश मंत्रालय ने उन देशों की आलोचना की है, जिन्होंने दक्षिणी अफ्रीका से यात्रा को प्रतिबंधित कर दिया है. दक्षिण अफ्रीका ने शिकायत करते हुए कहा है कि कोविड-19 के नए म्यूटेंट ओमीक्रोन की खोज के लिए उसकी सराहना करनी चाहिए थी, मगर दुनिया उसे दंडित कर रही है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने पिछले हफ्ते ओमीक्रोन को वेरिएंट ऑफ कन्सर्न यानी चिंता का विषय घोषित कर दिया है. इसके बाद कई देशों ने इसके संक्रमण से बचने के लिए विदेशी उड़ानों को प्रतिबंधित कर दिया. 24 नवंबर को पहली बार दक्षिण अफ्रीका ने डब्ल्यूएचओ को कोरोना के नए वैरिएंट ओमीक्रोन की जानकारी दी थी. डब्ल्यूएचओ ने बताया था कि ओमीक्रोन के जिस पहले केस की पुष्टि हुई है, उसके सैंपल 9 नवंबर को लिए गए थे. अभी तक हुए जांच-पड़ताल में चिंता के विषय के तौर पर यह सामने आया है कि ओमीक्रोन बड़ी तेज गति से लोगों को संक्रमित कर सकता है.
साउथ अफ्रीका के हेल्थ डिपार्टमेंट का दावा है कि ओमीक्रोन से संक्रमित होने वाले मरीज स्वाद और गंध को महसूस कर रहे हैं. इसमें ऑक्सीजन लेवल की ज्यादा गिरावट नहीं हो रही है. अभी तक अस्पताल में भर्ती होने या मृत्यु होने की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है.
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We call on all countries to take rational, proportional risk-reduction measures, in keeping with the International Health Regulations. Blanket travel bans will not prevent the international spread of Omicron, and they place a heavy burden on lives and livelihoods. #COVID19 pic.twitter.com/aeFGLRYpc8
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दक्षिणी अफ्रीका के डॉक्टरों के अनुसार नया वैरिएंट ओमीक्रोन से संक्रमित लोगों में गंभीर सिरदर्द, चक्कर आना और हाई पल्स रेट के लक्षण दिखे हैं. रोगियों को हल्का बुखार के साथ भी अत्यधिक थकान का अनुभव हो रहा है. यह कितना खतरनाक है, इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है इसके नतीजे आने में अभी दो हफ्ते का समय और लग सकता है.
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, साउथ अफ्रीकन मेडिकल एसोसिएशन के प्रमुख ने बताया है कि दक्षिण अफ्रीका में मात्र 24 फीसदी आबादी का फुल वैक्सीनेशन हुआ है. इसके बावजूद ओमीक्रोन के कारण स्थिति गंभीर नहीं है. हालांकि अभी तक प्रारंभिक जांच के बाद ही रिपोर्ट जारी की गई है.
दूसरी ओर कई देशों ने चिंता जताई है कि अगर ओमीक्रोन के मामले में उछाल होता है तो हेल्थ सिस्टम को फिर चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा. इससे मृत्यु दर में बढ़ोतरी हो सकती है. ब्रिटेन के स्वास्थ्य अधिकारी ने चेतावनी दी कि टीके कोविड के नया वैरिएंट ओमीक्रोन के खिलाफ कम प्रभावी होंगे. अमेरिका के इन्फेक्शन डिजीज के प्रमुख डॉ एंथोनी फौसी का कहना है कि कोविड के टीके अभी भी गंभीर बीमारी को रोकने के लिए काम कर सकते हैं.