मुंबई (महाराष्ट्र): राज्य के विधायकों के लिए बने विधायक आवास भवन 'मनोरा' को पच्चीस साल के अंदर ही गिरा दिया गया. खराब निर्माण के कारण इमारत को जल्द ही ध्वस्त कर दिया गया. इसके स्थान पर सरकार नया भवन बनाने का प्रस्ताव पेश कर रही है. हालांकि, विभिन्न बाधाओं के कारण अभी तक काम शुरू नहीं हुआ है.
इसलिए राज्य सरकार को विधायकों के मकान के किराए के लिए करोड़ों रुपये चुकाने पड़ते हैं. 'एल एंड टी' और 'टाटा' ने 'मनोरा' विधायक आवास पुनर्विकास के लिए वाणिज्यिक निविदा से नाम वापस ले लिया है. उसके बाद सिर्फ एक कंपनी 'शापूरजी पालनजी' का टेंडर बचा है. साथ ही, चूंकि 'शापूरजी पालनजी' ने कमर्शियल टेंडर में 1,200 करोड़ रुपये से अधिक की कीमत तय की है, इसलिए राज्य सरकार ने अब फिर से टेंडर लगाने का फैसला किया है.
तदनुसार, राज्य के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने हाल ही में नरीमन प्वाइंट पर विधायक निवास 'मनोरा' के पुनर्विकास के लिए एक नया टेंडर जारी किया है. तो अब इस प्रस्तावित बहुमंजिला 'मनोरा' विधायक आवास के निर्माण की लागत 850 करोड़ से बढ़कर 1,000 करोड़ होने की संभावना है. 'मनोरा' का पुनर्विकास हो रहा है, जिससे राज्य के खजाने को भारी नुकसान हो रहा है.
छात्रावास के अभाव में विधायकों को वैकल्पिक आवास के लिए प्रति माह 1 लाख रुपये तक का भुगतान करना पड़ता है. लोक निर्माण विभाग के अनुसार, फरवरी 2018 से अब तक राज्य सरकार इस पर 115 करोड़ से अधिक खर्च कर चुकी है.
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महाराष्ट्र तटीय क्षेत्र प्रबंधन प्राधिकरण (MCZMA) ने परियोजना के लिए 5.4 के FSI (फ्लोर स्पेस इंडेक्स) को मंजूरी दी है, जो आंशिक रूप से CRZ-II में आता है. परियोजना के लिए सभी आवश्यक अनुमतियां पूरी कर ली गई हैं. 13,429 वर्ग मीटर के भूखंड पर पुनर्विकास शुरू होने में कुछ और महीने लगने की संभावना है. राज्य सरकार की योजना दो 25 मंजिला, 45 मंजिला टावरों में 600 वर्ग फुट गुणा 400 वर्ग फुट के 850 कमरे बनाने की है. यह जानकारी लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता पीपी बांगोसावी ने दी है.