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वाराणसी सीरियल बम ब्लास्ट में वलीउल्लाह को फांसी की सजा

आतंकी वलीउल्लाह को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई. वाराणसी ब्लास्ट केस में गाजियाबाद कोर्ट ने यह फैसला सुनाया. घटना में 16 लोगों की मौत हो गई थी और 76 व्यक्ति घायल हो गए थे. इस मामले में चार जून को अदालत ने वलीउल्लाह को दोषी करार दिया था.

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Published : Jun 6, 2022, 5:03 PM IST

Updated : Jun 6, 2022, 5:30 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद : गाजियाबाद कोर्ट ने वाराणसी सीरियल ब्लास्ट के दोषी आतंकी वालीउल्लाह को फांसी की सजा सुनाई है. जिला जज जितेंद्र कुमार सिन्हा की अदालत ने फैसला सुनाया है. वाराणसी के संकट मोचन मंदिर और कैंट स्टेशन पर 7 मई 2006 को सीरियल बम ब्लास्ट हुआ था. घटना में 16 लोगों की मौत हो गई थी और 76 व्यक्ति घायल हो गए थे. इस मामले में चार जून को अदालत ने वलीउल्लाह को दोषी करार दिया था. वहीं वाराणसी में दशाश्वमेध घाट पर विस्फोटक मिलने के मामले में वलीउल्लाह को उम्र कैद की सजा सुनाई है.


7 मई 2006 को वाराणसी के संकट मोचन मंदिर और कैंट रेलवे स्टेशन पर सीरियल ब्लास्ट की घटना हुई थी. घटना में 16 लोगों की मौत हो गई थी और 76 लोग घायल हुए थे. उसी शाम को दशाश्वमेध घाट पर भी विस्फोटक मिले थे. इस मामले में इलाहाबाद के फूलपुर इलाके के रहने वाले वलीउल्लाह को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया था. उस पर संकट मोचन मंदिर और वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन पर विस्फोट की साजिश रचने का आरोप था. शुरू में वलीउल्लाह का मुकदमा लड़ने से भी वकीलों ने मना कर दिया था. इसके बाद ही हाईकोर्ट के आदेश पर मामला गाजियाबाद न्यायालय में ट्रांसफर हो गया था. विस्फोटक वाले मामले में वलीउल्लाह को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई और वहीं दूसरे मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है.

घटना में 16 लोगों की मौत हो गई थी और 76 व्यक्ति घायल हो गए थे.
घटना में 16 लोगों की मौत हो गई थी और 76 व्यक्ति घायल हो गए थे.
अभियोजन के वकील ने बताया कि वलीउल्लाह के खिलाफ छह मामले चल रहे थे, जिनमें से चार में उसे दोषी करार दिया गया था. इनमें से एक मामला संकट मोचन मंदिर वाराणसी का है. इसमें 302, 307, 324, 326 के अलावा विस्फोटक अधिनियम में दोषी करार दिया गया है. दूसरा मुकदमा 3, 4, 5 विस्फोटक अधिनियम का है. दशाश्वमेध घाट रेलिंग के पास भी प्रेशर कुकर में बैग में रखा हुआ था, जिसमें विस्फोटक पदार्थ बरामद हुआ था. अधिकारियों ने बताया था कि अगर यह बम ब्लास्ट हो जाता, तो इसमें 200 मीटर तक तबाही मच सकती थी. अभियोजन वकील ने बताया कि संकट मोचन मंदिर वाले मामले में 47 गवाह पेश किए गए थे. इसके अलावा तीन बचाव साक्ष्य पेश किए गए थे. दूसरे मुकदमे में 30 गवाह पेश हुए थे.

नई दिल्ली/गाजियाबाद : गाजियाबाद कोर्ट ने वाराणसी सीरियल ब्लास्ट के दोषी आतंकी वालीउल्लाह को फांसी की सजा सुनाई है. जिला जज जितेंद्र कुमार सिन्हा की अदालत ने फैसला सुनाया है. वाराणसी के संकट मोचन मंदिर और कैंट स्टेशन पर 7 मई 2006 को सीरियल बम ब्लास्ट हुआ था. घटना में 16 लोगों की मौत हो गई थी और 76 व्यक्ति घायल हो गए थे. इस मामले में चार जून को अदालत ने वलीउल्लाह को दोषी करार दिया था. वहीं वाराणसी में दशाश्वमेध घाट पर विस्फोटक मिलने के मामले में वलीउल्लाह को उम्र कैद की सजा सुनाई है.


7 मई 2006 को वाराणसी के संकट मोचन मंदिर और कैंट रेलवे स्टेशन पर सीरियल ब्लास्ट की घटना हुई थी. घटना में 16 लोगों की मौत हो गई थी और 76 लोग घायल हुए थे. उसी शाम को दशाश्वमेध घाट पर भी विस्फोटक मिले थे. इस मामले में इलाहाबाद के फूलपुर इलाके के रहने वाले वलीउल्लाह को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया था. उस पर संकट मोचन मंदिर और वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन पर विस्फोट की साजिश रचने का आरोप था. शुरू में वलीउल्लाह का मुकदमा लड़ने से भी वकीलों ने मना कर दिया था. इसके बाद ही हाईकोर्ट के आदेश पर मामला गाजियाबाद न्यायालय में ट्रांसफर हो गया था. विस्फोटक वाले मामले में वलीउल्लाह को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई और वहीं दूसरे मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है.

घटना में 16 लोगों की मौत हो गई थी और 76 व्यक्ति घायल हो गए थे.
घटना में 16 लोगों की मौत हो गई थी और 76 व्यक्ति घायल हो गए थे.
अभियोजन के वकील ने बताया कि वलीउल्लाह के खिलाफ छह मामले चल रहे थे, जिनमें से चार में उसे दोषी करार दिया गया था. इनमें से एक मामला संकट मोचन मंदिर वाराणसी का है. इसमें 302, 307, 324, 326 के अलावा विस्फोटक अधिनियम में दोषी करार दिया गया है. दूसरा मुकदमा 3, 4, 5 विस्फोटक अधिनियम का है. दशाश्वमेध घाट रेलिंग के पास भी प्रेशर कुकर में बैग में रखा हुआ था, जिसमें विस्फोटक पदार्थ बरामद हुआ था. अधिकारियों ने बताया था कि अगर यह बम ब्लास्ट हो जाता, तो इसमें 200 मीटर तक तबाही मच सकती थी. अभियोजन वकील ने बताया कि संकट मोचन मंदिर वाले मामले में 47 गवाह पेश किए गए थे. इसके अलावा तीन बचाव साक्ष्य पेश किए गए थे. दूसरे मुकदमे में 30 गवाह पेश हुए थे.
Last Updated : Jun 6, 2022, 5:30 PM IST
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