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लाखों रुपये में बना सीएम केसीआर का मंदिर, अब बेचने की तैयारी, जानें पूरा मामला - telangana cm kc rao temple

तेलंगाना में मुख्यमंत्री केसी राव का मुरीद होने के बाद एक मंदिर बनवाने वाले शख्स ने अब इसे बेचने का फैसला लिया है. केसीआर का मंदिर बनाने वाले शख्स ने कहा है कि मंदिर की बिक्री शुरू करने के पीछे का कारण मुख्यमंत्री के प्रति उसकी श्रद्धा खत्म होना है.

सीएम केसीआर का मंदिर
सीएम केसीआर का मंदिर
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Published : Sep 21, 2021, 6:11 PM IST

हैदराबाद : तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के एक प्रशंसक, जिन्होंने उनकी प्रतिमा के साथ एक मंदिर बनाया था, उन्होंने अब इसे बेचने का फैसला किया है, उनका कहना है कि उन्होंने उनके (केसीआर) प्रति श्रद्धा खो दी है. कभी केसीआर के कट्टर अनुयायी गुंडा रविंदर ने 2016 में मंचेरियल जिले के दांडेपल्ली मंडल मुख्यालय में अपने घर में केसीआर की संगमरमर की मूर्ति के साथ मंदिर का निर्माण किया था. रविंदर और उनका परिवार लोकप्रिय नेता को भगवान की तरह पूजता था.

तेलंगाना आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लेने का दावा करने वाले रविंदर, तेलंगाना राष्ट्र समिति प्रमुख के प्रति अपनी श्रद्धा के रूप में मंदिर को गर्व से प्रदर्शित करते थे. 'तेलंगाना के प्यारे बेटे और चार करोड़ लोगों की आशा' मंदिर पर लिखा.

उन्होंने मंदिर निर्माण और प्रतिमा स्थापित करने पर 3 लाख रुपये खर्च किए. उन्होंने इसके लिए कर्ज लेने का दावा किया.

अब उन्होंने मूर्ति को ढक दिया है और कर्ज चुकाने के लिए इसे बेचना चाहते हैं.

रविंदर ने आरोप लगाया कि तेलंगाना राज्य के गठन के बाद उन्हें टीआरएस में उचित मान्यता नहीं मिली. उनका कहना है कि उन्हें केसीआर या उनके बेटे केटीआर से मिलने का भी मौका नहीं मिला.

हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए रविंदर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है कि वह केसीआर की मूर्ति और मंदिर को बेचना चाहते हैं.

(आईएएनएस)

हैदराबाद : तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के एक प्रशंसक, जिन्होंने उनकी प्रतिमा के साथ एक मंदिर बनाया था, उन्होंने अब इसे बेचने का फैसला किया है, उनका कहना है कि उन्होंने उनके (केसीआर) प्रति श्रद्धा खो दी है. कभी केसीआर के कट्टर अनुयायी गुंडा रविंदर ने 2016 में मंचेरियल जिले के दांडेपल्ली मंडल मुख्यालय में अपने घर में केसीआर की संगमरमर की मूर्ति के साथ मंदिर का निर्माण किया था. रविंदर और उनका परिवार लोकप्रिय नेता को भगवान की तरह पूजता था.

तेलंगाना आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लेने का दावा करने वाले रविंदर, तेलंगाना राष्ट्र समिति प्रमुख के प्रति अपनी श्रद्धा के रूप में मंदिर को गर्व से प्रदर्शित करते थे. 'तेलंगाना के प्यारे बेटे और चार करोड़ लोगों की आशा' मंदिर पर लिखा.

उन्होंने मंदिर निर्माण और प्रतिमा स्थापित करने पर 3 लाख रुपये खर्च किए. उन्होंने इसके लिए कर्ज लेने का दावा किया.

अब उन्होंने मूर्ति को ढक दिया है और कर्ज चुकाने के लिए इसे बेचना चाहते हैं.

रविंदर ने आरोप लगाया कि तेलंगाना राज्य के गठन के बाद उन्हें टीआरएस में उचित मान्यता नहीं मिली. उनका कहना है कि उन्हें केसीआर या उनके बेटे केटीआर से मिलने का भी मौका नहीं मिला.

हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए रविंदर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है कि वह केसीआर की मूर्ति और मंदिर को बेचना चाहते हैं.

(आईएएनएस)

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