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Teak Wood for Ram Temple : अयोध्या में बन रहा राम मंदिर महाराष्ट्र की प्रसिद्ध सागौन की लकड़ी से सजेगा

अयोध्या में बन रहे भगवान राम मंदिर को सजाने के लिए महाराष्ट्र से सागौन की लकड़ी की पहली खेप भेजी जाएगी. इस मौके पर जश्न मनाने के लिए टेली-धारावाहिक 'रामायण' (1987) के कलाकार और अन्य हस्तियां 29 मार्च को होने वाले एक मेगा-इवेंट में शामिल होंगी.

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राम मंदिर
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Published : Mar 26, 2023, 7:48 PM IST

मुंबई : राम मंदिर निर्माण कार्य में जहां कहीं भी लकड़ियों की जरूर होती, वहां पर टीक की लकड़ी का प्रयोग किया जाएगा. महाराष्ट्र के वन मंत्री सुधीर मुनगंतीवार ने कहा कि चंद्रपुर जिले में उत्पादित सख्त और टिकाऊ सागौन की लकड़ी राम मंदिर के लिए भेजने का रास्ता साफ हो गया है.

सागौन की लकड़ी का उपयोग मंदिर के मुख्य दरवाजे, अंदर के दरवाजे, गर्भगृह के प्रवेशद्वार बनाने में किया जाएगा. इसके अलावा पूरे मंदिर परिसर में जहां भी लकड़ी की जरूरत होगी, पूरी की जाएगी. मंत्री ने कहा कि शोभायात्रा, प्रार्थना, पूजा, नृत्य प्रस्तुति और अन्य कार्यक्रमों के साथ राज्य से बड़ी धूमधाम से लकड़ी की खेप भेजी जाएगी. कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए प्रमुख हस्तियों को आमंत्रित किया गया है.

इन हस्तियों में 35 साल पहले दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले अविस्मरणीय टीवी धारावाहिक 'रामायण' की स्टारकास्ट शामिल हैं - अरुण गोविल, दीपिका चिखलिया, सुनील लहरी के अलावा योगगुरु रामदेव बाबा, सद्गुरु जग्गी वासुदेव और श्रीश्री रविशंकर, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के मंत्री, सांसद, विधायक और अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल होंगे. शोभायात्रा बुधवार (29 मार्च) को बल्लारपुर में 'राम और लक्ष्मण' नाम के दो प्राचीन वृक्षों की पूजा के साथ शुरू होगा - जो एशिया में सबसे बड़े परिधि के रूप में प्रतिष्ठित हैं - इसके बाद महाकाली मंदिर से एक और शोभायात्रा निकाली जाएगी.

इनमें राज्यभर के 2,100 कलाकारों द्वारा महाराष्ट्र की 43 प्रकार की लोक कलाओं का प्रदर्शन देखा जाएगा, जिसमें मल्लखंब, डिंडी, लेजिम, ढोल पाठक, ध्वज पाठक, दशावतार, गणगौर, तारपा जैसे कला रूप और 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' की अवधारणा पर प्रस्तुतियां शामिल हैं. शोभायात्रा जैसे-जैसे आगे बढ़ेगी, सागौन की लकड़ी पर फूल बरसाए जाएंगे, पूरे मार्ग पर रंगोली और तोरणों से सड़कों को सजाया जाएगा.

महाराष्ट्र की 'नारीशक्ति' और 'साडे तीन शक्तिपीठे' की झांकी - जिसने इस साल के गणतंत्र दिवस समारोह में दूसरा पुरस्कार जीता, और उत्तर प्रदेश की झांकी, जिसने तीसरा पुरस्कार जीता - भी चंद्रपुर शोभायात्रा में शामिल होंगी. चंदा चौक में राम मंदिर के पास शोभायात्रा समाप्त होने के बाद शाम को एक विशेष कार्यक्रम में पाश्र्व गायक कैलाश खेर भगवान राम के भजन और भक्ति गीत प्रस्तुत करेंगे. मुनगंतीवार के अनुसार, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र (एसजेटीके) के महासचिव चंपत राय ने कहा है कि राम मंदिर के विभिन्न दरवाजों के निर्माण के लिए वे सर्वोत्तम गुणवत्ता वाली लकड़ी की तलाश कर रहे थे, जो एक हजार से अधिक वर्षो तक चलने की उम्मीद है.

राम मंदिर न्यास के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने इस प्रयोजन के लिए वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून (उत्तराखंड) से मुलाकात की थी, जिसमें बताया गया था कि भारत में सबसे अच्छी गुणवत्ता वाली सागौन की लकड़ी चंद्रपुर से प्राप्त की जा सकती है. राय ने कहा कि एलएंडटी और टीसीआई के विशेषज्ञों की एक टीम और मंदिर के इंजीनियरों ने बल्लारपुर में सागौन की लकड़ी के नमूनों और स्टॉक की जांच की और इसे उच्च गुणवत्ता के रूप में अनुमोदित किया.

सागौन की लकड़ी महाराष्ट्र के वन विकास निगम के माध्यम से भेजी जाएगी, जिसके बाद मंदिर के कारीगर उन पर आवश्यकतानुसार डिजाइन और उत्कीर्णन करेंगे और मुनगंतीवार ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि यह सुनिश्चित किया जाए कि सर्वोत्तम गुणवत्ता अयोध्या भेजी जाए. यह याद किया जा सकता है कि सभी बाधाओं को दूर करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त, 2020 को राम मंदिर के लिए शिलान्यास किया था.

ये भी पढ़ें : अयोध्या पहुंचे पत्थरों से भगवान राम के बालक स्वरूप का पहले बनेगा डेमो, मूर्ति के लिए यह चित्र हुआ फाइनल

तब से, मुख्य ढांचे पर लगभग दो-तिहाई काम पूरा होने के साथ काम तेजी से आगे बढ़ रहा है और राम मंदिर का उद्घाटन जनवरी 2024 में लाखों भक्तों के लिए निर्धारित है. राय ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का गहरा आभार जताया और यह भी आग्रह किया कि सागौन की लकड़ी की पहली खेप मुनगंतीवार द्वारा व्यक्तिगत रूप से भेजी जानी चाहिए.

(आईएएनएस)

मुंबई : राम मंदिर निर्माण कार्य में जहां कहीं भी लकड़ियों की जरूर होती, वहां पर टीक की लकड़ी का प्रयोग किया जाएगा. महाराष्ट्र के वन मंत्री सुधीर मुनगंतीवार ने कहा कि चंद्रपुर जिले में उत्पादित सख्त और टिकाऊ सागौन की लकड़ी राम मंदिर के लिए भेजने का रास्ता साफ हो गया है.

सागौन की लकड़ी का उपयोग मंदिर के मुख्य दरवाजे, अंदर के दरवाजे, गर्भगृह के प्रवेशद्वार बनाने में किया जाएगा. इसके अलावा पूरे मंदिर परिसर में जहां भी लकड़ी की जरूरत होगी, पूरी की जाएगी. मंत्री ने कहा कि शोभायात्रा, प्रार्थना, पूजा, नृत्य प्रस्तुति और अन्य कार्यक्रमों के साथ राज्य से बड़ी धूमधाम से लकड़ी की खेप भेजी जाएगी. कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए प्रमुख हस्तियों को आमंत्रित किया गया है.

इन हस्तियों में 35 साल पहले दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले अविस्मरणीय टीवी धारावाहिक 'रामायण' की स्टारकास्ट शामिल हैं - अरुण गोविल, दीपिका चिखलिया, सुनील लहरी के अलावा योगगुरु रामदेव बाबा, सद्गुरु जग्गी वासुदेव और श्रीश्री रविशंकर, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के मंत्री, सांसद, विधायक और अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल होंगे. शोभायात्रा बुधवार (29 मार्च) को बल्लारपुर में 'राम और लक्ष्मण' नाम के दो प्राचीन वृक्षों की पूजा के साथ शुरू होगा - जो एशिया में सबसे बड़े परिधि के रूप में प्रतिष्ठित हैं - इसके बाद महाकाली मंदिर से एक और शोभायात्रा निकाली जाएगी.

इनमें राज्यभर के 2,100 कलाकारों द्वारा महाराष्ट्र की 43 प्रकार की लोक कलाओं का प्रदर्शन देखा जाएगा, जिसमें मल्लखंब, डिंडी, लेजिम, ढोल पाठक, ध्वज पाठक, दशावतार, गणगौर, तारपा जैसे कला रूप और 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' की अवधारणा पर प्रस्तुतियां शामिल हैं. शोभायात्रा जैसे-जैसे आगे बढ़ेगी, सागौन की लकड़ी पर फूल बरसाए जाएंगे, पूरे मार्ग पर रंगोली और तोरणों से सड़कों को सजाया जाएगा.

महाराष्ट्र की 'नारीशक्ति' और 'साडे तीन शक्तिपीठे' की झांकी - जिसने इस साल के गणतंत्र दिवस समारोह में दूसरा पुरस्कार जीता, और उत्तर प्रदेश की झांकी, जिसने तीसरा पुरस्कार जीता - भी चंद्रपुर शोभायात्रा में शामिल होंगी. चंदा चौक में राम मंदिर के पास शोभायात्रा समाप्त होने के बाद शाम को एक विशेष कार्यक्रम में पाश्र्व गायक कैलाश खेर भगवान राम के भजन और भक्ति गीत प्रस्तुत करेंगे. मुनगंतीवार के अनुसार, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र (एसजेटीके) के महासचिव चंपत राय ने कहा है कि राम मंदिर के विभिन्न दरवाजों के निर्माण के लिए वे सर्वोत्तम गुणवत्ता वाली लकड़ी की तलाश कर रहे थे, जो एक हजार से अधिक वर्षो तक चलने की उम्मीद है.

राम मंदिर न्यास के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने इस प्रयोजन के लिए वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून (उत्तराखंड) से मुलाकात की थी, जिसमें बताया गया था कि भारत में सबसे अच्छी गुणवत्ता वाली सागौन की लकड़ी चंद्रपुर से प्राप्त की जा सकती है. राय ने कहा कि एलएंडटी और टीसीआई के विशेषज्ञों की एक टीम और मंदिर के इंजीनियरों ने बल्लारपुर में सागौन की लकड़ी के नमूनों और स्टॉक की जांच की और इसे उच्च गुणवत्ता के रूप में अनुमोदित किया.

सागौन की लकड़ी महाराष्ट्र के वन विकास निगम के माध्यम से भेजी जाएगी, जिसके बाद मंदिर के कारीगर उन पर आवश्यकतानुसार डिजाइन और उत्कीर्णन करेंगे और मुनगंतीवार ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि यह सुनिश्चित किया जाए कि सर्वोत्तम गुणवत्ता अयोध्या भेजी जाए. यह याद किया जा सकता है कि सभी बाधाओं को दूर करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त, 2020 को राम मंदिर के लिए शिलान्यास किया था.

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तब से, मुख्य ढांचे पर लगभग दो-तिहाई काम पूरा होने के साथ काम तेजी से आगे बढ़ रहा है और राम मंदिर का उद्घाटन जनवरी 2024 में लाखों भक्तों के लिए निर्धारित है. राय ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का गहरा आभार जताया और यह भी आग्रह किया कि सागौन की लकड़ी की पहली खेप मुनगंतीवार द्वारा व्यक्तिगत रूप से भेजी जानी चाहिए.

(आईएएनएस)

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