ETV Bharat / bharat

तालिबानी प्रभाव के बीच अफगानिस्तान क्रिकेट, क्या T-20 विश्व कप में खेलने देगा ICC बोर्ड?

अफगानिस्तान के लिए बीते कुछ महीने अच्छे नहीं रहे हैं. तालिबान ने एक बार फिर इस देश पर कब्जा किया और तभी से परेशानियां शुरू हो गई हैं. अफगानिस्तान क्रिकेट टीम के खिलाड़ी राशिद खान ने इस पर सोशल मीडिया पर कई बार अपनी निराशा जाहिर की. तालिबान के अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा का असर खेलों पर भी पड़ा है.

ICC Board  Afghanistan  cricket News  T 20 World Cup  Taliban influence on cricket  Sports news  क्रिकेट पर तालिबान प्रभाव  आईसीसी बोर्ड  अफगानिस्तान  टी 20 विश्व कप  Taliban impact on Afghanistan Cricket  अफगानिस्तान क्रिकेट टीम  खिलाड़ी राशिद खान
अफगानिस्तान क्रिकेट टीम
author img

By

Published : Sep 22, 2021, 10:47 PM IST

नई दिल्ली: तालिबान के सत्ता पर काबिज होने के बाद अफगानिस्तान की अगले महीने टी-20 विश्व कप में भागीदारी उत्सुकता का विषय बनती जा रही है. क्योंकि देश में क्रिकेट बोर्ड के शीर्ष अधिकारियों को अचानक से उनके पद से हटा दिया गया और महिलाओं के क्रिकेट खेलने पर रोक लगा दी गई है. अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड के कार्यकारी निदेशक हामिद शिनवारी की जगह नसीबुल्लाह हक्कानी ने ली है.

अफगानिस्तान में खेल के भविष्य के बारे में बढ़ती चिंताओं के बीच अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) पर 17 अक्टूबर से संयुक्त अरब अमीरात और ओमान में शुरू होने वाले टी-20 विश्व कप में अफगान ध्वज के बजाय तालिबान के झंडे को लगाने के लिए जोर दिया जा सकता है. अगर ऐसा कोई अनुरोध किया जाता है तो आईसीसी निदेशक बोर्ड निश्चित रूप से इस तरह के किसी अनुरोध को खारिज कर देगा.

यह भी पढ़ें: शास्त्री ने कोहली को सफेद गेंद की कप्तानी छोड़ने का दिया था सुझाव : रिपोर्ट

पाकिस्तान को छोड़कर अभी स्पष्ट नहीं है कि अन्य देश अफगानिस्तान के बदले हुए ध्वज के खिलाफ खेलने के लिए तैयार हो जाएंगे या नहीं. पाकिस्तान में तालिबान सरकार को पूरा समर्थन प्राप्त है और समर्थकों में पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी भी शामिल हैं. टीम में दुनिया के शीर्ष टी-20 खिलाड़ी राशिद खान मौजूद हैं. अफगानिस्तान का पारंपरिक ध्वज काले, लाल और हरे रंग का है.

यह भी पढ़ें: Ronaldo ने खत्म की Messi की बादशाहत, सबसे ज्यादा कमाई करने वाले फुटबॉलर बने

आईसीसी के एक बोर्ड सदस्य ने कहा, अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. अभी तक तालिबान के ध्वज के तले खेलने का कोई अनुरोध नहीं किया गया है, लेकिन जहां तक संचालन का संबंध है तो आईसीसी बोर्ड को इस पर फैसला करने की जरूरत है. हर कोई अफगानिस्तान की परिस्थितियों पर नजर रखे हुए है.

उन्होंने कहा, सामान्य तौर पर अगर आईसीसी एक क्रिकेट बोर्ड को प्रतिबंधित कर देता है तो वह सुनिश्चित करता है कि खिलाड़ियों पर इसका असर नहीं पड़े. राशिद खान हो या मोहम्मद नबी, किसी की कोई गलती नहीं है.

यह भी पढ़ें: दीपिका करेंगी PV सिंधु की बायोपिक? बैडमिंटन कोर्ट में एक दूसरे को टक्कर देतीं आईं नजर

आईसीसी के सदस्यता के मानंदड के अनुसार, एक आवेदक के पास आईसीसी से मान्यता प्राप्त करने के लिए देश में उचित दर्जा, ढांचा, मान्यता, सदस्यता और काबिलियत होनी चाहिए, ताकि वह मुख्य संचालन संस्था के तौर पर काम कर सके और देश में खेल के प्रशासन, प्रबंधन और क्रिकेट के विकास (पुरूषों और महिलाओं) के लिए जिम्मेदार हो.

इसमें सदस्य देश को महिलाओं के क्रिकेट के लिए भी संतोषजनक संरचना तैयार करनी होती है और काफी खिलाड़ियों का पूल तैयार करना होता है. तालिबान के महिलाओं के क्रिकेट को प्रतिबंधित करने के बाद अफगानिस्तान ने पहले ही जरूरी मानंदड में गंभीर उल्लघंन कर दिया है.

शिनवारी के अनुसार, अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड में बदलाव तालिबान के नए गृहमंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी (के आंतकी संगठन हक्कानी नेटवर्क) के छोटे भाई अनस हक्कानी के जोर देने पर किया गया है.

नई दिल्ली: तालिबान के सत्ता पर काबिज होने के बाद अफगानिस्तान की अगले महीने टी-20 विश्व कप में भागीदारी उत्सुकता का विषय बनती जा रही है. क्योंकि देश में क्रिकेट बोर्ड के शीर्ष अधिकारियों को अचानक से उनके पद से हटा दिया गया और महिलाओं के क्रिकेट खेलने पर रोक लगा दी गई है. अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड के कार्यकारी निदेशक हामिद शिनवारी की जगह नसीबुल्लाह हक्कानी ने ली है.

अफगानिस्तान में खेल के भविष्य के बारे में बढ़ती चिंताओं के बीच अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) पर 17 अक्टूबर से संयुक्त अरब अमीरात और ओमान में शुरू होने वाले टी-20 विश्व कप में अफगान ध्वज के बजाय तालिबान के झंडे को लगाने के लिए जोर दिया जा सकता है. अगर ऐसा कोई अनुरोध किया जाता है तो आईसीसी निदेशक बोर्ड निश्चित रूप से इस तरह के किसी अनुरोध को खारिज कर देगा.

यह भी पढ़ें: शास्त्री ने कोहली को सफेद गेंद की कप्तानी छोड़ने का दिया था सुझाव : रिपोर्ट

पाकिस्तान को छोड़कर अभी स्पष्ट नहीं है कि अन्य देश अफगानिस्तान के बदले हुए ध्वज के खिलाफ खेलने के लिए तैयार हो जाएंगे या नहीं. पाकिस्तान में तालिबान सरकार को पूरा समर्थन प्राप्त है और समर्थकों में पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी भी शामिल हैं. टीम में दुनिया के शीर्ष टी-20 खिलाड़ी राशिद खान मौजूद हैं. अफगानिस्तान का पारंपरिक ध्वज काले, लाल और हरे रंग का है.

यह भी पढ़ें: Ronaldo ने खत्म की Messi की बादशाहत, सबसे ज्यादा कमाई करने वाले फुटबॉलर बने

आईसीसी के एक बोर्ड सदस्य ने कहा, अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. अभी तक तालिबान के ध्वज के तले खेलने का कोई अनुरोध नहीं किया गया है, लेकिन जहां तक संचालन का संबंध है तो आईसीसी बोर्ड को इस पर फैसला करने की जरूरत है. हर कोई अफगानिस्तान की परिस्थितियों पर नजर रखे हुए है.

उन्होंने कहा, सामान्य तौर पर अगर आईसीसी एक क्रिकेट बोर्ड को प्रतिबंधित कर देता है तो वह सुनिश्चित करता है कि खिलाड़ियों पर इसका असर नहीं पड़े. राशिद खान हो या मोहम्मद नबी, किसी की कोई गलती नहीं है.

यह भी पढ़ें: दीपिका करेंगी PV सिंधु की बायोपिक? बैडमिंटन कोर्ट में एक दूसरे को टक्कर देतीं आईं नजर

आईसीसी के सदस्यता के मानंदड के अनुसार, एक आवेदक के पास आईसीसी से मान्यता प्राप्त करने के लिए देश में उचित दर्जा, ढांचा, मान्यता, सदस्यता और काबिलियत होनी चाहिए, ताकि वह मुख्य संचालन संस्था के तौर पर काम कर सके और देश में खेल के प्रशासन, प्रबंधन और क्रिकेट के विकास (पुरूषों और महिलाओं) के लिए जिम्मेदार हो.

इसमें सदस्य देश को महिलाओं के क्रिकेट के लिए भी संतोषजनक संरचना तैयार करनी होती है और काफी खिलाड़ियों का पूल तैयार करना होता है. तालिबान के महिलाओं के क्रिकेट को प्रतिबंधित करने के बाद अफगानिस्तान ने पहले ही जरूरी मानंदड में गंभीर उल्लघंन कर दिया है.

शिनवारी के अनुसार, अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड में बदलाव तालिबान के नए गृहमंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी (के आंतकी संगठन हक्कानी नेटवर्क) के छोटे भाई अनस हक्कानी के जोर देने पर किया गया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.