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अलपन सरकार की अनियमितताएं जानते हैं इसीलिए ममता बचा रहीं : शुभेंदु

भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने पूर्व मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय के मुद्दे पर ममता सरकार पर निशाना साधा. शुभेंदु ने कहा अलपन ममता सरकार की अनियमितताओं के बारे में जानते हैं, यही वजह है कि मुख्यमंत्री उन्हें बचा रही हैं.

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Published : Jun 3, 2021, 4:48 AM IST

कोलकाता : भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने बुधवार को आरोप लगाया कि ममता बनर्जी सरकार राज्य के पूर्व मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय को बचा रही हैं क्योंकि वह राज्य में कोविड-19 प्रबंधन संबंधी तृणमूल कांग्रेस सरकार की अनियमितताओं के बारे में जानते हैं.

केंद्र सरकार ने बंदोपाध्याय को 31 मई को 'कारण बताओ' नोटिस जारी किया था. इसी दिन वह सेवानिवृत्त होने जा रहे थे.

वर्ष 1987 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी अलपन बंदोपाध्याय 31 मई को सेवानिवृत्त होने वाले थे, लेकिन राज्य ने उनके कार्यकाल को तीन महीने के लिए बढ़ाने की अनुमति मांगी थी जो उन्हें पिछले माह मिल गई थी. राज्य सरकार ने इसके लिए पश्चिम बंगाल में जारी कोविड-19 की दूसरी लहर के प्रबंधन को लेकर उनके नेतृत्व में किए जा रहे कार्यों का हवाला दिया था.

पढ़ें- केंद्र के साथ टकराव में बंगाल सरकार अलपन के साथ खड़ी रहेगी : ममता

चक्रवाती तूफान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 28 मई को मुख्यमंत्री बनर्जी के साथ समीक्षा बैठक के बाद उठे विवाद के बाद बंदोपाध्याय को केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली स्थित नार्थ ब्लॉक में रिपोर्ट करने को कहा गया था.

शुभेंदु ने साधा निशाना

शुभेंदु अधिकारी ने राजभवन में राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा, 'अलपन बंदोपाध्याय तृणमूल कांग्रेस के कई गलत कामों के बारे में जानते हैं. उन्होंने इन कृत्यों को छिपाया और इन्हें दूर करने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की. इसलिए, बंगाल की मुख्यमंत्री बंदोपाध्याय को बचाने के लिए उत्साहित हैं.'

पढ़ें- अलपन बंद्योपाध्याय के आचरण से अराजकता की आशंका : सूत्र

(पीटीआई-भाषा)

कोलकाता : भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने बुधवार को आरोप लगाया कि ममता बनर्जी सरकार राज्य के पूर्व मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय को बचा रही हैं क्योंकि वह राज्य में कोविड-19 प्रबंधन संबंधी तृणमूल कांग्रेस सरकार की अनियमितताओं के बारे में जानते हैं.

केंद्र सरकार ने बंदोपाध्याय को 31 मई को 'कारण बताओ' नोटिस जारी किया था. इसी दिन वह सेवानिवृत्त होने जा रहे थे.

वर्ष 1987 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी अलपन बंदोपाध्याय 31 मई को सेवानिवृत्त होने वाले थे, लेकिन राज्य ने उनके कार्यकाल को तीन महीने के लिए बढ़ाने की अनुमति मांगी थी जो उन्हें पिछले माह मिल गई थी. राज्य सरकार ने इसके लिए पश्चिम बंगाल में जारी कोविड-19 की दूसरी लहर के प्रबंधन को लेकर उनके नेतृत्व में किए जा रहे कार्यों का हवाला दिया था.

पढ़ें- केंद्र के साथ टकराव में बंगाल सरकार अलपन के साथ खड़ी रहेगी : ममता

चक्रवाती तूफान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 28 मई को मुख्यमंत्री बनर्जी के साथ समीक्षा बैठक के बाद उठे विवाद के बाद बंदोपाध्याय को केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली स्थित नार्थ ब्लॉक में रिपोर्ट करने को कहा गया था.

शुभेंदु ने साधा निशाना

शुभेंदु अधिकारी ने राजभवन में राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा, 'अलपन बंदोपाध्याय तृणमूल कांग्रेस के कई गलत कामों के बारे में जानते हैं. उन्होंने इन कृत्यों को छिपाया और इन्हें दूर करने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की. इसलिए, बंगाल की मुख्यमंत्री बंदोपाध्याय को बचाने के लिए उत्साहित हैं.'

पढ़ें- अलपन बंद्योपाध्याय के आचरण से अराजकता की आशंका : सूत्र

(पीटीआई-भाषा)

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