दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने मार्गदर्शी चिट फंड मामले में आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय की ओर से पारित अंतरिम आदेश के खिलाफ यूरी रेड्डी नामक व्यक्ति की ओर से दायर विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) को खारिज कर दिया है. एचसी के अंतरिम आदेश ने शेयरों के हस्तांतरण में कथित गड़बडड़ी के आरोप में मार्गदर्शी चिट फंड के अध्यक्ष रामोजी राव और प्रबंध निदेशक शैलजा किरण के खिलाफ एपी सीआईडी की ओर से दर्ज मामले की जांच पर रोक लगा दी.
एसएलपी में, यूरी रेड्डी ने मार्गदर्शी के खिलाफ सीआईडी की ओर से दर्ज मामले में किसी भी आगे की कार्रवाई पर 8 सप्ताह की रोक लगाते हुए उच्च न्यायालय की ओर से उन्हें और एपी सीआईडी को जारी किए गए नोटिस को चुनौती दी. यूरी रेड्डी की शिकायत के आधार पर सीआईडी मामला दर्ज किया गया था. उनकी एसएलपी सोमवार को न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति संजय करोल की एससी पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आई.
यूरी रेड्डी के वकील डी. शिवरामी रेड्डी ने सुनवाई शुरू होते ही बहस शुरू की और कहा कि हाई कोर्ट ने उनकी दलीलें सुने बिना ही अंतरिम आदेश जारी कर दिया. उन्होंने आगे कहा कि हाई कोर्ट ने मामले की सीआईडी जांच पर रोक लगाने के लिए उचित कारण नहीं बताए।
इस मौके पर न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय ने हस्तक्षेप किया और याचिकाकर्ता के वकील से सवाल किया कि रोक कितने दिनों के लिए लगाई गई है. उन्होंने उत्तर दिया कि यह आठ सप्ताह के लिए था. तब जज ने पूछा कि क्या यह मामला अब भी हाई कोर्ट के अधिकार क्षेत्र में है. याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि उनकी दलीलें सुने बिना ही आदेश जारी कर दिए गए.
न्यायाधीश हृषिकेश रॉय ने याचिकाकर्ता को याद दिलाया कि एचसी ने अंतरिम आदेश दिया था और पूछा कि अगली सुनवाई कब होगी. याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि अगली सुनवाई 6 दिसंबर को होनी है. तब जज ने कहा कि क्या आप यह याचिका वापस लेंगे? या क्या आप बर्खास्तगी आदेश को रिकॉर्ड करना चाहते हैं? याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि वे एसएलपी वापस ले लेंगे. जज ने आदेश दिया कि याचिकाकर्ता को वापस लेने की अनुमति देते हुए मामले को खारिज कर दिया जाए.
अतीत में, एपी उच्च न्यायालय ने मार्गदर्शी मामले की जांच के दौरान सीआईडी के आचरण के बारे में सीधे सवाल उठाए थे. जब एचसी को बताया गया कि कथित मामला हैदराबाद में हुआ था, तो अदालत ने सवाल किया कि क्या एपी सीआईडी को इस मामले पर मामला दर्ज करने का अधिकार है. कोर्ट ने पूछा था कि आपको जांच करने का अधिकार कहां से मिला?
एचसी ने यह भी बताया कि यूरी रेड्डी ने सीआईडी को दी गई शिकायत में खुद कहा था कि उन्होंने शेयरों के हस्तांतरण के लिए हस्ताक्षर किए थे. एचसी ने कहा, ऐसे में धमकी देकर हस्ताक्षर करने का सवाल ही नहीं उठता. मार्गदर्शक के खिलाफ मामला दर्ज करने के मामले में सीआइडी के अधिकार क्षेत्र पर कड़ी आपत्ति जतायी गयी. इन कारकों को ध्यान में रखते हुए, एचसी ने उस समय घोषणा की कि दर्ज मामले में आगे की सभी कार्यवाही आठ सप्ताह के लिए निलंबित कर दी जाएगी.