लखनऊ : झांसी में हुए एनकाउंटर में अतीक अहमद के बेटे असद अहमद के साथ शूटर गुलाम भी मारा गया. बताया जाता है कि अतीक के पुराने करीबी ने गुलाम और असद अहमद को पनाह दी थी. इस बीच पुलिस के हत्थे असद के दो मददगार लग गए. पूछताछ में एसटीएफ को असद का लोकेशन मिल गया. झांसी में एनकाउंटर से पहले पुलिस ने गुलाम और असद को सरेंडर करने को कहा था. पुलिस का दावा है कि असद और गुलाम ने एसटीएफ पर गोलीबारी कर दी. जवाब में हुई फायरिंग में दोनों मारे गए.
एसटीएफ ने असद के पास से मोटर साइकिल, विदेशी हथियार, बुलडॉग रिवाल्वर के साथ भारी मात्रा में गोलियां बरामद करने का दावा किया है. अभी यूपी पुलिस और एसटीएफ ने एनकाउंटर से जुड़ी कड़ियां नहीं खोली हैं. बताया जा रहा है कि जब अतीक अहमद को अहमदाबाद से प्रयागराज लाया जा रहा था, तब उसके गुर्गे भी काफिले की निगरानी कर रहे थे. असद अहमद भी अपने पिता की सुरक्षा के लिए झांसी आया था.
अतीक के कारोबार का वारिस था असद : प्रयागराज में 24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या के बाद से यूपी पुलिस ने दोनों को वॉन्टेड घोषित कर रखा था. असद और गुलाम पर 5-5 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था. 24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या के बाद पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले थे. इसके उमेश पाल हत्याकांड से जुड़े कई वीडियो सामने आए, जिसमें यह पता चला था कि इस कांड में अतीक का बेटा असद भी शामिल है. वारदात के बाद गाड़ी और कपड़े बदलकर असद फरार हो गया था. बताया जा रहा है कि अतीक अहमद के साबरमती जेल में शिफ्ट होने के बाद शाइस्ता परवीन और असद ही फिरौती और रंगदारी का कारोबार चला रहे थे. जांच के दौरान एसटीएफ ने एक वॉट्सऐप ग्रुप ट्रेस किया था, जिसका एडमिन असद ही था. शेर ए अतीक व्हाट्सएप ग्रुप में असद अहमद ने अतीक गैंग के 50 गुर्गों को जोड़ रखा था. उमेश की हत्या के बाद इस ग्रुप के ज्यादातर मेंबर ने चैट हिस्ट्री डिलीट कर दी थी.
उमेश पाल हत्याकांड में असद अहमद के शामिल होने पर यह आशंका जताई गई थी कि वह अतीक अहमद का वारिस बनेगा. अतीक ने भी हत्या से ही जुर्म की दुनिया में कदम रखा था और असद ने अपने पिता के स्टाइल में ही क्राइम वर्ल्ड में एंट्री मारी थी. उमेश पाल की हत्या में उसके शामिल होने से बड़े-बड़े माफिया भौंचक रह गए थे. जुर्म की दुनिया में वह एक हत्या से ही अपने पिता अतीक से आगे निकल गया था. फिलहाल वह पांच लाख का इनामी था. इसके बाद से ही पुलिस औऱ एसटीएफ की टीमें लगातार असद और उसके साथियों की तलाश कर रही थी. उमेश हत्याकांड में शामिल शूटर विजय चौधरी उर्फ उस्मान और कार ड्राइवर अरबाज को पुलिस पहले की मुठभेड़ में मार चुकी है.
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