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विवादित वीडियो में IAS इफ्तिखार के होने की पुष्टि, SIT ने शासन को भेजी रिपोर्ट

आईएएस अधिकारी मोहम्मद इफ्तिखार उद्दीन के वायरल विवादित वीडियो मामले में SIT ने जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी है. वीडियो में आईएएस अधिकारी के होने की पुष्टि हुई है. आरोप है कि इफ्तखारुद्दीन ने पद पर कार्यरत रहने के दौरान कट्टरता के साथ-साथ धर्मांतरण को भी बढ़ावा दिया.

IAS इफ्तिखार
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Published : Oct 20, 2021, 12:50 AM IST

लखनऊ : वरिष्ठ आईएएस अधिकारी मोहम्मद इफ्तिखार उद्दीन के विवादित वीडियो मामले की जांच कर रही SIT ने 227 पन्नों की जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी है. एसआईटी को अपनी जांच में 47 आपत्तिजनक वीडियो मिले हैं. जानकारी के अनुसार वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को लेकर वायरल हुए वीडियो को सही पाया गया है. वीडियो में आईएएस अधिकारी के होने की पुष्टि हुई है. वीडियो में जो बातें आईएएस अधिकारी की ओर से कहीं जा रही हैं, वह सेवा नियमावली के विरुद्ध हैं. वायरल वीडियो में आईएएस मोहम्मद इफ्तिखार उद्दीन अधिकारी द्वारा धर्मांतरण के फायदे बताते हुए सुना गया था, जिसके बाद इस मामले ने तूल पकड़ा और जांच एसआईटी को सौंपी गई है.

एसआईटी ने अपनी जांच के दौरान 70 से अधिक वायरल वीडियो को शामिल किया है और इस पूरे मामले में 30 से अधिक लोगों के बयान लिए हैं. इस पूरे मामले से जुड़े साहित्य को लेकर भी एसआईटी ने गंभीरता से जांच की है और इसके लिए उर्दू अनुवादकों की मदद भी ली गई है. वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के वायरल वीडियो के मामले में सीबीसीआईडी के महानिदेशक जीवन मीणा के नेतृत्व में 16 सदस्य टीम ने जांच की है.

यह भी पढ़ें- नई पार्टी बनाएंगे कैप्टन अमरिंदर सिंह, किसानों का मुद्दा सुलझा तो बीजेपी से गठबंधन के भी संकेत

बता दें कि आईएएस अफसर इफ्तखारुद्दीन का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है. वायरल वीडियो उस समय का बताया जा रहा है जब इफ्तखारुद्दीन कानपुर के कमिश्नर थे और उसी दौरान उन्होंने कुछ मौलानाओं को अपने सरकारी बंगले पर बुलाकर इस पाठशाला का आयोजन किया था. वीडियो वायरल होने के बाद सीनियर आईएएस की शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंची थी. जिसके बाद वीडियो की सच्चाई जानने के लिए एसआईटी का गठन किया गया था. आरोप लगाया जा रहा है कि इफ्तखारुद्दीन ने पद पर कार्यरत रहने के दौरान कट्टरता के साथ-साथ धर्मांतरण को भी बढ़ावा दिया.

वहीं, उत्तर प्रदेश पुलिस और एटीएस अवैध धर्मांतरण कराने वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है. बीते दिनों एसआईटी ने अवैध धर्मांतरण मामले में 16 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों से पूछताछ में खुलासा हुआ है कि विदेश से आरोपियों को करोड़ों की फंडिंग हुई है. विदेश से हुई 57 करोड़ की फंडिंग को कहां खर्च किया गया है, इसको लेकर एटीएस जांच कर रही है.

लखनऊ : वरिष्ठ आईएएस अधिकारी मोहम्मद इफ्तिखार उद्दीन के विवादित वीडियो मामले की जांच कर रही SIT ने 227 पन्नों की जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी है. एसआईटी को अपनी जांच में 47 आपत्तिजनक वीडियो मिले हैं. जानकारी के अनुसार वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को लेकर वायरल हुए वीडियो को सही पाया गया है. वीडियो में आईएएस अधिकारी के होने की पुष्टि हुई है. वीडियो में जो बातें आईएएस अधिकारी की ओर से कहीं जा रही हैं, वह सेवा नियमावली के विरुद्ध हैं. वायरल वीडियो में आईएएस मोहम्मद इफ्तिखार उद्दीन अधिकारी द्वारा धर्मांतरण के फायदे बताते हुए सुना गया था, जिसके बाद इस मामले ने तूल पकड़ा और जांच एसआईटी को सौंपी गई है.

एसआईटी ने अपनी जांच के दौरान 70 से अधिक वायरल वीडियो को शामिल किया है और इस पूरे मामले में 30 से अधिक लोगों के बयान लिए हैं. इस पूरे मामले से जुड़े साहित्य को लेकर भी एसआईटी ने गंभीरता से जांच की है और इसके लिए उर्दू अनुवादकों की मदद भी ली गई है. वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के वायरल वीडियो के मामले में सीबीसीआईडी के महानिदेशक जीवन मीणा के नेतृत्व में 16 सदस्य टीम ने जांच की है.

यह भी पढ़ें- नई पार्टी बनाएंगे कैप्टन अमरिंदर सिंह, किसानों का मुद्दा सुलझा तो बीजेपी से गठबंधन के भी संकेत

बता दें कि आईएएस अफसर इफ्तखारुद्दीन का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है. वायरल वीडियो उस समय का बताया जा रहा है जब इफ्तखारुद्दीन कानपुर के कमिश्नर थे और उसी दौरान उन्होंने कुछ मौलानाओं को अपने सरकारी बंगले पर बुलाकर इस पाठशाला का आयोजन किया था. वीडियो वायरल होने के बाद सीनियर आईएएस की शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंची थी. जिसके बाद वीडियो की सच्चाई जानने के लिए एसआईटी का गठन किया गया था. आरोप लगाया जा रहा है कि इफ्तखारुद्दीन ने पद पर कार्यरत रहने के दौरान कट्टरता के साथ-साथ धर्मांतरण को भी बढ़ावा दिया.

वहीं, उत्तर प्रदेश पुलिस और एटीएस अवैध धर्मांतरण कराने वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है. बीते दिनों एसआईटी ने अवैध धर्मांतरण मामले में 16 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों से पूछताछ में खुलासा हुआ है कि विदेश से आरोपियों को करोड़ों की फंडिंग हुई है. विदेश से हुई 57 करोड़ की फंडिंग को कहां खर्च किया गया है, इसको लेकर एटीएस जांच कर रही है.

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