बेंगलुरु: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (Karnataka CM Siddaramaiah) ने केंद्र सरकार से शिक्षा और रोजगार में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए बढ़े हुए आरक्षण को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की है. उक्त बातें सीएम ने मंगलवार को पिछड़े वर्ग और दलित समुदाय के संघ प्रतिनिधिमंडल द्वारा किए गए अभिनंदन के दौरान कहीं. उन्होंने पिछली भाजपा सरकार द्वारा आरक्षण में की गई बढ़ोत्तरी को एक चुनावी हथकंडा बताया.
सिद्धारमैया ने कहा कि भले ही आरक्षण बढ़ाने का अधिनियम पारित हो गया था लेकिन उसे चुनाव घोषणा से महज दो दिन पहले संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल करने के लिए केंद्र के पास एक प्रस्ताव भेजा गया था. उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने अनुसूचित जाति को आरक्षण देने के बहाने पिछड़े वर्ग के आरक्षण में भ्रम पैदा किया. कांग्रेस नेता ने कहा कि हमारे द्वारा सभी समुदायों को विश्वास में लेने और आंतरिक आरक्षण बनाने की सलाह की अनदेखी करने के परिणामस्वरूप उन्हें विभिन्न समुदायों के विरोध का सामना करना पड़ा.
सिद्धारमैया ने कहा कि सामाजिक न्याय के प्रति प्रतिबद्धता नहीं होने इस तरह के भ्रम पैदा होते हैं. उन्होंने कहा कि जनसंघ और भाजपा का हमेशा से आरक्षण विरोधी रुख रहा है. अब आरक्षण बढ़ाना राजनीतिक नौटंकी है. हमें इस बारे में सावधान रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार आरक्षण में सभी भ्रमों को दूर करेगी. जनता ने कर्नाटक में कांग्रेस पार्टो को एक बार फिर मौका दिया है. लोग बदलाव चाहते हैं. उनका पिछली सरकार से भरोसा उठ गया है. सीएम ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस सरकार हमेशा से धर्मनिरपेक्ष पार्टी रही है और सत्ता में रहे या न रहे, सामाजिक न्याय के स्टैंड पर कोई समझौत नहीं किया गया है.
जातिवार सर्वेक्षण रिपोर्ट स्वीकृति- सिद्धारमैया ने कहा कि ऐतिहासिक कारणों से सदियों से वंचित लोगों को सुविधाएं उपलब्ध कराकर असमानता को खत्म करने और समानता पैदा करने की जरूरत है. इस संबंध में हमारी सरकार ने पूर्व में स्थायी पिछड़ा वर्ग आयोग के माध्यम से 162 करोड़ रुपये की लागत से जातिवार सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक सर्वेक्षण कराया था. उन्होंने कहा कि पिछली सरकारें सर्वे रिपोर्ट को मानने से कतराती थीं. अब हमारी सरकार इस रिपोर्ट को मानेगी. भौतिक स्थिति के आधार पर लोगों को शिक्षा, रोजगार आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जाएंगी.
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