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पदोन्नति में आरक्षण मामले पर SC ने फैसला सुरक्षित रखा - पदोन्नति में आरक्षण में फैसला सुरक्षित

न्यायमूर्ति नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने मामले में अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) बलबीर सिंह और विभिन्न राज्यों के लिए उपस्थित अन्य वरिष्ठ वकीलों सहित सभी पक्षों को सुना.

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Published : Oct 26, 2021, 4:30 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) को पदोन्नति में आरक्षण देने के मुद्दे पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.

न्यायमूर्ति नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने मामले में अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) बलबीर सिंह और विभिन्न राज्यों के लिए उपस्थित अन्य वरिष्ठ वकीलों सहित सभी पक्षों को सुना.

केंद्र ने पहले न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ से कहा था कि यह जीवन का एक तथ्य है कि लगभग 75 वर्षों के बाद भी अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों को अगड़ी कक्षाओं के समान योग्यता के स्तर पर नहीं लाया गया है.

वेणुगोपाल ने बताया था कि एससी और एसटी से संबंधित लोगों के लिए समूह ए श्रेणी की नौकरियों में उच्च पद प्राप्त करना अधिक कठिन है और समय आ गया है, जब शीर्ष अदालत को एससी, एसटी और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए कुछ ठोस आधार देना चाहिए.

पीठ ने पहले कहा था कि वह अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) को पदोन्नति में आरक्षण देने के मुद्दे पर अपने फैसले को फिर से नहीं बदलेंगे और कहा कि यह राज्यों को तय करना है कि वे इसे कैसे लागू करने जा रहे हैं.

पढ़ेंः पेगासस जासूसी मामले से संबंधित याचिकाओं पर बुधवार को फैसला सुनाएगा न्यायालय

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) को पदोन्नति में आरक्षण देने के मुद्दे पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.

न्यायमूर्ति नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने मामले में अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) बलबीर सिंह और विभिन्न राज्यों के लिए उपस्थित अन्य वरिष्ठ वकीलों सहित सभी पक्षों को सुना.

केंद्र ने पहले न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ से कहा था कि यह जीवन का एक तथ्य है कि लगभग 75 वर्षों के बाद भी अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों को अगड़ी कक्षाओं के समान योग्यता के स्तर पर नहीं लाया गया है.

वेणुगोपाल ने बताया था कि एससी और एसटी से संबंधित लोगों के लिए समूह ए श्रेणी की नौकरियों में उच्च पद प्राप्त करना अधिक कठिन है और समय आ गया है, जब शीर्ष अदालत को एससी, एसटी और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए कुछ ठोस आधार देना चाहिए.

पीठ ने पहले कहा था कि वह अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) को पदोन्नति में आरक्षण देने के मुद्दे पर अपने फैसले को फिर से नहीं बदलेंगे और कहा कि यह राज्यों को तय करना है कि वे इसे कैसे लागू करने जा रहे हैं.

पढ़ेंः पेगासस जासूसी मामले से संबंधित याचिकाओं पर बुधवार को फैसला सुनाएगा न्यायालय

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