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जल्द हो सकता है यूपी में मंत्रिपरिषद विस्तार, संजय निषाद को मिल सकती है जगह

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Published : Aug 20, 2021, 9:13 PM IST

Updated : Aug 20, 2021, 9:40 PM IST

उत्तर प्रदेश में मंत्रिपरिषद विस्तार जल्द से जल्द होने की संभावना है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक अगले 15 दिन के भीतर नए मंत्रियों के नाम तय हो जाएंगे. खराब प्रदर्शन वाले कुछ मंत्रियों को हटाकर जनता के बीच नाराजगी दूर की जा सकती है. वहीं ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि योगी कैबिनेट में निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद को भी जगह मिल सकती है.

sanjay nishad-
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नई दिल्ली : निषाद पार्टी के मुखिया डॉ. संजय निषाद ने दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की. बैठक के दौरान भाजपा ने अपने कोटे से एमएलसी सीट देने के लिए हामी भरी. बता दें कि उत्तर प्रदेश में मनोनयन वाली एमएलसी की कुल चार सीटों को भरा जाना है. इसके अलावा भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने विधानसभा चुनाव में 10 सीटें निषाद पार्टी के लिए छोड़ने का वादा भी किया.

सूत्रों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में मंत्रिपरिषद विस्तार जल्द से जल्द होने की संभावना है. सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए जितिन प्रसाद और निषाद पार्टी मुखिया संजय निषाद को मंत्री बनाया जा सकता है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक अगले 15 दिन के भीतर नए मंत्रियों के नाम तय हो जाएंगे.

इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पोर्टफोलियो आवंटन को अंतिम रूप देंगे. इसके बाद इसके अंतिम मंजूरी के लिए हाईकमान के पास भेजा जाएगा.

सूत्रों ने बताया कि योगी कैबिनेट में लगभग पांच नए मंत्री होने की संभावना है. इनके नाम क्षेत्रीय, सामाजिक और जातिगत संतुलन को ध्यान में रखते हुए तय किए जा रहे हैं.

आपको बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज 105वां संविधान संशोधन अधिनियम, 2021 को अपनी स्वीकृति दे दी है. यह अधिनियम सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों की पहचान उल्लिखित करने के लिए राज्य सरकारों की शक्ति को बहाल करता है. योगी सरकार राज्य में 39 जातियों को अन्य पिछड़ी जातियों (ओबीसी) की सूची में शामिल कर सकती है.

यह भी पढ़ें- विपक्षी नेताओं संग बैठक में बोलीं सोनिया, अंतिम लक्ष्य 2024 चुनाव, बनानी होगी योजना

बैठक के दौरान संजय निषाद ने 'निषाद आरक्षण' का मुद्दा उठाया. पिछली सरकारों की ओर से मछुआरों के जीवकोपार्जन के संसाधन ताल, झील, जलाशय, पोखरों को काला कानून बनाकर निषादों से छिनने वाले कानून को समाप्त करने की उन्होंने मांग की. विधानसभा चुनाव में निषाद पार्टी की हिस्सेदारी, निषाद बाहुल्य सीटों पर चर्चा हुई.

पार्टी प्रमुख ने पिछली सरकारों के दौरान हुए आंदोलन के दौरान आगरा, गोरखपुर, जौनपुर और गाजीपुर में निषादों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने की भी मांग की.

संजय निषाद ने पिछले महीने मोदी कैबिनेट के विस्तार में जगह नहीं मिलने पर नाराजगी जाहिर की थी. इससे पहले ईटीवी भारत के साथ एक साक्षात्कार में संजय निषाद ने दावा किया था कि उनकी पार्टी की उत्तर प्रदेश की 160 से अधिक विधानसभा सीटों पर मजबूत पकड़ है. उनका कहना था कि 70 सीटों पर 70,000 से अधिक वोटबैंक निषाद समुदाय का है.

नई दिल्ली : निषाद पार्टी के मुखिया डॉ. संजय निषाद ने दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की. बैठक के दौरान भाजपा ने अपने कोटे से एमएलसी सीट देने के लिए हामी भरी. बता दें कि उत्तर प्रदेश में मनोनयन वाली एमएलसी की कुल चार सीटों को भरा जाना है. इसके अलावा भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने विधानसभा चुनाव में 10 सीटें निषाद पार्टी के लिए छोड़ने का वादा भी किया.

सूत्रों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में मंत्रिपरिषद विस्तार जल्द से जल्द होने की संभावना है. सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए जितिन प्रसाद और निषाद पार्टी मुखिया संजय निषाद को मंत्री बनाया जा सकता है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक अगले 15 दिन के भीतर नए मंत्रियों के नाम तय हो जाएंगे.

इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पोर्टफोलियो आवंटन को अंतिम रूप देंगे. इसके बाद इसके अंतिम मंजूरी के लिए हाईकमान के पास भेजा जाएगा.

सूत्रों ने बताया कि योगी कैबिनेट में लगभग पांच नए मंत्री होने की संभावना है. इनके नाम क्षेत्रीय, सामाजिक और जातिगत संतुलन को ध्यान में रखते हुए तय किए जा रहे हैं.

आपको बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज 105वां संविधान संशोधन अधिनियम, 2021 को अपनी स्वीकृति दे दी है. यह अधिनियम सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों की पहचान उल्लिखित करने के लिए राज्य सरकारों की शक्ति को बहाल करता है. योगी सरकार राज्य में 39 जातियों को अन्य पिछड़ी जातियों (ओबीसी) की सूची में शामिल कर सकती है.

यह भी पढ़ें- विपक्षी नेताओं संग बैठक में बोलीं सोनिया, अंतिम लक्ष्य 2024 चुनाव, बनानी होगी योजना

बैठक के दौरान संजय निषाद ने 'निषाद आरक्षण' का मुद्दा उठाया. पिछली सरकारों की ओर से मछुआरों के जीवकोपार्जन के संसाधन ताल, झील, जलाशय, पोखरों को काला कानून बनाकर निषादों से छिनने वाले कानून को समाप्त करने की उन्होंने मांग की. विधानसभा चुनाव में निषाद पार्टी की हिस्सेदारी, निषाद बाहुल्य सीटों पर चर्चा हुई.

पार्टी प्रमुख ने पिछली सरकारों के दौरान हुए आंदोलन के दौरान आगरा, गोरखपुर, जौनपुर और गाजीपुर में निषादों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने की भी मांग की.

संजय निषाद ने पिछले महीने मोदी कैबिनेट के विस्तार में जगह नहीं मिलने पर नाराजगी जाहिर की थी. इससे पहले ईटीवी भारत के साथ एक साक्षात्कार में संजय निषाद ने दावा किया था कि उनकी पार्टी की उत्तर प्रदेश की 160 से अधिक विधानसभा सीटों पर मजबूत पकड़ है. उनका कहना था कि 70 सीटों पर 70,000 से अधिक वोटबैंक निषाद समुदाय का है.

Last Updated : Aug 20, 2021, 9:40 PM IST
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