नई दिल्ली : रोहिणी जेल में बैठकर 200 करोड़ रुपये की ठगी करने वाले सुकेश चंद्रशेखर की मदद जेल अधिकारी कर रहे थे. इसके लिए उन्हें मोटी रकम मिल रही थी. यह खुलासा तिहाड़ जेल की जांच में हुआ है. इस मामले में 6 जेल अधिकारियों को पहले ही निलंबित कर दिया गया था. वहीं, अब 9 जेल अधिकारियों के खिलाफ लापरवाही की बात सामने के बाद एक्शन लेने के लिए दिल्ली सरकार को पत्र लिखा गया है.
जानकारी के अनुसार, वर्ष 2017 में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने फर्जीवाड़े के एक मामले में सुकेश चंद्रशेखर को गिरफ्तार किया था. वर्ष 2017 में इलेक्शन कमीशन के नाम पर उसने रुपये लिए थे. यह केस अभी अदालत में चल रहा है. रोहिणी जेल में बैठकर उसने बीते 1 साल में फोर्टिस के पूर्व प्रमोटर शिवेंद्र सिंह की पत्नी अदिति सिंह से 200 करोड़ रुपये की उगाही की. शिवेंद्र सिंह को जेल से निकालने की एवज में यह रकम ली गई थी. इस घटना को लेकर आर्थिक अपराध शाखा ने मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया है. पुलिस ने उस पर मकोका भी लगाया है.
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इस मामले में सुकेश के पास से एक आईफोन सहित दो मोबाइल फोन बरामद हुए थे. जांच में पुलिस को पता चला कि जेल के अधिकारी ही उसकी मदद कर रहे थे. इस मामले में 2 जेल अधिकारियों को आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया था. वहीं, दूसरी तरफ जेल के अधिकारी भी इस मामले में छानबीन कर रहे थे. उन्हें यह पता चला है कि जेल अधिकारियों की मदद से ही सुकेश मोबाइल इस्तेमाल कर रहा था. यह भी पता चला है कि उसे अतिरिक्त सुविधाएं भी जेल अधिकारियों द्वारा मुहैया कराई जा रही थी. सीसीटीवी कैमरे से बचने के लिए वह बेडशीट को पर्दे की तरह इस्तेमाल करता था.
इस मामले में आर्थिक अपराध शाखा 6 जेल अधिकारियों से पूछताछ कर चुकी है. जबकि, 2 आरोपियों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है. सूत्रों का कहना है इस मामले में पाया गया कि 9 जेल अधिकारी रोहिणी जेल में उसकी मदद कर रहे थे. इनमें रोहिणी जेल का सुपरिटेंडेंट, 3 डिप्टी सुपरिटेंडेंट, 2 असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट, 1 हेड वार्डर और 2 वार्डर शामिल हैं. इन पर एक्शन लेने के लिए तिहाड़ जेल अधिकारियों की तरफ से दिल्ली सरकार को पत्र भेजा गया है. इसमें कहा गया है कि वह किस तरह जेल में बंद सुकेश की मदद कर रहे थे.
पूछताछ के दौरान सुकेश ने खुलासा किया है कि जेल अधिकारियों की मदद से आईफोन मिला था. उसने यह भी दावा किया है कि वह जेल में सुविधाएं मुहैया कराने के लिए अधिकारियों को मोटी कीमत चुकाता था. जेल अधिकारियों को प्रत्येक महीने रिश्वत के रूप में मोटी रकम देता था, जो जेल अधिकारी, उसके गुर्गों से जाकर लेते थे. उसके खुलासे को लेकर आर्थिक अपराध शाखा जांच कर रही है. इस मामले में जेल के कुछ अन्य अधिकारी गिरफ्तार हो सकते हैं.