अयोध्या: रामनगरी में 22 जनवरी को प्रस्तावित भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की कड़ी में 17 जनवरी को कलश यात्रा और मां सरयू के पूजन के साथ ही दूसरे दिन का अनुष्ठान संपूर्ण हुआ. प्राण प्रतिष्ठा समारोह के मुख्य यजमान डॉ अनिल मिश्रा ने अपनी पत्नी और कलश लेकर पहुंचने वाली पांच महिलाओं के साथ मां सरयू की विधिवत पूजा-अर्चना की. इस दौरान कलश पूजन किया गया और पवित्र सरयू नदी से जल भरा गया. लगभग आधे घंटे तक मां सरयू के किनारे काशी से आए विद्वानों द्वारा विधिवत पूजन-अर्चन संपन्न कराया गया. इसके बाद कलश में जल भरा गया. इसके बाद कलश लेकर अनिल मिश्रा सभी वैदिक विद्वानों के साथ राम जन्मभूमि परिसर पहुंचे और कलश को यज्ञ मंडप में स्थापित किया गया.
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्र ने बताया कि भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की कड़ी में आज दूसरे दिन की पूजा संपूर्ण हुई है. मां सरयू की पूजा अर्चना की गई. कलश की पूजा-अर्चना हुई है. सभी कार्यक्रम सुंदर रूप से संपन्न हो रहे हैं. 22 जनवरी को प्रभु श्री राम अपने भव्य मंदिर में विराजमान होंगे. हम सभी उस मंगल घड़ी की प्रतीक्षा कर रहे हैं.
अनुष्ठान संपन्न करा रहे काशी के विद्वान जय कृष्ण दीक्षित ने बताया कि आज के अनुष्ठान में कलश यात्रा का कार्यक्रम था. लेकिन, अयोध्या में सुरक्षा कारणों और राम भक्तों की सुविधा को देखते हुए यह आयोजन भव्य रूप से न होकर सूक्ष्म रूप में किया गया. उन्होंने कहा कि 18 जनवरी से आगे के सभी धार्मिक अनुष्ठान संपन्न होंगे.
कार्यक्रमों की कड़ी में पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत प्रभु भगवान राम की रजत प्रतिमा को पूरे परिसर का भ्रमण कराया गया. चांदी से बनी इस प्रतिमा को लेकर मुख्य यजमान डॉ अनिल मिश्रा ने पालकी पर विराजमान कर राम जन्मभूमि परिसर का भ्रमण कराया. इस दौरान काशी से आई विद्वत मंडली के सदस्य वैदिक मंत्रोच्चार करते हुए साथ चलते रहे. इस भ्रमण के दौरान प्रभु श्री राम की रजत प्रतिमा पर पुष्प वर्षा की गई पूरे परिसर में जगह-जगह पर सुंदर सजावट भी की गई थी.
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