नई दिल्ली: नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम, 1985 के दुरुपयोग को लेकर गृह मामलों के एक संसदीय पैनल ने सरकार को इसके मिसयूज को रोकने (Prevent misuse of NDPS Act) के लिए अधिनियम में पर्याप्त सुरक्षा शामिल करने का सुझाव दिया है.
गृह मामलों पर संसदीय पैनल ने पुलिस प्रशिक्षण, आधुनिकीकरण और सुधारों पर अपनी 237 रिपोर्ट में कहा है कि गृह मंत्रालय संबंधित मंत्रालय और विभाग के साथ समिति द्वारा उठाये गये विषयों को लेकर एनडीपीएस अधिनियम, 1985 की समीक्षा करने पर विचार कर सकता है. गुरुवार को संसद में पेश की गई अपनी रिपोर्ट में, समिति ने सिफारिश की है कि गृह मंत्रालय (एमएचए) वैश्विक स्तर पर अपनाए जा रहे बेहतरीन व्यवस्थाओं को ध्यान में रखते हुए पुलिसिंग और संवैधानिक अधिकारों और नागरिकों की सुरक्षा को लेकर राज्यों सहित सभी हितधारकों के साथ इस मामले पर चर्चा कर सकता है.
राज्यसभा सांसद आनंद शर्मा की अध्यक्षता वाली समिति ने कहा, 'समिति इन कानूनों से संबंधित सिफारिशों के बारे में मूल्यांकन करना चाहेगी.' एनडीपीएस अधिनियम, 1985 पर एक विचार-विमर्श के दौरान, समिति ने संबंधित विभागों के द्वारा बहुत कम मात्रा में ड्रग्स बरामदगी के मामलों में अधिनियम के दुरुपयोग पर चर्चा की.
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रिपोर्ट में कहा गया, 'समिति ने महसूस किया कि अधिनियम में इसके दुरुपयोग को रोकने और प्रभावित व्यक्तियों की वंचित स्वतंत्रता को लेकर पर्याप्त सुरक्षा उपायों को शामिल किया जा सकता है.' समिति की रिपोर्ट शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान विवाद की पृष्ठभूमि में है, जहां उन्हें नारकोटिक कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के अधिकारी समीर वानखेड़े ने एक क्रूज पर ड्रग पार्टी के दौरान गिरफ्तार किया था.