कलबुर्गी: कलबुर्गी में डॉ मल्लारवा मल्ले रहते हैं. दस रुपये के डॉ. साब के नाम से मशहूर इस डॉक्टर की प्रशंसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की है. उन्होंने खुद मल्लाराव मल्ले की सेवा की सराहना करते हुए एक पत्र लिखा है. लोगों की सेहत के लिए निस्वार्थ भाव से काम कर रहे डॉ. मल्लाराव मल्ले 74 साल की उम्र में आज भी सिर्फ 10 रुपये कंसल्टेंसी फीस लेते हैं.
उनके 40 साल के सेवा अनुभव और सार्वजनिक सेवा की भावना, कम फीस और गुणवत्तापूर्ण उपचार सलाह के कारण लोग दिन भर शहर के जगत सर्कल में अस्पताल के सामने कतार में लगे रहते हैं. खासकर कोविड के दौरान उनके द्वारा की गई सेवा यादगार है. कोविड महामारी के डर से कई वरिष्ठ डॉक्टरों ने प्रैक्टिस करना बंद कर दिया था. लेकिन, मल्ले ने अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा की.
वृद्धावस्था में भी अथक परिश्रम करने वाले डॉ. मल्ले ने लगभग 2 लाख लोगों का टीकाकरण कर ध्यान आकर्षित किया है. न केवल आम जनता बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी डॉ. मल्ले को एक पत्र लिखा है और सेवा के प्रति उनके समर्पण की प्रशंसा की है, जिन्होंने 'सेंट जॉन एम्बुलेंस' के तहत लसिका अभियान चलाया है.
क्या है पीएम मोदी की चिट्ठी में? : भारत कोविड की समस्या से जूझ रहा था. ऐसे में आप जैसे वीर सेवा डॉक्टरों ने देश की जनता के साथ खड़े होकर सभी को महामारी से बचाया. अपने पत्र में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉ मल्ले और उनके परिवार को उनकी सेवा के लिए बधाई दी. एक डॉक्टर के रूप में कोविड-19 युग के अग्रिम पंक्ति के सिपाही के रूप में आपने जो अतुलनीय साहस और सेवा दिखाई है, उसके लिए देश हमेशा आपका ऋणी रहेगा.
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पीएम मोदी ने अपने पत्र में कहा है कि जब देश कोविड-19 का सामना करेगा तो आप जैसे डॉक्टरों ने जो साहस और बहादुरी दिखाई, वह आने वाली पीढ़ी के लिए रोल मॉडल होगी. कम फीस, गरीबों के लिए डॉ. मल्ले की चिंता, कोविड-19 संकट के दौरान सेवा के प्रति उनका समर्पण और लोगों के स्वास्थ्य के प्रति उनका समर्पण युवा पीढ़ी के लिए रोल मॉडल बन गए हैं.