इस्लामाबाद: पाकिस्तान में इस समय राजनीतिक अस्थिरता का माहौल है. विपक्ष ने इमरान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया, लेकिन निचली सदन के डिप्टी स्पीकर ने इस प्रस्ताव को ही खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि सरकार को हटाए जाने की यह विदेशी साजिश है, इसलिए वे इस प्रस्ताव को खारिज कर रहे हैं. इससे पहले इमरान सरकार के मंत्री फवाद चौधरी ने यही दलील पेश की थी. इसके तुरंत बाद पाक पीएम इमरान खान ने राष्ट्रपति से संसद भंग करने की अपील की और राष्ट्रपति ने इस पर मंजूरी प्रदान कर दी है.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने रविवार को कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को नेशनल असेंबली (संसद) को भंग करने की सलाह दी है और नए सिरे से चुनाव कराने की मांग की है. राष्ट्र के नाम एक संक्षिप्त संबोधन में खान ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति अल्वी को ‘असेंबलीज़’ को भंग करने की सलाह दी.
विपक्ष की ओर से अध्यक्ष असद कैसर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करने के बाद सूरी ने संसद के अहम सत्र की अध्यक्षता की. विपक्ष के सदस्य जब सदन पहुंचे तो वे अविश्वास प्रस्ताव को लेकर आश्वस्त दिखाई दिए, लेकिन प्रस्ताव खारिज होने के बाद उन्होंने फैसले का विरोध किया.
खान 2018 में 'नया पाकिस्तान' बनाने के वादे के साथ सत्ता में आए थे और अब अपने राजनीतिक करियर के नाजुक मोड़ पर हैं क्योंकि उनकी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी ने बहुमत खो दिया है. उनकी दो सहयोगी पार्टियों ने भी सरकार से समर्थन वापस ले लिया और विपक्ष के खेमे से हाथ मिला लिया है.
आपको बता दें कि इमरान खान ने इससे पहले यह संकेत दिया था कि नेशनल असेंबली में बहुमत खोने के बावजूद वह इस्तीफा नहीं देंगे और अंतिम क्षण तक संकट का सामना करेंगे. वहीं, देर रात उन्होंने युवाओं से की 'शांतिपूर्ण प्रदर्शन' करने की अपील है. विपक्षी पार्टियों ने स्पीकर को हटाए जाने की मांग की थी. उनका कहना था कि अविश्वास प्रस्ताव की वोटिंग के समय स्पीकर कहीं कोई गड़बड़ी न कर दें. आखिरकार हुआ भी यही, डिप्टी स्पीकर ने अविश्वास प्रस्ताव को ही खारिज कर दिया.
अविश्वास प्रस्ताव से पहले विपक्ष की नेता मरियम नवाज शरीफ ने दावा किया था कि उनके पास 174 सदस्यों का समर्थन है. अविश्वास प्रस्ताव को पास करने के लिए विपक्ष को 172 सदस्यों की जरूरत थी. पाकिस्तान की 342 सदस्यों वाली नेशनल असेंबली में बहुमत के लिए 172 सीटें चाहिए. अटकलें लगाईं जा रहीं थी कि अगर इमरान खान अविश्वास प्रस्ताव हार गए तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा. इमरान के एक मंत्री शेख रशीद खान ने कहा कि देश में स्थिति बिगड़ सकती है, इसलिए बेहतर होगा कि चुनाव करा लिए जाए.
सदन में अलग-अलग दलों की स्थिति
पीएमएल-एन: 84
पीपीपी-56
एमएमए-14
एएनपी-1
पीएनपी-4
एमक्यूएम-6
बीएपी-4
जेडब्लूपी-1
निर्दलीय-4
इमरान खान के एक मंत्री ने विपक्ष पर कड़ी टिप्पणी की है. उन्होंने पूर्व पीएम नवाज शरीफ के भाई शहबाज शरीफ पर निशाना साधा है.
गौरतलब है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने खिलाफ पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव पर अहम मतदान से एक दिन पहले शनिवार को देश के युवाओं से अपील की कि वे उनकी सरकार के खिलाफ कथित रूप से रचे गए विदेशी षड्यंत्र के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन करें, लेकिन उन्होंने साथ ही कहा कि वे पाकिस्तान सेना की आलोचना नहीं करें.
खान ने सीधे प्रसारित किए गए प्रश्नोत्तर सत्र के दौरान कहा कि उनके पास नेशनल असेंबली में पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव पर रविवार को होने वाले मतदान के लिए एक से अधिक योजनाएं हैं. खान ने इसे देश के भविष्य के लिए युद्ध करार देते हुए कहा कि पाकिस्तान निर्णायक मोड़ पर खड़ा है. उन्होंने कहा, 'हम दो मार्ग अपना सकते हैं. क्या हम विनाश का मार्ग अपनाना चाहते हैं या गौरव का रास्ता अपनाना चाहते हैं? इस (गौरव के) मार्ग पर मुश्किलें होंगी, लेकिन यह हमारे पैगंबर का मार्ग है. यह हमारी भलाई का मार्ग है. यह मार्ग इस देश में क्रांति लेकर लाया.'
प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान की राजनीति एक ऐसे बिंदु पर पहुंच गई है, जहां देश के लोगों को एक फैसला करना होगा. उन्होंने कहा, ‘ईमानदारी और न्याय के साथ खड़ा रहने वाले समाज को नवजीवन मिलता है, लेकिन जब समाज तटस्थ हो जाता है तो यह बुराई को समर्थन देना शुरू कर देता है.' खान ने कहा, ‘इस समय सरकार के खिलाफ एक षड्यंत्र चल रहा है और यह साबित हो गया है कि सरकार को अपदस्थ करने के लिए बकरों की तरह नेता खरीदे जा रहे हैं.' उन्होंने कहा कि विदेश में यह साजिश रची गई और पाकिस्तान के कुछ नेता इन लोगों की मदद कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘इतिहास उन्हें कभी नहीं भूलता और मैं चाहता हूं कि पाकिस्तान का इतिहास भी इन धोखेबाजों को नहीं भूले. यह आपकी जिम्मेदारी है. उन्हें ऐसा मत लगने दीजिए कि आप भूल गए हैं.' खान ने कहा, ‘आधिकारिक दस्तावेज कहते हैं कि यदि आप इमरान खान को हटा देते हैं, तो अमेरिका के साथ आपके संबंध बेहतर हो जाएंगे.
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उन्होंने कहा कि वह राष्ट्र को 'धोखा' देने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे. खान ने युवाओं से कहा, ‘मैं चाहता हूं कि आप बाहर निकलें और आज एवं कल प्रदर्शन करें. शांतिपूर्ण प्रदर्शनों के लिए बाहर निकलें. यह पूछे जाने पर कि सेना की आलोचना करने वालों से वह क्या कहेंगे, प्रधानमंत्री ने कहा कि दो चीजें हैं जिन्होंने देश को एकजुट रखा है. उन्होंने कहा, ‘पहली चीज, पाकिस्तान की सेना है. यह एक मजबूत और पेशेवर सेना है. यह देश के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि कई देश पाकिस्तान को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं. दूसरी चीज पीटीआई (पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ) है, क्योंकि यह एक ऐसी पार्टी है जिसने देश को जोड़े रखा है.'
उन्होंने कहा, 'हमें इस सेना की आवश्यकता है. इसने हमारे लिए बलिदान दिया है. मैं चाहता हूं कि आप सेना की आलोचना नहीं करें.' खान ने सेना के साथ मतभेद की खबरों को भी खारिज किया. प्रधानमंत्री ने दावा किया कि उनके खिलाफ पैदा किया गया राजनीतिक संकट पाकिस्तान के लिए एक स्वतंत्र विदेश नीति बनाने की उनकी इच्छा का परिणाम है.