हैदराबाद : उत्तर प्रदेश के कासगंज में पूछताछ के लिए हिरासत में लिए गए एक युवक की कथित रूप से पुलिस द्वारा पीटे जाने के कारण मौत हो गई. पुलिस ने कहा कि युवक ने अपनी जैकेट में लगी डोरी से फांसी लगा ली. इस मामले को लेकर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने यूपी पुलिस पर हमला बोला है.
-
.@Uppolice says that this is the tap to which Altaf tied his hoodie & hanged himself. Shoddy cover-ups will not work https://t.co/MPdNEpzLJN
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) November 10, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">.@Uppolice says that this is the tap to which Altaf tied his hoodie & hanged himself. Shoddy cover-ups will not work https://t.co/MPdNEpzLJN
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) November 10, 2021.@Uppolice says that this is the tap to which Altaf tied his hoodie & hanged himself. Shoddy cover-ups will not work https://t.co/MPdNEpzLJN
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) November 10, 2021
ओवैसी ने सवाल किया कि नल में डोरी लगाकर कैसे कोई आत्महत्या कर सकता है. उन्होंने मामले की न्यायिक जांच की मांग करते हुए आरोपी पुलिस वालों की फौरन गिरफ्तारी की मांग की. साथ ही कहा कि युवक अल्ताफ के परिवार को मुआवजा दिया जाना चाहिए.
असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर कहा, यूपी में पुलिस ज्यादतियों की महामारी चल रही है. पुलिस कहती है कि एक नल से अल्ताफ ने अपनी जैकेट के हुक में लगी डोरी सेफांसी लगा ली. पुलिस वालों के ऐसे घटिया बयान से काम नहीं चलेगा. मामले में आरोपी पुलिस वालों को जल्द अरेस्ट किया जाए. इसके साथ ही अल्ताफ के घरवालों को उचित मुआवजा दिया जाए.
बता दें कि समाजवादी पार्टी (सपा) ने भी इस मामले की न्यायिक जांच की मांग की है. समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट में कहा, कासगंज में पूछताछ के लिए लाए गए युवक की थाने में मौत का मामला बेहद संदेहास्पद है. लापरवाही के नाम पर कुछ पुलिसवालों का निलंबन सिर्फ़ दिखावटी कार्रवाई है. इस मामले में इंसाफ़ व भाजपा के राज में पुलिस में विश्वास की पुनर्स्थापना के लिए न्यायिक जांच होनी ही चाहिए.
इसके अलावा सपा ने भी ट्वीट कर कहा, भाजपा राज में हिरासत में एक और मौत . कासगंज में पुलिस हिरासत के दौरान युवक की हत्या, उप्र के ठोको पुलिस का एक और कारनामा है. उप्र में अपराधी और पुलिस लगातार मुख्यमंत्री की सरपरस्ती में कानून व्यवस्था का एनकाउंटर कर रहे हैं. दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का केस चले, मिले सजा.
क्या है मामला
पुलिस अधीक्षक रोहन प्रमोद बोत्रे ने बताया कि मंगलवार को एक नाबालिग हिंदू लड़की को कथित रूप से बहला-फुसलाकर साथ ले जाने के एक मामले में पूछताछ के लिए नगला सैयद इलाके के रहने वाले अल्ताफ (22) नामक युवक को हिरासत में लिया गया था.
पढ़ें :- पिछले तीन वर्षों में पुलिस हिरासत में 348 लोगों की मौत हुई: सरकार
उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान अल्ताफ ने हवालात के अंदर बने बाथरूम में जाने की इच्छा जताई इस पर उसे इजाजत दे दी गई, वहां उसने जैकेट के हुक में लगी डोरी से बाथरूम के नल में फंसा कर अपना गला घोंटने की कोशिश की.
उन्होंने बताया कि देर तक नहीं लौटने पर पुलिसकर्मी बाथरूम में गए और अल्ताफ को अस्पताल पहुंचाया जहां उसकी मौत हो गई मृतक के परिजन ने आरोप लगाया है कि पुलिस द्वारा बेरहमी से पीटे जाने की वजह से उसकी मौत हुई है.
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोपी पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है युवक के शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है इस मामले में पुलिसकर्मियों के निलंबन को सिर्फ दिखावटी कार्रवाई बताते हुए प्रकरण की न्यायिक जांच की मांग की है .