मसूरी/देहरादून : पहाड़ों में बारिश का दौर जारी है. लगातार हो रही बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त है. बारिश से जगह-जगह भूस्खलन होने से मार्ग बाधित हो गए हैं, जिससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
मूसलाधार बारिश के कारण पहाड़ी से मलबा और बोल्डर आने से मसूरी-देहरादून मार्ग के गलोगी पावर हाउस और चूना खाले के पास करीब 12 घंटे से बंद है. लोक निर्माण विभाग गलोगी पावर हाउस के पास दो जेसीबी की मदद से मलबा और बोल्डर हटाने की कोशिश में जुटी है.
हालांकि, गलोगी पावर हाउस के पास विभाग ने कड़ी मशक्कत के बाद मार्ग को एक तरफ यातायात के लिए खोल दिया है. जबकि, मसूरी-देहरादून मार्ग चूनाखाले के पास आए मलबा और बोल्डर को भी हटाया जा रहा है. जिससे की मार्ग को सुचारू किया जा सके. मार्ग बंद होने के कारण सड़क के दोनों तरफ वाहन का लंबा जाम लगा रहा. जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा.
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मसूरी एसडीएम मनीष कुमार ने बताया कि मसूरी-देहरादून गलोगी पावर हाउस के पास पहाड़ काफी कच्चा होने के कारण लगातार भूस्खलन हो रहा है. वहीं, भूस्खलन को देखते हुए लोक निर्माण विभाग द्वारा 24 घंटे दो जेसीबी तैनात की गई है. जिससे कि पहाड़ी से आ रहे मलबे और पत्थरों को हटाया जा सके.
आपकाे बता दें कि उत्तराखंड में पिछले कई दिनों से बारिश हो रही है. अगले 24 घंटों में भी पहाड़ से लेकर मैदान तक झमाझम बारिश होने का अनुमान है. मौसम की संवेदनशीलता को देखते हुए मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया हुआ है. विभाग के अनुसार राजधानी देहरादून के साथ ही नैनीताल, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जैसे जिलों में तेज बौछारों के साथ ही मूसलाधार बारिश की आशंका है.
ऑरेंज अलर्ट जारी : इन पहाड़ी जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. राजधानी दून व आसपास के इलाकों में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई है. मौसम विभाग के मुताबिक राज्य के कई जिलों में तेज गर्जना के साथ ही बिजली गिरने की भी आशंका है.
नदी-नालों के किनारे रहने वालों को निर्देश : देहरादून के डीएम डॉ. आर राजेश कुमार ने नदी किनारे के इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों से लोगों को पहले से ही सचेत करने को कहा है. उन्होंने कहा कि नदियों में जल स्तर बढ़ने और खतरे की आशंका होने पर लोग तुरंत आसपास के सुरक्षित स्थानों पर शरण लें.
उत्तराखंड की 659 सड़कें हैं बंद : उधर बारिश, बाढ़ और भूस्खलन के कारण उत्तराखंड की 659 सड़कें बंद पड़ी हैं. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के मुताबिक उत्तरकाशी जिले में 2, देहरादून में 2, चमोली में 7, पौड़ी में 18, टिहरी में 10, बागेश्वर में 3, नैनीताल में 3, चंपावत में 3 एवं पिथौरागढ़ में 17 मार्ग बंद हैं.
बड़े हाईवे बंद : भारी बारिश के कारण बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे कई जगह पर बंद हैं. यमुनोत्री हाईवे नैनबाग में मलबा आने के कारण बंद है. शुक्रवार सुबह फकोट के पास ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे का एक पूरा हिस्सा भारी बारिश से टूट गया. इस कारण राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों तरफ कई वाहन फंस गए. बारिश की भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि संबंधित विभाग वहां मशीन तक नहीं भेज पाया. विकासनगर-बड़कोट हाईवे यमुना पुल के पास बंद हो गया है.
ऋषिकेश-गंगोत्री नेशनल हाईवे 94 पर लैंडस्लाइड : ताजा तस्वीरें जो सामने आ रही हैं, वह ऋषिकेश-गंगोत्री नेशनल हाईवे 94 की हैं. जहां भारी बारिश के चलते फकोट-आराखाल के बीच सड़क पूरी तरह से जमींदोज हो गई है. वहीं, जिला प्रशासन ने एहतियातन स्थिति सामान्य होने तक आम लोगों की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए एनएच-94 पर नरेंद्रनगर से चंबा तक यातायात को तत्काल प्रभाव से पूर्व रूप से प्रतिबंधित करने का आदेश दिया है.
जानकारी के मुताबिक, NH-94 बेमुंडा के पास मलबा आने से मार्ग अवरुद्ध है. वहीं, नरेन्द्रनगर से आगे कारमल स्कूल के पास भी हाईवे पर मलबा आने के कारण यातायात अवरुद्ध है.
ऋषिकेश-चंबा मार्ग पर फंसे यात्री : वहीं, सड़क के बह जाने के चलते ऋषिकेश से चंबा आने-जाने वाले लोग मार्ग पर ही फंस गए हैं. बारिश से कारण जमींदोज हुई सड़क के चलते अब निर्माणदायी कंपनी की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठने लगे हैं क्योंकि, ऑल वेदर रोड परियोजना के तहत ऋषिकेश-गंगोत्री मार्ग पर सड़क निर्माण का कार्य चल रहा है. ऐसे में सड़क निर्माण की गुणवत्ता पर भी कई सवाल उठ रहे हैं. वहीं, सड़क बह जाने की सूचना पर राजमार्ग विभाग के कर्मचारी भी मौके पर पहुंच गए हैं.
डोईवाला से एयरपोर्ट को जोड़ने वाला पुल ध्वस्त: भारी बारिश और बाढ़ के कारण एयरपोर्ट की ओर जाने वाला पुल ध्वस्त हो गया है. पुल पर खड़े दो पिकअप वाहन भी नीचे गिर गए.
क्या है चारधाम प्रोजेक्ट की ऑलवेदर रोड ? चारधाम ऑलवेदर रोड प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है. इसकी शुरुआत 2016 में हुई थी. जैसा कि नाम से जाहिर है कि यहां बनने वाली सड़कों को हर मौसम के हिसाब से बनाया जाएगा. हिमालयी क्षेत्रों में बरसात के मौसम में अक्सर पहाड़ों के दरकने से सड़कें टूट जाती हैं और रास्ते बंद हो जाते हैं. लेकिन यह समस्या सड़क की नहीं, पहाड़ों की है.
900 किमी सड़क हो रही चौड़ी : इस प्रोजेक्ट में करीब 900 किमी लंबी सड़क को चौड़ा किया जाना है. यह सड़क उत्तराखंड में केदारनाथ, बद्रीनाथ, युमनोत्री और गंगोत्री के साथ ही टनकपुर-पिथौरागढ़ की कनेक्टिविटी वाली सड़क है. यह सड़क कैलास मानसरोवर तक भी जाती है. चारधाम प्रोजेक्ट की ऑलवेदर रोड न केवल उत्तराखंड सरकार बल्कि भारत सरकार के लिए भी काफी अहम है.