चंडीगढ़ : पंजाब में हथियारों को लेकर नए नियम बनाए (New rules for arms in Punjab) गए हैं. अब तक जारी हथियार लाइसेंसों की अगले तीन महीनों के भीतर समीक्षा की जाएगी. जब तक डीसी व्यक्तिगत रूप से संतुष्ट न हो तब तक कोई नया लाइसेंस जारी नहीं किया जाएगा. हथियारों का सार्वजनिक प्रदर्शन पर बैन लगा दिया गया है. आने वाले दिनों में इसकी रैंडम चेकिंग होती रहेगी. जीवन के लिए खतरा पैदा करने वाले जश्न के दौरान गोलीबारी दंडनीय होगी.
जानकारी के मुताबिक, पंजाब सरकार ने कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर विपक्षी दलों की ओर से हो रही आलोचनाओं के बीच रविवार को कई कदम उठाए. इनमें बंदूक संस्कृति व हिंसा को बढ़ावा देने वाले गीतों और आग्नेयास्त्रों के सार्वजनिक प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाना शामिल है. एक आधिकारिक आदेश के अनुसार, राज्य सरकार ने अगले तीन महीने में शस्त्रों के लाइसेंस की समीक्षा करने का भी आदेश दिया है. आदेश में कहा गया है कि किसी भी समुदाय के खिलाफ नफरती बयानबाजी में लिप्त लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश भी जारी किए गए हैं.
राज्य में कथित रूप से बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर 'आप' सरकार को विपक्षी दलों की ओर से आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. राज्य में हाल ही में दो बड़ी घटनाएं हुईं हैं. चार नवंबर को शिवसेना (टकसाली) के नेता सुधीर सूरी और 10 नवंबर को डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी प्रदीप सिंह की हत्या कर दी गई. राज्य के गृह विभाग ने पुलिस प्रमुख, पुलिस आयुक्तों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को एक पत्र लिखकर कहा कि मुख्यमंत्री ने राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कदम उठाने के निर्देश जारी किए हैं.
रविवार को जारी आदेश के मुताबिक, शस्त्रों और हिंसा का महिमामंडन करने वाले गानों पर पूरी तरह से रोक लगाई जानी चाहिए. आदेश में कहा गया है कि शस्त्रों के सार्वजनिक प्रदर्शन पर पूर्ण प्रतिबंध होना चाहिए. सार्वजनिक समारोह, धार्मिक स्थल, विवाह समारोह और अन्य कार्यक्रमों में हथियार ले जाने व प्रदर्शित करने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए. आदेश में आगे कहा गया है कि तीन महीने के भीतर शस्त्र लाइसेंस की समीक्षा की जानी चाहिए और यदि किसी गलत व्यक्ति को शस्त्र लाइसेंस जारी किया गया है, तो उसे तत्काल रद्द किया जाना चाहिए. आदेश में कहा गया है कि आने वाले दिनों में अलग-अलग जगहों पर औचक निरीक्षण किया जाए.
(पीटीआई-भाषा)