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MP में जल प्रलय : बाढ़ की चपेट में आए 1171 गांव, बचाव कार्य के लिए अब सेना ही सहारा - मध्यप्रदेश में बारिश

मध्य प्रदेश में भारी बारिश के चलते कई जिलों में बाढ़ की स्थिति बन गई है. बाढ़ से बुरी तरह से प्रभावित शिवपुरी जिले में तीन लोग करीब 24 घंटे तक पेड़ पर फंसे रहे. हालांकि सभी को बचाया लिया गया. अधिकारियों ने बताया कि बारिश के चलते ग्वालियर-चंबल इलाके में 1171 गांव प्रभावित हुए हैं. राज्य के कई जिलों में स्थिति नियंत्रित करने के लिए सेना की मदद भी मांगी गई है. वहीं रेलवे ट्रैक पर पानी आने से ट्रेनों का संचालन रोक दिया गया है.

MP में बाढ़ से बिगड़े हालात.
MP में बाढ़ से बिगड़े हालात.
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Published : Aug 3, 2021, 8:52 PM IST

Updated : Aug 3, 2021, 11:32 PM IST

भोपाल : मध्य प्रदेश में लगातार हो रही बारिश और बाढ़ से हालात बेहद खराब हो गए हैं. शिवपुरी, श्योपुर, ग्वालियर, दतिया, मुरैना जिलों में बाढ़ प्रभावित इलाकों में सेना बुलाने के आदेश जारी कर दिए गए हैं. कई इलाकों में सेना की तैनाती भी की गई है. इससे पहले शिवपुरी में वायुसेना के 3 हेलीकॉप्टर को रेस्क्यू के लिए लगाया गया है. अब तक 1000 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है. सीएम शिवराज सिंह ने भी मंगलवार सुबह पीएम नरेंद्र मोदी को बाढ़ के हालात की जानकारी दी. प्रधानमंत्री ने प्रदेश को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है. प्रदेश में कई जगहों पर जल स्तर बढ़ने के बाद बांधों के गेट खोलने से सैकड़ों गांव टापू बने हुए हैं. वहीं चंबल और पार्वती, बेतवा नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं.

बाढ़ प्रभावित शिवपुरी जिले में मंगलवार को लगभग 24 घंटे तक पेड़ पर फंसे तीन लोगों के अलावा पांच अन्य लोगों को भारी बारिश के बीच बचाव दल द्वारा बचाया गया. अधिकारियों ने बताया कि ग्वालियर-चंबल संभाग में भारी बारिश से 1,171 गांव प्रभावित हुए हैं. प्रदेश के गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश राजौरा ने बताया कि शिवपुरी, श्योपुर, ग्वालियर और दतिया जिलों में बाढ़ प्रभावित इलाकों में बचाव कार्य के लिए सेना को बुलाया गया है.

ग्वालियर-चंबल इलाके में 1171 गांव प्रभावित हुए हैं.

पेड़ पर फंसे तीन लोगों को बचाया गया

प्रदेश सरकार के अधिकारियों ने बताया कि शिवपुरी जिले के बाढ़ प्रभावित पिपौड़ा गांव से मंगलवार सुबह पांच लोगों को बचाया गया. इसके अलावा शिवपुरी के बीची गांव में एक पेड़ पर लगभग 24 घंटे तक फंसे तीन लोगों को भी बचाया गया. मुख्यमंत्री चौहान ने भोपाल में पत्रकारों से कहा, 'राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के एक दल ने मंगलवार को नाव की मदद से इन लोगों को बचाया.' मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द ही प्रदेश के बाढ़ ग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करवाया जाएगा.

उन्होंने कहा, 'ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में विशेष रूप से शिवपुरी और श्योपुर जिलों में अत्यधिक बारिश के कारण कुल 1,171 गांव प्रभावित हुए है. जहां 800 मिलीमीटर तक बारिश होने के कारण बाढ़ आ गई है.' मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और एसडीआरएफ के बचाव दलों द्वारा अब तक 1600 लोगों को बचाया गया है, जबकि 200 गांव अब भी बाढ़ की चपेट में हैं. उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को बचाने के लिए नावों का इस्तेमाल किया जा रहा है.

रक्षा विमानों को सेवा में लगाया

उन्होंने कहा, 'मैं बाढ़ प्रभावित जिलों के कलेक्टरों और अन्य अधिकारियों से संपर्क में हूं और लोगों को सुरक्षा के लिए ऊंचे स्थानों पर भेजा गया, जहां राहत शिविर लगाए गए हैं.' अधिकारी ने बताया कि शिवपुरी जिले के बाढ़ प्रभावित कुछ गांवों से लोगों को निकालने के लिए सोमवार को रक्षा विमानों को सेवा में लगाया गया था, हालांकि मंगलवार को जिले में भारी बारिश और खराब मौसम के कारण विमान से बचाव अभियान का काम बाधित रहा.

MP में बाढ़ से बिगड़े हालात.

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह बारिश प्रभावित शिवपुरी, श्योपुर, भिंड और दतिया जिलों के प्रशासन के लगातार संपर्क में है और स्थिति पर नजर रखे हुए हैं. अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के दलों से जारी बचाव अभियान के बारे में जानकारी ले रहे हैं. शिवपुरी जिले के प्रभारी मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया, स्थानीय विधायक और प्रदेश की मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया भी बचाव अभियान की निगरानी के लिए जिले में डेरा डाले हुए हैं.

भोपाल में आपात बैठक

अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने बचाव अभियान की निगरानी तथा ग्वालियर व चंबल संभाग में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा के लिए भोपाल में मंत्रालय में आपात बैठक बुलाई है. सूत्रों ने बताया कि ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति बिगड़ने पर मुख्यमंत्री चौहान ने इसकी विस्तृत जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन पर दी. प्रधानमंत्री ने चौहान को बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए राज्य को हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया है.

ग्वालियर में हो रही जबरदस्त बारिश.

सूत्रों ने बताया कि चौहान ने मोदी को चलाए जा रहे बचाव अभियान के बारे में भी बताया और स्थिति से निपटने के लिए सेना से मदद मांगने पर चर्चा की. इससे पहले अधिकारियों ने बताया कि सोमवार को प्रदेश के बड़े हिस्से विशेषकर शिवपुरी और उसके पड़ोसी जिले श्योपुर में भारी बारिश हुई. जिससे दो लोगों की मौत हो गई. शिवपुरी जिला कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने सोमवार को बताया कि बाढ़ से प्रभावित तीन गांवों से लोगों को निकालने के लिए चार हेलीकॉप्टर शिवपुरी पहुंचे. अधिकारियों ने बताया कि श्योपुर जिले में भारी बारिश के बाद विजयपुर बस स्टैंड के पास स्थित बाढ़ ग्रस्त इलाके में एक इमारत में फंसे 60 लोगों को बचा लिया गया. ये लोग रविवार रात को एक शादी में शामिल होने विजयपुर गए थे, लेकिन परिसर में बाढ़ का पानी घुसने से वहीं फंस गए.

गुना में डूबा रेलवे ट्रैक, ट्रेनें रुकीं

ग्वालियर- गुना- भोपाल रेलवे ट्रैक पानी में डूब जाने से दोनों तरफ से यातायात बंद कर दिया गया है. यहां पाथरखेड़ा रेलवे स्टेशन के पास रेल पटरी पानी में डूब जाने के बाद से यातायात रोक दिया गया है. दोनों तरफ से आने वाली ट्रेनों को पाथरखेड़ा पर ही रोक दिया गया है. पहाड़ों के बीच से गुजरने वाले इस ट्रैक पर पहाड़ों से बहने वाले बरसाती झरनों का पानी आने से ट्रैफिक रोक दिया गया है. इसके अलावा ग्वालियर शिवपुरी के बीच मोहना में बहने वाली पार्वती नदी सड़क के ऊपर से बह रही है. जिसके कारण ग्वालियर और शिवपुरी का सड़क संपर्क भी कट गया है. दोनों तरफ से आने जाने वाली गाड़ियों को पार्वती नदी के पुल के पास मोहना पर ही रोक दिया गया है.

पढ़ेंः मध्य प्रदेश में जहरीली शराब बेची तो होगी फांसी या उम्रकैद !

भोपाल : मध्य प्रदेश में लगातार हो रही बारिश और बाढ़ से हालात बेहद खराब हो गए हैं. शिवपुरी, श्योपुर, ग्वालियर, दतिया, मुरैना जिलों में बाढ़ प्रभावित इलाकों में सेना बुलाने के आदेश जारी कर दिए गए हैं. कई इलाकों में सेना की तैनाती भी की गई है. इससे पहले शिवपुरी में वायुसेना के 3 हेलीकॉप्टर को रेस्क्यू के लिए लगाया गया है. अब तक 1000 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है. सीएम शिवराज सिंह ने भी मंगलवार सुबह पीएम नरेंद्र मोदी को बाढ़ के हालात की जानकारी दी. प्रधानमंत्री ने प्रदेश को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है. प्रदेश में कई जगहों पर जल स्तर बढ़ने के बाद बांधों के गेट खोलने से सैकड़ों गांव टापू बने हुए हैं. वहीं चंबल और पार्वती, बेतवा नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं.

बाढ़ प्रभावित शिवपुरी जिले में मंगलवार को लगभग 24 घंटे तक पेड़ पर फंसे तीन लोगों के अलावा पांच अन्य लोगों को भारी बारिश के बीच बचाव दल द्वारा बचाया गया. अधिकारियों ने बताया कि ग्वालियर-चंबल संभाग में भारी बारिश से 1,171 गांव प्रभावित हुए हैं. प्रदेश के गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश राजौरा ने बताया कि शिवपुरी, श्योपुर, ग्वालियर और दतिया जिलों में बाढ़ प्रभावित इलाकों में बचाव कार्य के लिए सेना को बुलाया गया है.

ग्वालियर-चंबल इलाके में 1171 गांव प्रभावित हुए हैं.

पेड़ पर फंसे तीन लोगों को बचाया गया

प्रदेश सरकार के अधिकारियों ने बताया कि शिवपुरी जिले के बाढ़ प्रभावित पिपौड़ा गांव से मंगलवार सुबह पांच लोगों को बचाया गया. इसके अलावा शिवपुरी के बीची गांव में एक पेड़ पर लगभग 24 घंटे तक फंसे तीन लोगों को भी बचाया गया. मुख्यमंत्री चौहान ने भोपाल में पत्रकारों से कहा, 'राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के एक दल ने मंगलवार को नाव की मदद से इन लोगों को बचाया.' मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द ही प्रदेश के बाढ़ ग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करवाया जाएगा.

उन्होंने कहा, 'ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में विशेष रूप से शिवपुरी और श्योपुर जिलों में अत्यधिक बारिश के कारण कुल 1,171 गांव प्रभावित हुए है. जहां 800 मिलीमीटर तक बारिश होने के कारण बाढ़ आ गई है.' मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और एसडीआरएफ के बचाव दलों द्वारा अब तक 1600 लोगों को बचाया गया है, जबकि 200 गांव अब भी बाढ़ की चपेट में हैं. उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को बचाने के लिए नावों का इस्तेमाल किया जा रहा है.

रक्षा विमानों को सेवा में लगाया

उन्होंने कहा, 'मैं बाढ़ प्रभावित जिलों के कलेक्टरों और अन्य अधिकारियों से संपर्क में हूं और लोगों को सुरक्षा के लिए ऊंचे स्थानों पर भेजा गया, जहां राहत शिविर लगाए गए हैं.' अधिकारी ने बताया कि शिवपुरी जिले के बाढ़ प्रभावित कुछ गांवों से लोगों को निकालने के लिए सोमवार को रक्षा विमानों को सेवा में लगाया गया था, हालांकि मंगलवार को जिले में भारी बारिश और खराब मौसम के कारण विमान से बचाव अभियान का काम बाधित रहा.

MP में बाढ़ से बिगड़े हालात.

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह बारिश प्रभावित शिवपुरी, श्योपुर, भिंड और दतिया जिलों के प्रशासन के लगातार संपर्क में है और स्थिति पर नजर रखे हुए हैं. अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के दलों से जारी बचाव अभियान के बारे में जानकारी ले रहे हैं. शिवपुरी जिले के प्रभारी मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया, स्थानीय विधायक और प्रदेश की मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया भी बचाव अभियान की निगरानी के लिए जिले में डेरा डाले हुए हैं.

भोपाल में आपात बैठक

अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने बचाव अभियान की निगरानी तथा ग्वालियर व चंबल संभाग में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा के लिए भोपाल में मंत्रालय में आपात बैठक बुलाई है. सूत्रों ने बताया कि ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति बिगड़ने पर मुख्यमंत्री चौहान ने इसकी विस्तृत जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन पर दी. प्रधानमंत्री ने चौहान को बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए राज्य को हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया है.

ग्वालियर में हो रही जबरदस्त बारिश.

सूत्रों ने बताया कि चौहान ने मोदी को चलाए जा रहे बचाव अभियान के बारे में भी बताया और स्थिति से निपटने के लिए सेना से मदद मांगने पर चर्चा की. इससे पहले अधिकारियों ने बताया कि सोमवार को प्रदेश के बड़े हिस्से विशेषकर शिवपुरी और उसके पड़ोसी जिले श्योपुर में भारी बारिश हुई. जिससे दो लोगों की मौत हो गई. शिवपुरी जिला कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने सोमवार को बताया कि बाढ़ से प्रभावित तीन गांवों से लोगों को निकालने के लिए चार हेलीकॉप्टर शिवपुरी पहुंचे. अधिकारियों ने बताया कि श्योपुर जिले में भारी बारिश के बाद विजयपुर बस स्टैंड के पास स्थित बाढ़ ग्रस्त इलाके में एक इमारत में फंसे 60 लोगों को बचा लिया गया. ये लोग रविवार रात को एक शादी में शामिल होने विजयपुर गए थे, लेकिन परिसर में बाढ़ का पानी घुसने से वहीं फंस गए.

गुना में डूबा रेलवे ट्रैक, ट्रेनें रुकीं

ग्वालियर- गुना- भोपाल रेलवे ट्रैक पानी में डूब जाने से दोनों तरफ से यातायात बंद कर दिया गया है. यहां पाथरखेड़ा रेलवे स्टेशन के पास रेल पटरी पानी में डूब जाने के बाद से यातायात रोक दिया गया है. दोनों तरफ से आने वाली ट्रेनों को पाथरखेड़ा पर ही रोक दिया गया है. पहाड़ों के बीच से गुजरने वाले इस ट्रैक पर पहाड़ों से बहने वाले बरसाती झरनों का पानी आने से ट्रैफिक रोक दिया गया है. इसके अलावा ग्वालियर शिवपुरी के बीच मोहना में बहने वाली पार्वती नदी सड़क के ऊपर से बह रही है. जिसके कारण ग्वालियर और शिवपुरी का सड़क संपर्क भी कट गया है. दोनों तरफ से आने जाने वाली गाड़ियों को पार्वती नदी के पुल के पास मोहना पर ही रोक दिया गया है.

पढ़ेंः मध्य प्रदेश में जहरीली शराब बेची तो होगी फांसी या उम्रकैद !

Last Updated : Aug 3, 2021, 11:32 PM IST
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