लखनऊ : लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सभी दल चुनावी तैयारियां आगे बढ़ा रहे हैं. वहीं समाजवादी पार्टी सीटों की डिमांड करने को लेकर बंटवारे का फार्मूला अपने स्तर से तैयार कर रही है. सपा से जुड़े नेताओं का कहना है कि 'समाजवादी पार्टी करीब 50 सीटों पर चुनाव लड़ने और अन्य सहयोगी दलों के लिए सीट बंटवारे पर चर्चा करते हुए रणनीति बनाई जाएगी. रालोद, सपा व टीएमसी जैसे दल भी यूपी में चुनावी सीट बंटवारे पर मंथन कर रहे हैं.'
दरअसल, उत्तर प्रदेश में विपक्षी दलों के महागठबंधन 'इंडिया' के सहयोगी घटक दलों के बीच सीटों के बंटवारे का फॉर्मूला जल्द तय होने की उम्मीद जताई जा रही है. सूत्रों का कहना है कि यूपी की मुख्य विपक्षी पार्टी सपा सबसे ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ेगी, लगभग रणनीति बनाई जा चुकी है. उसके बाद राष्ट्रीय राजनीति में मुख्य विपक्षी पार्टी की भूमिका का निर्वहन कर रही कांग्रेस यूपी में करीब 20 सीटों के आसपास चुनाव लड़ सकती है. इसी तरह रालोद, टीएमसी सहित अन्य अन्य घटक के बीच कितनी सीटों पर चुनाव लड़ा जाएगा, इसको लेकर बातचीत की जा रही है. लोकसभा में भाजपा के बाद सबसे बड़े दल कांग्रेस के पास यूपी में मात्र एक सीट रायबरेली ही है. 2019 के चुनाव में समाजवादी पार्टी ने पांच सीटें जीती थीं, लेकिन बाद में हुए उपचुनाव में सपा दो सीट आजमगढ़ और रामपुर हार गई. इसके बाद अब सपा के पास मैनपुरी, मुरादाबाद, संभल तीन सीटें ही हैं. रालोद और अन्य सहयोगी दल यहां शून्य पर हैं. विधानसभा चुनाव के लिहाज से देखें तो सपा यहां भाजपा के बाद दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है, इस लिहाज से देखा जाए और ज्यादातर सीटों पर समाजवादी पार्टी ही बेहतर चुनाव लड़ने की स्थिति में है. ऐसे में ही समाजवादी पार्टी ने करीब 50 सीटों की डिमांड करने की रणनीति बनाई है. सूत्रों का कहना है कि 'कांग्रेस यूपी में 25 से 30 सीटें मांग रही है, लेकिन अधिकतम 20 सीटों पर सहमति बनने की बात कही जा रही है.'
सूत्रों का कहना है कि पश्चिम यूपी में जाट आधारित वोट बैंक की राजनीति करने वाली राष्ट्रीय लोकदल पार्टी 10 सीटों की डिमांड तो कर रही है, लेकिन उसे पांच या छह सीटों पर चुनाव लड़ाने की सहमति बन सकती है. दरअसल, 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा से गठबंधन के अंतर्गत रालोद को 33 सीटें दी गई थीं और इसी आधार पर 'इंडिया' गठबंधन में उसे पांच या छह सीट दी जा सकती है. दलित वोटरों पर अपना प्रभाव छोड़ने वाले चंद्रशेखर आजाद को चुनाव लड़ाने की बात कही जा रही है. इंडिया गठबंधन की विशेष रणनीति के अंतर्गत पश्चिम यूपी में चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी को एक दो सीट देने पर सहमति बन रही है. बिहार के सीएम नीतीश कुमार को भी पूर्वांचल से लड़ाने के लिए विचार चल रहा है, जिससे कुर्मी वोटबैंक को इंडिया के पक्ष में लामबंद किया जा सके. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस को भी एक सीट देने की चर्चा हो रही है.
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता व विधायक रविदास मेहरोत्रा कहते हैं कि 'पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव चुनावी तैयारियों को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं. प्रदेश की ज्यादातर सीटों पर प्रत्याशी घोषित करने की तैयारी की जा रही है, जो दल जिस सीट पर अच्छा चुनाव लड़ेगा उसे वह सीट देने की प्राथमिकता रहेगी. गठबंधन वाले दल जिस सीट पर बेहतर चुनाव लड़ सकेंगे, उन्हें वह सीट दी जाएंगी. हम यूपी में भाजपा को हराने और हर स्तर पर ज्यादा से ज्यादा सीट जीतने के लक्ष्य को लेकर चल रहे हैं. 80 सीटों पर भाजपा का सफाया करेंगे. यही समाजवादी पार्टी का नारा है और इसी रणनीति पर सपा और 'इंडिया' गठबंधन चुनाव लड़ेगा.