तिरुवनंतपुरम: केरल ने रविवार को केंद्र से आईएएस (कैडर) प्रतिनियुक्ति नियमावली में संशोधन करने का प्रस्ताव (ias cadre deputation rules) छोड़ देने की अपील की और कहा कि इस कदम से राज्य सरकार की नीतियां लागू करने में सिविल सेवा के अधिकरियों के बीच 'डर का भाव' पैदा होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजे पत्र में केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन (Chief Minister Pinarayi Vijayan) ने कहा कि वर्तमान प्रतिनियुक्ति नियमावली अपने आप में ही केंद्र के पक्ष में है तथा उसमें और सख्ती लाने से सहयोगपरक संघवाद की जड़ें कमजोर होंगी.
उन्होंने पत्र में लिखा है, अखिल भारतीय सेवा की प्रतिनियुक्ति नियमावली (ias cadre deputation rules) में प्रस्तावित संशोधनों से निश्चित ही अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों के बीच उस राज्य सरकार की नीतियां लागू करने में डर एवं हिचक का भाव पैदा होगा जो केंद्र में सत्तारूढ़ दल की विरोधी पार्टी या पार्टियों द्वारा बनायी गयी है.
उन्होंने कहा कि केरल सरकार का मत है कि 'प्रस्तावित संशोधन छोड़ दिया जाए. उन्होंने कहा, संघीय ढांचे में राज्य सरकारें केंद्र सरकार के समतुल्य है क्योंकि दोनों को ही जनता चुनती है. वैसे संविधान में प्राधिकार के विभाजन में कई विषयों पर केंद्र को क्षेत्रााधिकार दिया गया है. पत्र में कहा गया है, हमें यह स्वीकार करने की जरूरत है कि उदीयमान एवं संघीय राजसत्ता में राज्यों एवं केंद्र में बिल्कुल भिन्न विचारधारा एवं राजनीतिक सोच के राजनीतिक प्रतिष्ठानों का शासन हो सकता है, लेकिन ये सरकारें संविधान के ढांचे में काम करती हैं.
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केंद्र सरकार ने आईएएस (कैडर) नियमावली 1954 में संशोधन का प्रस्ताव रखा है जिससे वह राज्य सरकारों की आपत्ति को दरकिनार कर आईएएस अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर पदस्थापित कर पाएगी.
पीटीआई-भाषा