एर्नाकुलम: केरल उच्च न्यायालय ने सबरीमाला मेलसंथी (मुख्य पुजारी) ड्रॉ मामले में सीसीटीवी फुटेज की जांच की. यह कार्रवाई मेलसंथी चुनाव को रद्द करने की मांग वाली एक याचिका के बाद हुई है. त्रावणकोर देवासम बोर्ड ने अदालत के आदेश के अनुसार सीसीटीवी फुटेज पेश किया. फुटेज की एक प्रति याचिकाकर्ता के वकील को दी गई.
याचिकाकर्ता तिरुवनंतपुरम के मूल निवासी मधुसूदनन हैं. उनकी याचिका में बताया गया कि सबरीमाला मेलसंथी चुनाव पारदर्शी तरीके से नहीं कराया गया था. शिकायतकर्ता का यह भी आरोप है कि ड्रा में धांधली हुई है. याचिका में कहा गया है कि मेलसंथी के रूप में चुने गए व्यक्ति के नाम वाले कागज को ही मोड़ा गया और अन्य के नाम वाले कागज को मोड़कर जार में जमा कर दिया गया.
जार को हिलाने पर मुड़ा हुआ कागज स्वाभाविक रूप से ऊपर आ जाएगा. इसलिए पेपर जल्दी लिया जा सका. याचिका में मांग की गई है कि ड्रा से चुने गए महेश का चुनाव रद्द किया जाए. सबरीमाला के नए मेलसंथी के लिए चुनाव 18 अक्टूबर को हुआ था. ड्रा में मुवातुपुझा के मूल निवासी महेश पीएन को सबरीमाला के मेलसंथी के रूप में चुना गया था और मुरली पीजी को मलिकप्पुरम मेलसंथी के रूप में चुना गया था.
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मेलसंथी ड्रा के लिए 17 लोगों को शॉर्टलिस्ट किया गया था.बता दें कि सबरीमाला मंदिर करीब 800 साल पुराना है. कहा जाता है कि यहां विराजमान भगवान अयप्पा ब्रह्मचारी हैं. यह मंदिर पहले भी कई बार विवादों में रहा. इस मंदिर में पहले युवतियों का प्रवेश वर्जित था. सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई जिसके बाद यहां सभी उम्र की महिलाओं का प्रवेश सुनिश्चत हो सका.