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कर्नाटक : ओला, उबर और रैपिडो को तीन दिन में ऑटो सेवा बंद करने के निर्देश

कर्नाटक में उबर, ओला और रैपिडो को झटका लगा है. सरकार ने इनसे बेंगलुरु में तीन दिन में ऑटो सेवा बंद करने को कहा है. दरअसल ज्यादा शुल्क वसूले जाने की शिकायतें आने के बाद ये कदम उठाया गया है (Karnataka Govt orders Uber Ola Rapido to stop auto services in three days).

Karnataka Govt orders Uber Ola Rapido
ऑटो सेवा बंद
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Published : Oct 7, 2022, 5:00 PM IST

Updated : Oct 7, 2022, 5:59 PM IST

बेंगलुरु: एप-आधारित सर्विस देने वाली कंपनियां उबर, ओला और रैपिडो से जुड़ी शिकायतें मिलने के बाद कर्नाटक परिवहन विभाग ने बेंगलुरु में ऑटोरिक्शा सेवा को रोकने के लिए नोटिस जारी किया है. अधिकारियों ने ज्यादा शुल्क वसूलने को 'अवैध' प्रथा करार दिया और एएनआई टेक्नोलॉजीज को एक नोटिस जारी किया, जो ओला, उबर और रैपिडो चलाती है. उन्हें तीन दिनों में ऑटो सेवाएं बंद करने के लिए कहा है.

विभाग ने उन्हें अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने के लिए भी कहा. कई यात्रियों ने परिवहन विभाग से शिकायत की है कि ओला और उबर एग्रीगेटर दो किलोमीटर से कम की दूरी के बावजूद कम से कम 100 रुपये चार्ज करते हैं. शहर में न्यूनतम ऑटो किराया पहले 2 किमी के लिए 30 रुपये और उसके बाद प्रत्येक किलोमीटर के लिए 15 रुपये तय किया गया है.

सूत्र बताते हैं कि ऑटो का न्यूनतम किराया 30 रुपये और 5 मिनट के लिए 5 रुपये का वेटिंग चार्ज आधिकारिक तौर पर तय किया गया है. लेकिन, कैब एग्रीगेटर कथित तौर पर न्यूनतम किराया 100 रुपये वसूल रहे हैं.

परिवहन आयुक्त टीएचएम कुमार के अनुसार, राज्य के ऑन-डिमांड परिवहन प्रौद्योगिकी एग्रीगेटर्स नियम इन कंपनियों को ऑटो-रिक्शा सेवाएं चलाने की अनुमति नहीं देते हैं क्योंकि यह केवल टैक्सियों तक सीमित थी. आयुक्त के एक पत्र में कहा गया है, 'एग्रीगेटर सरकारी नियमों के उल्लंघन में ऑटोरिक्शा सेवाएं प्रदान कर रहे हैं. साथ ही, यह विभाग के संज्ञान में आया है कि ग्राहकों से सरकार द्वारा निर्धारित दरों से अधिक शुल्क लिया जा रहा है.'

नोटिस में कंपनियों को आदेश दिया गया है कि ऑटो सेवाओं को जल्द से जल्द बंद किया जाए और यात्रियों से सरकार द्वारा निर्धारित किराए से अधिक किराया नहीं वसूला जाए. विभाग ने आदेश का पालन नहीं करने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी. पिछले महीने परिवहन विभाग ने नागरिकों द्वारा ओवरचार्जिंग की शिकायतों के आधार पर राइड-हेलिंग एप पर 292 मामले दर्ज किए थे.

यात्री इस मामले में मुख्यमंत्री के साथ-साथ शीर्ष सरकारी अधिकारियों को ईमेल के माध्यम से कई शिकायतें दर्ज करा रहे हैं. विभाग ने शहर के विभिन्न हिस्सों में ऐसे एग्रीगेटर्स और ड्राइवरों की पहचान करने के लिए निरीक्षण अभियान भी चलाया है.

इस बीच, बेंगलुरु ऑटोरिक्शा ड्राइवर्स यूनियन (एआरडीयू) ने 1 नवंबर तक ओला, उबर, रैपिडो और अन्य एप-आधारित सेवा प्रदाताओं के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए एक मोबाइल एप - 'नम्मा यात्री एप' लॉन्च करने की योजना बनाई है. एप को उद्यमी नंदन नीलेकणी समर्थित बेकन फाउंडेशन के साथ साझेदारी में लॉन्च किया जाएगा. एआरडीओ के अध्यक्ष डी. रुद्रस्वामी ने कहा था कि एप आधारित सेवा प्रदाता 100 रुपये लेते हैं और शेष राशि को कमीशन के रूप में रखते हुए ड्राइवरों को केवल 60 रुपये देते हैं.

पढ़ें- ओला, उबर को केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण का नोटिस

बेंगलुरु: एप-आधारित सर्विस देने वाली कंपनियां उबर, ओला और रैपिडो से जुड़ी शिकायतें मिलने के बाद कर्नाटक परिवहन विभाग ने बेंगलुरु में ऑटोरिक्शा सेवा को रोकने के लिए नोटिस जारी किया है. अधिकारियों ने ज्यादा शुल्क वसूलने को 'अवैध' प्रथा करार दिया और एएनआई टेक्नोलॉजीज को एक नोटिस जारी किया, जो ओला, उबर और रैपिडो चलाती है. उन्हें तीन दिनों में ऑटो सेवाएं बंद करने के लिए कहा है.

विभाग ने उन्हें अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने के लिए भी कहा. कई यात्रियों ने परिवहन विभाग से शिकायत की है कि ओला और उबर एग्रीगेटर दो किलोमीटर से कम की दूरी के बावजूद कम से कम 100 रुपये चार्ज करते हैं. शहर में न्यूनतम ऑटो किराया पहले 2 किमी के लिए 30 रुपये और उसके बाद प्रत्येक किलोमीटर के लिए 15 रुपये तय किया गया है.

सूत्र बताते हैं कि ऑटो का न्यूनतम किराया 30 रुपये और 5 मिनट के लिए 5 रुपये का वेटिंग चार्ज आधिकारिक तौर पर तय किया गया है. लेकिन, कैब एग्रीगेटर कथित तौर पर न्यूनतम किराया 100 रुपये वसूल रहे हैं.

परिवहन आयुक्त टीएचएम कुमार के अनुसार, राज्य के ऑन-डिमांड परिवहन प्रौद्योगिकी एग्रीगेटर्स नियम इन कंपनियों को ऑटो-रिक्शा सेवाएं चलाने की अनुमति नहीं देते हैं क्योंकि यह केवल टैक्सियों तक सीमित थी. आयुक्त के एक पत्र में कहा गया है, 'एग्रीगेटर सरकारी नियमों के उल्लंघन में ऑटोरिक्शा सेवाएं प्रदान कर रहे हैं. साथ ही, यह विभाग के संज्ञान में आया है कि ग्राहकों से सरकार द्वारा निर्धारित दरों से अधिक शुल्क लिया जा रहा है.'

नोटिस में कंपनियों को आदेश दिया गया है कि ऑटो सेवाओं को जल्द से जल्द बंद किया जाए और यात्रियों से सरकार द्वारा निर्धारित किराए से अधिक किराया नहीं वसूला जाए. विभाग ने आदेश का पालन नहीं करने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी. पिछले महीने परिवहन विभाग ने नागरिकों द्वारा ओवरचार्जिंग की शिकायतों के आधार पर राइड-हेलिंग एप पर 292 मामले दर्ज किए थे.

यात्री इस मामले में मुख्यमंत्री के साथ-साथ शीर्ष सरकारी अधिकारियों को ईमेल के माध्यम से कई शिकायतें दर्ज करा रहे हैं. विभाग ने शहर के विभिन्न हिस्सों में ऐसे एग्रीगेटर्स और ड्राइवरों की पहचान करने के लिए निरीक्षण अभियान भी चलाया है.

इस बीच, बेंगलुरु ऑटोरिक्शा ड्राइवर्स यूनियन (एआरडीयू) ने 1 नवंबर तक ओला, उबर, रैपिडो और अन्य एप-आधारित सेवा प्रदाताओं के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए एक मोबाइल एप - 'नम्मा यात्री एप' लॉन्च करने की योजना बनाई है. एप को उद्यमी नंदन नीलेकणी समर्थित बेकन फाउंडेशन के साथ साझेदारी में लॉन्च किया जाएगा. एआरडीओ के अध्यक्ष डी. रुद्रस्वामी ने कहा था कि एप आधारित सेवा प्रदाता 100 रुपये लेते हैं और शेष राशि को कमीशन के रूप में रखते हुए ड्राइवरों को केवल 60 रुपये देते हैं.

पढ़ें- ओला, उबर को केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण का नोटिस

Last Updated : Oct 7, 2022, 5:59 PM IST
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