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भारत-चीन वार्ता : 8 घंटे चली 13वें दौर की कमांडर स्तर बातचीत, सैन्य गतिरोध समाधान पर चर्चा - सैन्य गतिरोध

भारत और चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की वार्ता का 13वां दौर दोनों पक्षों के बीच आठ घंटे से अधिक की चर्चा के बाद संपन्न हुआ है, सेना के सूत्रों ने यह जानकारी दी.

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Published : Oct 10, 2021, 9:30 PM IST

नई दिल्ली : पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर दोनों देशों के बीच चल रहे सैन्य गतिरोध को संबोधित करने के लिए चीनी पक्ष के मोल्डो में सुबह 10:30 बजे चर्चा शुरू हुई थी, जो 8 घंटे तक चली.

इससे पहले गुरुवार को विदेश मंत्रालय (MEA) ने सूचित किया था कि उसे उम्मीद है कि बीजिंग द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन करते हुए पूर्वी लद्दाख में LAC के साथ शेष मुद्दे के जल्द समाधान की दिशा में काम करेगा.

इस बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दुशांबे, ताजिकिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के मौके पर चीनी समकक्ष वांग यी से भी मुलाकात की और सीमावर्ती क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ सीमा तनाव और विघटन पर चर्चा की.

पिछले साल भारत और चीन के सैनिक भिड़ गए थे, जिसके परिणामस्वरूप दोनों पक्षों के कई लोगों की जान चली गई थी. गलवान घाटी में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) द्वारा किए गए उल्लंघन के बाद झड़पें हुईं. इस घटना को एक साल से अधिक समय बीत चुका था लेकिन दोनों एशियाई दिग्गजों के बीच तनाव जारी है.

यह भी पढ़ें-RSS चीफ मोहन भागवत बोले- समाज कुटुंब के आधार पर चलता है, हिंदू जागेगा तो विश्व जागेगा

भारत और चीन के बीच 12 दौर की सैन्य वार्ता और कई राजनयिक वार्ताएं भी हुईं लेकिन तनाव अभी भी जारी है. कुछ विघटन हुआ है लेकिन भारत का कहना है कि पूर्ण विघटन केवल डी-एस्केलेशन का परिणाम होगा. कुछ विघटन वास्तव में हाल ही में हुआ है लेकिन यह पूर्ण नहीं है.

(ANI)

नई दिल्ली : पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर दोनों देशों के बीच चल रहे सैन्य गतिरोध को संबोधित करने के लिए चीनी पक्ष के मोल्डो में सुबह 10:30 बजे चर्चा शुरू हुई थी, जो 8 घंटे तक चली.

इससे पहले गुरुवार को विदेश मंत्रालय (MEA) ने सूचित किया था कि उसे उम्मीद है कि बीजिंग द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन करते हुए पूर्वी लद्दाख में LAC के साथ शेष मुद्दे के जल्द समाधान की दिशा में काम करेगा.

इस बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दुशांबे, ताजिकिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के मौके पर चीनी समकक्ष वांग यी से भी मुलाकात की और सीमावर्ती क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ सीमा तनाव और विघटन पर चर्चा की.

पिछले साल भारत और चीन के सैनिक भिड़ गए थे, जिसके परिणामस्वरूप दोनों पक्षों के कई लोगों की जान चली गई थी. गलवान घाटी में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) द्वारा किए गए उल्लंघन के बाद झड़पें हुईं. इस घटना को एक साल से अधिक समय बीत चुका था लेकिन दोनों एशियाई दिग्गजों के बीच तनाव जारी है.

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भारत और चीन के बीच 12 दौर की सैन्य वार्ता और कई राजनयिक वार्ताएं भी हुईं लेकिन तनाव अभी भी जारी है. कुछ विघटन हुआ है लेकिन भारत का कहना है कि पूर्ण विघटन केवल डी-एस्केलेशन का परिणाम होगा. कुछ विघटन वास्तव में हाल ही में हुआ है लेकिन यह पूर्ण नहीं है.

(ANI)

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