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भारत बायोटेक की नेजल वैक्सीन 'इनकोवैक' की निजी बाजार में कीमत 800 रुपये होगी

भारत बायोटेक की नेजल वैक्सीन की कीमत निजी बाजार में 800 रुपये होगी (iNCOVACC priced at Rs 800 for private markets), जबकि केंद्र और राज्य सरकारों को ये 325 रुपये में उपलब्ध कराई जाएगी. भारत बायोटेक की ओर से मंगलवार को ये जानकारी दी गई.

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नैजल वैक्सीन
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Published : Dec 27, 2022, 3:07 PM IST

Updated : Dec 27, 2022, 4:06 PM IST

नई दिल्ली/हैदराबाद : भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (बीबीआईएल) ने मंगलवार को कहा कि उसकी नाक से दी जाने वाली कोविड-19 रोधी दवा 'इनकोवैक' (नेजल वैक्सीन) की कीमत निजी बाजार में 800 रुपये (जीएसटी को छोड़कर) और सरकारी आपूर्ति के लिए 325 रुपये (जीएसटी को छोड़कर) रखी गई है (iNCOVACC priced at Rs 800 for private markets). यह दवा अब कोविन पोर्टल पर उपलब्ध है.

टीका निर्माता कंपनी ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि यह दवा जनवरी 2023 के चौथे सप्ताह से उपलब्ध होगी. इनकोवैक दुनिया की पहली नाक से दी जाने वाली कोविड-19 रोधी दवा है जिसे दो प्राथमिक खुराक के लिए और हीट्रोलोगस (विजातीय) बूस्टर खुराक के रूप में इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है. हीट्रोलोगस बूस्टर खुराक में प्राथमिक खुराक से अलग बूस्टर खुराक दी जा सकती है.

इस महीने की शुरुआत में भारत बायोटेक को इनकोवैक की विजातीय बूस्टर खुराक के इस्तेमाल के लिए केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) से मंजूरी मिली थी.

बीबीआईएल के कार्यकारी अध्यक्ष कृष्णा इल्ला ने कहा, 'हमने दो अलग-अलग आपूर्ति प्रणाली के साथ दो अलग-अलग मंच से दो कोविड औषधि कोवैक्सीन और इनकोवैक विकसित की हैं.' विज्ञप्ति में कहा गया है कि इनकोवैक (दो खुराक के बराबर) का तीसरे चरण का परीक्षण किया गया है. इनकोवैक वाशिंगटन विश्वविद्यालय, सेंट लुइस के साथ मिलकर विकसित की गई है.

बिना सुई के टीकाकरण के रूप में भारत बायोटेक का 'इनकोवैक' भारत की पहली ऐसी बूस्टर खुराक होगी. तीसरी खुराक या एहतियाती खुराक की बात आने पर भारत के पास अब अधिक विकल्प होंगे. 'इनकोवैक' का भंडारण और वितरण भी आसान है. इसे 2 से 8 डिग्री सेल्सियस पर रखा जा सकता है. भारत बायोटेक ने पूरे भारत में संचालन के साथ गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र और तेलंगाना सहित भारत भर में कई साइटों पर बड़ी विनिर्माण क्षमताएं स्थापित की हैं. नेजल वैक्सीन को वाशिंगटन विश्वविद्यालय, सेंट लुइस के साथ साझेदारी में विकसित किया गया था. सफल परिणामों के साथ इस वैक्सीन कैंडिडेट का चरण I, II और III नैदानिक ​​परीक्षणों में मूल्यांकन किया गया था.

'इनकोवैक' को विशेष रूप से नाक में बूंदों के माध्यम से इंट्रानेजल डिलीवरी की अनुमति देने के लिए तैयार किया गया है. निम्न और मध्यम आय वाले देशों में लागत प्रभावी होने के लिए नेजल वैक्सीन विकसित की गई है.

पढ़ें- वैक्सीन कोरोना: सरकार ने दी नेजल वैक्सीन को मंजूरी, सबसे पहले प्राइवेट अस्पतालों में मिलेगी

नई दिल्ली/हैदराबाद : भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (बीबीआईएल) ने मंगलवार को कहा कि उसकी नाक से दी जाने वाली कोविड-19 रोधी दवा 'इनकोवैक' (नेजल वैक्सीन) की कीमत निजी बाजार में 800 रुपये (जीएसटी को छोड़कर) और सरकारी आपूर्ति के लिए 325 रुपये (जीएसटी को छोड़कर) रखी गई है (iNCOVACC priced at Rs 800 for private markets). यह दवा अब कोविन पोर्टल पर उपलब्ध है.

टीका निर्माता कंपनी ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि यह दवा जनवरी 2023 के चौथे सप्ताह से उपलब्ध होगी. इनकोवैक दुनिया की पहली नाक से दी जाने वाली कोविड-19 रोधी दवा है जिसे दो प्राथमिक खुराक के लिए और हीट्रोलोगस (विजातीय) बूस्टर खुराक के रूप में इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है. हीट्रोलोगस बूस्टर खुराक में प्राथमिक खुराक से अलग बूस्टर खुराक दी जा सकती है.

इस महीने की शुरुआत में भारत बायोटेक को इनकोवैक की विजातीय बूस्टर खुराक के इस्तेमाल के लिए केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) से मंजूरी मिली थी.

बीबीआईएल के कार्यकारी अध्यक्ष कृष्णा इल्ला ने कहा, 'हमने दो अलग-अलग आपूर्ति प्रणाली के साथ दो अलग-अलग मंच से दो कोविड औषधि कोवैक्सीन और इनकोवैक विकसित की हैं.' विज्ञप्ति में कहा गया है कि इनकोवैक (दो खुराक के बराबर) का तीसरे चरण का परीक्षण किया गया है. इनकोवैक वाशिंगटन विश्वविद्यालय, सेंट लुइस के साथ मिलकर विकसित की गई है.

बिना सुई के टीकाकरण के रूप में भारत बायोटेक का 'इनकोवैक' भारत की पहली ऐसी बूस्टर खुराक होगी. तीसरी खुराक या एहतियाती खुराक की बात आने पर भारत के पास अब अधिक विकल्प होंगे. 'इनकोवैक' का भंडारण और वितरण भी आसान है. इसे 2 से 8 डिग्री सेल्सियस पर रखा जा सकता है. भारत बायोटेक ने पूरे भारत में संचालन के साथ गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र और तेलंगाना सहित भारत भर में कई साइटों पर बड़ी विनिर्माण क्षमताएं स्थापित की हैं. नेजल वैक्सीन को वाशिंगटन विश्वविद्यालय, सेंट लुइस के साथ साझेदारी में विकसित किया गया था. सफल परिणामों के साथ इस वैक्सीन कैंडिडेट का चरण I, II और III नैदानिक ​​परीक्षणों में मूल्यांकन किया गया था.

'इनकोवैक' को विशेष रूप से नाक में बूंदों के माध्यम से इंट्रानेजल डिलीवरी की अनुमति देने के लिए तैयार किया गया है. निम्न और मध्यम आय वाले देशों में लागत प्रभावी होने के लिए नेजल वैक्सीन विकसित की गई है.

पढ़ें- वैक्सीन कोरोना: सरकार ने दी नेजल वैक्सीन को मंजूरी, सबसे पहले प्राइवेट अस्पतालों में मिलेगी

Last Updated : Dec 27, 2022, 4:06 PM IST
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