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चक्रवात से जुड़ी सटीक जानकारी के लिये 'ऐप' तैयार कर रहे हैं आईएमडी, एनडीएमए

चक्रवात की चेतावनी से जुड़ी नवीनतम सूचना और जानकारी मिल सके इसके लिए आईएमडी, एनडीएमए एक ऐप तैयार कर रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Sep 29, 2021, 7:14 PM IST

नई दिल्ली : चक्रवात से जुड़ी सूचना और उससे बचाव की गतिविधियों के बारे में आम लोगों, आपदा प्रबंधकों आदि को सटीक जानकारी पहुंचाने के लिये भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) एक ऐप तैयार कर रहे हैं.

भारत मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया, इस ऐप का मकसद चक्रवात की चेतावनी से जुड़ी नवीनतम सूचनाएं उपलब्ध कराना है . यह वेब आधारित ऐप होगा जो डायनेमिक कंपोजिट रिस्क एटलस पर आधारित होगा.

उन्होंने बताया कि डायनेमिक कंपोजिट रिस्क एटलस वह मानचित्र है जिसमें भूस्थैतिक एवं जनसंख्या संबंधी आंकड़ों के आधार पर तटीय भूभाग पर चक्रवात संभावित क्षेत्रों को दर्शाया जाता है ताकि आधारभूत ढांचे, आर्थिक एवं अन्य नुकसान से बचा जा सके.

उन्होंने कहा कि इस ऐप पर काम चल रहा है . यह ऐप पहले से मौसम संबंधी जानकारी देने वाले अन्य माध्यमों के अलावा चक्रवात पर विशिष्ट रूप से केंद्रित होगा .

उल्लेखनीय है कि भारत मौसम विज्ञान विभाग और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने राष्ट्रीय चक्रवात शमन परियोजना के तहत चक्रवात संभावित तटीय राज्यों में उपयोग के लिये डायनेमिक कंपोजिट रिस्क एटलस प्रणाली विकसित की है.

चक्रवातीय घटनाओं पर पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा प्रकाशित जलवायु परिवर्तन मूल्यांकन संबंधी नवीनतम रिपोर्ट में कहा गया है कि बीसवीं सदी के मध्य (1951-2018) से उत्तरी हिंद महासागर में उष्णदेशीय चक्रवात की वार्षिक आवृति में कमी आई है. इसके विपरीत पिछले दो दशकों में मानसून के बाद अति प्रचंड चक्रवाती तूफान की संख्या में अधिक वृद्धि हुई है.

रिपोर्ट के अनुसार, जलवायु मॉडलों में 21वीं सदी के दौरान उत्तरी हिंद महासागर घाटी में उष्णदेशीय चक्रवातों की आवृत्ति में वृद्धि का अनुमान व्यक्त किया गया है.

पढ़ें :- मौसम की बेहतर जानकारी देगा एक्स-बैंड डॉप्लर रडार

चक्रवाती तूफान गुलाब के कारण इस सप्ताह महाराष्ट्र में जानमाल के काफी नुकसान की खबरें आई हैं. इसमें अब तक 17 लोगों के मारे जाने की खबर हैं.

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 2019 में अरब सागर में 5, बंगाल की खाड़ी में 3 चक्रवाती तूफान आए जिसमें से छह प्रचंड तूफान की श्रेणी के थे. वर्ष 2020 में अरब सागर में 2, बंगाल की खाड़ी में 2 और उत्तरी हिंद महसागर में एक चक्रवाती तूफान आया जिसमें से पांच प्रचंड चक्रवात की श्रेणी के थे. जून 2021 तक अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में प्रचंड चक्रवात की श्रेणी के एक-एक तूफान आए.

इन आंकड़ों के अनुसार, साल 2010 से लेकर अब तक पिछले साढ़े ग्यारह वर्ष में 748 लोगों की चक्रवात के कारण मृत्यु हुई है. इस प्रकार से हर साल चक्रवात के कारण औसतन 72 लोगों की मौत हो रही है.

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय का कहना है कि चक्रवात पूर्वानुमान कौशल में सुधार से हाल के वर्षो में जनहानि में कमी आई है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : चक्रवात से जुड़ी सूचना और उससे बचाव की गतिविधियों के बारे में आम लोगों, आपदा प्रबंधकों आदि को सटीक जानकारी पहुंचाने के लिये भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) एक ऐप तैयार कर रहे हैं.

भारत मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया, इस ऐप का मकसद चक्रवात की चेतावनी से जुड़ी नवीनतम सूचनाएं उपलब्ध कराना है . यह वेब आधारित ऐप होगा जो डायनेमिक कंपोजिट रिस्क एटलस पर आधारित होगा.

उन्होंने बताया कि डायनेमिक कंपोजिट रिस्क एटलस वह मानचित्र है जिसमें भूस्थैतिक एवं जनसंख्या संबंधी आंकड़ों के आधार पर तटीय भूभाग पर चक्रवात संभावित क्षेत्रों को दर्शाया जाता है ताकि आधारभूत ढांचे, आर्थिक एवं अन्य नुकसान से बचा जा सके.

उन्होंने कहा कि इस ऐप पर काम चल रहा है . यह ऐप पहले से मौसम संबंधी जानकारी देने वाले अन्य माध्यमों के अलावा चक्रवात पर विशिष्ट रूप से केंद्रित होगा .

उल्लेखनीय है कि भारत मौसम विज्ञान विभाग और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने राष्ट्रीय चक्रवात शमन परियोजना के तहत चक्रवात संभावित तटीय राज्यों में उपयोग के लिये डायनेमिक कंपोजिट रिस्क एटलस प्रणाली विकसित की है.

चक्रवातीय घटनाओं पर पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा प्रकाशित जलवायु परिवर्तन मूल्यांकन संबंधी नवीनतम रिपोर्ट में कहा गया है कि बीसवीं सदी के मध्य (1951-2018) से उत्तरी हिंद महासागर में उष्णदेशीय चक्रवात की वार्षिक आवृति में कमी आई है. इसके विपरीत पिछले दो दशकों में मानसून के बाद अति प्रचंड चक्रवाती तूफान की संख्या में अधिक वृद्धि हुई है.

रिपोर्ट के अनुसार, जलवायु मॉडलों में 21वीं सदी के दौरान उत्तरी हिंद महासागर घाटी में उष्णदेशीय चक्रवातों की आवृत्ति में वृद्धि का अनुमान व्यक्त किया गया है.

पढ़ें :- मौसम की बेहतर जानकारी देगा एक्स-बैंड डॉप्लर रडार

चक्रवाती तूफान गुलाब के कारण इस सप्ताह महाराष्ट्र में जानमाल के काफी नुकसान की खबरें आई हैं. इसमें अब तक 17 लोगों के मारे जाने की खबर हैं.

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 2019 में अरब सागर में 5, बंगाल की खाड़ी में 3 चक्रवाती तूफान आए जिसमें से छह प्रचंड तूफान की श्रेणी के थे. वर्ष 2020 में अरब सागर में 2, बंगाल की खाड़ी में 2 और उत्तरी हिंद महसागर में एक चक्रवाती तूफान आया जिसमें से पांच प्रचंड चक्रवात की श्रेणी के थे. जून 2021 तक अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में प्रचंड चक्रवात की श्रेणी के एक-एक तूफान आए.

इन आंकड़ों के अनुसार, साल 2010 से लेकर अब तक पिछले साढ़े ग्यारह वर्ष में 748 लोगों की चक्रवात के कारण मृत्यु हुई है. इस प्रकार से हर साल चक्रवात के कारण औसतन 72 लोगों की मौत हो रही है.

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय का कहना है कि चक्रवात पूर्वानुमान कौशल में सुधार से हाल के वर्षो में जनहानि में कमी आई है.

(पीटीआई-भाषा)

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