मेरठ: पर्यावरण समस्या के समाधान में योगदान के लिए दुनिया भर के 17 बच्चों को वर्ष 2023 का इंटरनेशनल यंग इको-हीरो अवार्ड दिया गया है. जिसमें मेरठ की 10 साल की ईहा दीक्षित चुने गए बच्चों में नंबर एक पर हैं. ईहा दीक्षिक कक्षा 6 में पढ़ती है. सैन फ्रांसिस्को स्थित इंटरनेशनल नॉन-प्राफिट आर्गेनाइजेशन एक्शन फॉर नेचर ने बुधवार को इस अवार्ड की घोषणा की है. ईहा पर्यावरण सुरक्षा के लिए हर सप्ताह पौधे लगाती है. इस मौके पर ईटीवी भारत ने ईहा से खास बातचीत कर जाना उनके सफर के बारे में…
पर्यावरणविदों की सूची में टाॅप रैंकिंग: गौरतलब है, अमेरिका में एक्शन फाॅर नेचर की ओर से बुधवार को इंटरनेशनल यंग इको हीरो अवार्ड 2023 की घोषणा हुई है. जिसमें विश्व के 5 देशों से 17 प्रतिभागी विजेता बने. जिसमें ईहा दीक्षित ने विश्व के बाल पर्यावरणविद्वों की सूची में टाॅप रैंकिंग हासिल करने के साथ ही प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया है. ईहा को यह पुरस्कार 8 से 12 वर्ष आयु वर्ग में मिला है. इस पहले भी ईहा दीक्षित को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है. पर्यावरण समस्या के समाधान में योगदान देने वाले दुनिया भर के बच्चों को सैन फ्रांसिसको स्थित एक्शन फाॅर नेचर की ओर से प्रति वर्ष यह पुरस्कार दिया जाता है.
4 साल की उम्र से कर रही पौधरोपण: ईहा दीक्षित ने महज साढे़ चार साल की उम्र से पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण करने का काम शुरू कर दिया था. ईहा कहती हैं कि उन्हें हरियाली पसंद है. पीएम मोदी का मन की बात सुनकर प्रेरणा मिली और फिर अपने जन्मदिन पर पौधारोपण किया. इसके बाद से अबतक करीब 20 हजार पौधे लगा चुकी हैं. उन्हें खुशी होती है जब वह अपने द्वारा लगाए पौधों को वृक्ष बनती देखती है. ईहा ने बताया कि आवास विकास परिषद के सहयोग से भी वह ग्रीन बेल्ट में विशाल पौधारोपण कर रही हैं.
मटका विधि से पौधरोपण: पर्यावरण प्रेम के कारण ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ईहा अपना नन्हा दोस्त मानते हैं. ईहा ने बताया कि प्रधानमंत्री द्वारा बताई गई मटका विधि से वह पौधारोपण करती हैं. इस विधि से पौधारोपण करने पर सिंचाई में इस्तेमाल होने वाला जल 80 प्रतिशत तक कम हो जाता है और पौधों की वृद्वि दर 20 प्रतिशत अधिक हो जाती है. पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए अंतिम सांस तक पौधे लगाने और उनके संवर्धन के लिए कार्य करना है. इसके अलावा वह बड़ी होकर आईपीएस बनना चाहती हैं.
ग्रीन ईहा स्माइल फाउंडेशन की स्थापना: ईहा के पिता कुलदीप शर्मा ने बताया कि कहते हैं कि साढे़ पांच साल की उम्र में उनकी बेटी ने ग्रीन ईहा स्माइल फाउंडेशन की स्थापना कर दी थी. जिसके बाद ईहा के साथ कुछ और भी बच्चे जुड़ गए. पिछले 275 सप्ताह से हर रविवार को ईहा पौधारोपण करती है. कुलदीप शर्मा ने बताया कि इस पुरस्कार के लिए ईहा को कड़ी प्रतिस्पर्धा से गुजरना पड़ा. उनके द्वारा किए गए सभी कार्यों का सत्यापन होने के बाद इंटरव्यू के लिए शार्ट लिस्ट किया गया था. मई में लगभग 55 मिनट ईहा का इंटरव्यू लिया गया था. ईहा अब तक इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्डस, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्डस समेत अनेकों बार अलग-अलग मंचों पर सम्मानित हुई है. ईहा के पिता कहते हैं कि उन्हें विश्वास था कि अवार्ड लिस्ट में उनकी बेटी का नाम होगा. लेकिन विश्व रैंक में प्रथम स्थान पर उनकी बेटी का आना ईश्वर, परिजनों, टीचर्स और बडे़ लोगों के आशीर्वाद का परिणाम है.
प्लांट और सीड बैंक भी चलाती हैं: ईहा की मां ने बताया कि बेटी पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए प्लांट और सीड बैंक भी चलाती हैं. उन्होंने बीआईएमटी काॅलेज में ईहा औषधीय वाटिका की स्थापना की हुई है, जहां निशुल्क औषधीय पौधे प्रदान किए जाते हैं. सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग वह प्लांटर होल्डर बनाने के लिए करती हैं. इसके अलावा ईहा ने बड़ी संख्या में सीड बाॅल भी तैयार किए हैं. वहीं, इन दिनों ईहा डांस भी सीख रही है. ईहा को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के अलावा केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय की ओर से वाॅटर हीरो पुरस्कार भी अब तक मिल चुका है.
नेताओं और बाॅलीवुड हस्तियों ने की सराहना: इसके अलावा ईहा संयुक्त राष्ट्र के द्वारा आयोजित विश्व एशिया शांति सम्मेलन में भी भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं. ईहा के कार्यों की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और वर्तमान राष्ट्रपति द्रोपद्री मुर्मू समेत तमाम बाॅलीवुड हस्तियां सराहना कर चुके हैं. बता दें कि ईहा दीक्षित 2019 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यक्रम मन की बात और फिल्म अभिनेता पंकज त्रिपाठी के साथ भी एक निजी कम्पनी के अभियान का प्रोमो भी कर चुकी हैं.ईहा ने बताया कि वह चाहती है लोग पर्यावरण की सुरक्षा के लिए आगे आएं, सिर्फ सेल्फी लेने से काम चलने वाला नहीं है.
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