लखनऊ : उत्तर प्रदेश के सभी स्टेट और नेशनल हाईवे में स्थित ढाबों, होटल पर पार्किंग न होने के कारण और शहर के अंदर एंट्री न खुलने के कारण ट्रक लंबी कतार में सड़कों पर खड़े रहते हैं. जिनकी वजह से काफी हादसे होते हैं. रोड सेफ्टी के आंकड़ों में सामने आया है कि ऐसे हादसों में बीते छह माह में स्टेट हाईवे पर खड़े ट्रक की वजह से 103 हादसे हुए हैं. हादसों में 156 लोगों की मौत हुई है, वहीं 400 लोग घायल हुए. यह तब है जब बीते सितंबर माह में सीएम योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए थे कि जल्द से जल्द हाईवे पर ट्रक लेन, पार्किंग यार्ड बनाने के साथ ही बिना पार्किंग वाले ढाबों पर कार्रवाई की जाए, हालांकि हुआ कुछ नहीं, लेकिन मौतों का आंकड़ा जरूर बढ़ गया.
बीते साल बाराबंकी जिले में हाईवे किनारे खड़े ट्रक के पीछे बस की टक्कर में 14 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी. इस हादसे के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने सड़क सुरक्षा की बैठक में निर्देश दिए कि, हाइवे किनारे खड़े वाहनों के ठहराव के लिए एनएचएआई, यूपीडा और परिवहन विभाग के अफसर एक एक्शन प्लान बनाएं. इतना ही नहीं हाईवे पर बने बिना पार्किंग के ढाबों पर भी कार्रवाई हुई. लिहाजा कुछ दिनों तक पुलिस, पीडब्ल्यूडी, परिवहन विभाग और अन्य संबंधित विभाग ने एक्शन दिखाया.
राजधानी के इन हाईवे पर रहता है ट्रकों का जमावड़ा | |
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राजधानी में इसी वर्ष ट्रैफिक विभाग ने पीडब्ल्यूडी और एनएचएआई को पत्र लिखा था कि ट्रकों को खड़े होने के लिए होल्डिंग एरिया में एक और लेन बनाएं, जिससे सामान्य वाहनों को निकलने में कोई दिक्कत न हो. इसके अलावा हाईवे किनारे पार्किंग यार्ड भी बनाया जाए, हालांकि इस पत्राचार का कोई खास फायदा नहीं हुआ. एनएचएआई ने अतिरिक्त जमीन न होने का हवाला देकर पार्किंग यार्ड बनाने से पल्ला झाड़ लिया और पीडब्ल्यूडी ने योजना बनाने का समय मांग मामले को टाल दिया, हालांकि ढाबों को हटाने को लेकर जरूर दावा किया गया कि प्रदेश भर में करीब 525 ऐसे ढाबों को हटाया गया था, जिनके पास पार्किंग की जगह नहीं थी.