अहमदाबाद : गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी (Gujarat CM Vijay Rupani) ने इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने राज्यपाल आचार्य देवव्रत को अपना इस्तीफा सौंपा. रुपाणी (65) ने दिसंबर 2017 में दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी.
रुपाणी ने कहा कि 'मैं भारतीय जनता पार्टी के प्रति आभार व्यक्त करता हूं कि मेरे जैसे एक पार्टी कार्यकर्ता को गुजरात के मुख्यमंत्री पद की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी. मुख्यमंत्री के रूप में मिले इस दायित्व को निभाते हुए मेरे कार्यकाल के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विशेष मार्गदर्शन मिलता रहा है, जिसके लिए मैं पीएम मोदी का आभारी हूं.
रुपाणी ने कहा कि 'प्रधानमंत्री के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में गुजरात ने समग्र विकास तथा सर्वजन कल्याण के पथ पर आगे बढ़ते हुए नए आयामों को छुआ है. गुजरात के विकास की यात्रा में गत पांच वर्षों में मुझे भी योगदान करने का जो अवसर मिला, उसके लिए प्रधानमंत्री का आभार प्रकट करता हूं.'
उन्होंने कहा कि 'मेरा मानना है कि अब गुजरात के विकास की यह यात्रा प्रधानमंत्री के नेतृत्व में एक नए उत्साह व नई उर्जा के साथ नए नेतृत्व में आगे बढ़नी चाहिए. यह ध्यान रखकर मैंने गुजरात के मुख्यमंत्री पद के दायित्व से त्यागपत्र दे रहा हूं.
उन्होंने कहा कि संगठन व विचारधारा आधारित दल होने के नाते भारतीय जनता पार्टी की यह परंपरा है कि समय के साथ-साथ कार्यकर्ताओं के दायित्व भी बदलते रहे हैं. यह हमारी पार्टी की विशेषता है कि जो दायित्व पार्टी द्वारा दिया जाता है, पूरे मनोयोग से पार्टी कार्यकर्ता उसका निर्वहन करते हैं. मुख्यमंत्री के रूप में मिले दायित्व का निर्वहन करने बाद अब मैंने मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र देकर पार्टी के संगठन में नई ऊर्जा के साथ काम करने की इच्छा जताई है. अब मुझे पार्टी द्वारा जो भी जिम्मेदारी दी जाएगी उसका प्रधानमंत्री के नेतृत्व एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष के मार्गदर्शन में निर्वहन करूंगा.
गुजरात की जनता का जताया आभार
उन्होंने गुजरात की जनता का भी आभार जताया. उन्होंने कहा कि 'मैं गुजरात की जनता के प्रति भी आभार व्यक्त करता हूं कि विगत पांच वर्षों में हुए उपचुनाव हों चाहें स्थानीय निकाय के चुनाव हों, पार्टी और सरकार को गुजरात की जनता का अभूतपूर्व समर्थन, सहयोग और विश्वास मिला है. गुजरात की जनता का विश्वास भारतीय जनता पार्टी की ताकत भी बनी है और मेरे लिए लगातार जनहित में काम करते रहने की ऊर्जा भी रहा है.'
रुपाणी ने कहा कि 'हमारी सरकार ने प्रशासन के चार आधारभूत सिद्धांतों पारदर्शिता, विकासशीलता, संवेदनशीलता एवं निर्णायकता के आधार पर जनता की सेवा करने का यथाशक्ति प्रयत्न किया है. इस कार्य मे मंत्रीमंडल के सभी सदस्यो, विधानसभा के सभी सदस्यों, पार्टी कार्यकर्ताओं और जनता का पूरा सहयोग मिला है. मैं सभी का इस सहयोग के लिए आभार व्यक्त करता हूं.'
रुपाणी ने कहा कि कोरोना के कठिन समय में हमारी सरकार ने दिन रात अथक मेहनत कर गुजरात की जनता को यथासंभव सुरक्षित रखने का प्रयत्न किया. साथ ही टीकाकरण के काम में भी गुजरात आगे रहा हमने इसमें बहुत सारे कीर्तिमान स्थापित किए हैं, जिसका मुझे बहुत संतोष है.
'शाह से मिला अमूल्य सहयोग'
उन्होंने कहा कि 'पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुझे प्रशासनिक विषयों में नए अनुभवों को जानने-समझने का अवसर मिला. पार्टी के कामकाज में भी उनका सहयोग मेरे लिए अमूल्य है. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा का सहयोग व मार्गदर्शन भी मेरे लिए अटूट रहा है.'
पहली बार 2016 में बने थे सीएम
रुपाणी पहली बार सात अगस्त, 2016 को मुख्यमंत्री बने थे. उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल के इस्तीफे के बाद यह पद संभाला था. उन्होंने 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत के बाद दूसरी बार राज्य की बागडोर संभाली.
रुपाणी ने क्यों दिया इस्तीफा?
गुजरात में अगले साल चुनाव होने वाले हैं इसको देखते हुए भाजपा की रणनीति एंटी एंकेम्बेसी करने की है. रुपाणी को हटाकर भाजपा मैसेज देना चाहती है कि काम के नाम पर ही भाजपा में पद दिए जाते हैं. दरअसल कोरोना के दौरान सरकार के खिलाफ गुजरात में माहौल बना. इसके पहले देखा जाए तो कोरोना के समय सूरत नगर निगम के चुनाव भी भाजपा हार गई थी. आम आदमी पार्टी ने सूरत में कब्जा कर लिया था. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल सूरत से ही आते हैं. आप की बढ़ती पकड़ को भी इस्तीफे का कारण माना जा रहा है. सूत्रों का कहना है कि नितिन पटेल, केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया, सीआर पाटिल मुख्यमंत्री पद की दौड़ में हैं.
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